देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच जनता की माँग पर दूरदर्शन ने शनिवार से रामायण और महाभारत को प्रसारित कर लोगों का मनोरंजन करने का फैसला किया। रामानंद सागर की ‘रामायण’ और बी आर चोपड़ा निर्देशित ‘महाभारत’ को भला कोई भूल सकता है! 80 के दशक के आखिर में इस सीरियल ने सफलता की जो इबारत लिखी, वह ऐतिहासिक साबित हुआ। टीवी की दुनिया में वैसा जादू फिर से दोहराया न जा सका। शनिवार को बेहद लोकप्रिय टीवी सीरियल ने दूरदर्शन पर वापसी की और रामायण का पहला एपिसोड आज सुबह 9 बजे प्रसारित किया गया।
जैसे ही रामायण का पहला एपिसोड शुरू हुआ, लोगों ने गूगल पर रामानंद सागर की रामायण सर्च करना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से यह गूगल में टॉप सर्च में आ गया। दरअसल लोग यह जानने को काफी उत्सुक थे कि इसका प्रसारण कब शुरू होगा और वो इसे ऑनलाइन कैसे देख पाएँगे। इसके लिए लोग लगातार ऑनलाइन लिंक सर्च कर रहे थे।
बता दें कि सिर्फ गूगल पर ही नहीं, बल्कि सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर भी टॉप 10 ट्रेंड में रामायण, रामानंद सागर और दूरदर्शन से संबंधित चीजें ही शामिल रहीं।
उल्लेखनीय है कि रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण साल 1987 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था। वहीं बीआर चोपड़ा की महाभारत का प्रसारण भी साल 1988 में पहली बार दूरदर्शन पर हुआ था। रामायण और महाभारत को लोग इतने चाव से देखते थे कि सड़कों पर एकदम सन्नाटा होता था। इन धार्मिक कार्यक्रमों के प्रसारण के वक्त बाहर सड़कों का माहौल एकदम कर्फ्यू की तरह ही होता था।
1987-88 में रामायण और महाभारत को लोग बड़े ही चाव से देखते थे। कहा जाता है कि उस दौर में अफसर से लेकर नेता तक किसी से मिलना तो क्या किसी का फोन भी उठाना पसंद नहीं करते थे। 78 एपिसोड वाले रामायण का प्रसारण जब होता था, तो देश की सड़कों और गलियों में कर्फ्यू जैसा सन्नाटा छा जाता था। भारत के तमाम शहरों और गाँवों में रामायण के टेलीकास्ट के समय लोग अगरबत्ती जलाकर बैठा करते थे। चप्पलें कमरे के बाहर उतार दी जाती थीं।
लिबरल ब्रीड को रामायण-महाभारत में दिख रहा हिंदुत्व और गुंडागर्दी, हिन्दूघृणा की उलटी में नहा रहे