बॉलीवुड में ऐसा अक्सर हुआ है कि जब तमाम कलाकार और अपने साथी कलाकार के समर्थन में उतरते हैं। जिस दौर में सोशल मीडिया नहीं था उस दौर में भी ऐसा हुआ है और दिग्गज कलाकारों द्वारा बड़े पैमाने पर हुआ है। इस मामले की सबसे बेहतर मिसाल है जब साल 1993 में मुंबई बम धमाकों के मामले में संजय दत्त को टाडा की अदालत ने दोषी करार दिया था। बॉलीवुड के तमाम दिग्गज कलाकार शाहरुख खान, सलमान खान, अक्षय कुमार, अनुपम खेर, अजय देवगन, अमरीश पुरी, जैकी श्रॉफ संजय दत्त के समर्थन में आए थे। बीते दिन कंगना रनौत मुंबई स्थित दफ्तर पर बीएमसी ने बुलडोजर चलाया। दफ्तर का एक हिस्सा तोड़ दिया लेकिन शायद ही किसी कलाकार ने कंगना का समर्थन किया।
लगभग 26 साल पहले बॉलीवुड का अमूमन हर दिग्गज कलाकार संजय दत्त के समर्थन में पोस्टर और तख्तियां लेकर निकला था। दरअसल, 12 मार्च साल 1993 के दौरान मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इस मामले में बॉलीवुड से जुड़े कई लोगों का नाम सामने आया। इसमें सबसे ज़्यादा चर्चित रहा संजय दत्त का नाम जिन पर अबू सलेम और रियाज़ सिद्दीकी से अवैध हथियार लेकर रखने और नष्ट करने का दोषी पाया गया था। अबू सलेम मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों का आरोपित भी था। वहीं टाडा अदालत में पेश किए गए सबूतों के मुताबिक़ इन हथियारों का इस्तेमाल मुंबई बम धमाकों में किया जाना था।
हालाँकि, सुनवाई के दौरान अदालत में संजय दत्त ने कहा कि वह अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे इसलिए उन्होंने यह हथियार अपने पास रखे थे। संजय दत्त ने कहा वह घबरा गए थे और उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें क्या करना चाहिए। कई लोगों के दबाव में आकर उन्होंने यह कदम उठाया था। इसके बाद एक प्रेस वार्ता के दौरान भी संजय दत्त ने इस मुद्दे पर भावुक होकर कई बातें कही थीं। उन्होंने कहा मैं माफ़ी के लिए निवेदन नहीं करूँगा। मैं आत्मसमर्पण करूँगा और मैं सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूँ।
आखिरकार मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में शामिल होने के आरोप में 4 जुलाई साल 1994 को उन्हें न्यायिक हिरासत में लिया गया था। संजय दत्त को आतंकवाद और विघटनकारी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (TADA Act) के तहत आरोपित पाया गया था। न्यायालय की तरफ से यह कार्रवाई होते ही पूरा बॉलीवुड सक्रिय हो गया और संजय दत्त के पक्ष में उतर आया। शाम का वक्त था, शाहरुख खान एक टीवी कमर्शियल की शूटिंग कर रहे थे। वह सब कुछ छोड़ कर चले आए, शाहरुख की तरह निर्देशक राम गोपाल वर्मा, जैकी श्रॉफ और गुलशन ग्रोवर भी अपना काम छोड़ कर समर्थन करने के लिए आगे आए।
इसके अगले दिन आशा पारेख के घर पर बैठक हुई जिसमें लगभग हर दिग्गज कलाकार शामिल हुआ था। रातों-रात तमाम शूटिंग बंद हो गई और सारे अहम काम रोक दिए गए। सभी कलाकार मुंबई के सबर्बन होटल पर इकट्ठा हुए और और वहाँ से ठाणे जेल की और गए जहाँ संजय दत्त को रखा गया था। इसके बाद सभी कलाकारों ने जेलर को एक पत्र लिखा। यह पहला ऐसा मौक़ा था जब इतने कलाकार किसी के समर्थन में उतरे थे, यह उस दौर की बात है जब सोशल मीडिया नहीं हुआ करता था। इसके बावजूद इस पूरे घटना की तमाम तस्वीरें मौजूद हैं जिसमें कई कलाकार साफ़ तौर पर देखे जा सकते हैं।
इसमें दिलीप कुमार से लेकर यश चोपड़ा तक और सायरा बानो से लेकर अमरीश पुरी तक मौजूद थे। इसके अलावा शाहरुख खान, सलमान खान, सैफ अली खान, अनुपम खेर, महेश भट्ट, करिश्मा कपूर, अजय देवगन, अक्षय कुमार, रवीना टंडन, जैकी श्रॉफ और उस ज़माने की मशहूर अदाकारा आशा पारेख भी मौजूद थीं। यह सभी कलाकार संजय दत्त के समर्थन में हाथ में तख्तियां और पोस्टर लेकर खड़े थे।
फिल्म निर्देशक मुकुल आनंद ने “Sanju, we’re with u” के लगभग हज़ार पोस्टर छपवाए थे वहीं महेश भट्ट ने तो यहाँ तक कह दिया था, “जो क़ानून दाउद इब्राहिम पर लागू होता है वह संजय दत्त पर कैसे लागू हो सकता है?” इसके अलावा संजय दत्त के समर्थन में पोस्टर छपवाने के लिए रातों-रात 7 लाख रूपए इकट्ठा कर लिए गए थे। संजय दत्त की छवि को बेहतर दिखाने के लिए एक अच्छे भले अभियान की योजना बन गई थी। जिसमें बॉलीवुड का हर दिग्गज अभिनेता और कलाकार शामिल था।
इसके अलावा संजय दत्त के पिता सुनील दत्त ने इस संबंध में बहुत प्रयास किए थे। सुनील दत्त कॉन्ग्रेस पार्टी से सांसद थे, इसके बावजूद उन्होंने इस मामले में 1995 के दौरान शिवसेना मुखिया बाल ठाकरे से मदद माँगी थी। उस दौरान केंद्र में कॉन्ग्रेस की सरकार थी लेकिन महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की गठबंधन सरकार थी। उस दौर में सुनील दत्त ने अपने बेटे की रिहाई के लिए बाल ठाकरे से मदद की माँग की थी। एक समाचार समूह के साक्षात्कार में बात करते हुए सुनील दत्त ने इस बात का खुलासा भी किया था।
उन्होंने कहा था, “जिस समय महाराष्ट्र में शिवसेना महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी थी उस दौरान बाल ठाकरे अक्सर दावा करते थे कि उनके पास सरकार की चाभी थी। ऐसे में यह बेहद स्वाभाविक है कि कोई भी उनके पास मदद के लिए जाता।” इसके बाद बाल ठाकरे ने मामले में दखल दिया जिसके बाद 3 साल जेल में बिताने के बाद 1995 में संजय दत्त जेल से बाहर आए। हालाँकि, संजय दत्त जमानत पर बाहर आए थे और और इसके दो महीने बाद दिसंबर 1995 में उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया था।
अंत में साल 1997 के दौरान एक लंबी क़ानूनी जद्दोजहद के बाद उन्हें जमानत मिली थी। लेकिन दो साल का वक्त संजय दत्त के लिए बहुत लंबा था। इस दौरान उनके पिता सुनील दत्त ने अपने राजनीतिक जीवन में बहुत कुछ खो दिया था। इतना ही नहीं संजय दत्त ने अपने फ़िल्मी करियर में भी बहुत कुछ खोया दिया था। यह भी देखा गया था कि जेल से छूटते ही संजय दत्त सबसे पहले बाल ठाकरे से मिलने गए और उनका आशीर्वाद लिया। इसके अलावा नवंबर 2012 में जब बाल ठाकरे का स्वास्थ्य अच्छी स्थिति में नहीं था तब संजय दत्त ने कहा था, “बाल ठाकरे मेरे लिए पिता जैसे हैं, वह मेरे लिए ऐसे वक्त में खड़े थे जब कोई मेरा साथ देने नहीं आया।”
अंततः 31 जुलाई साल 2007 को टाडा अदालत ने मुंबई बम धमाकों के मामले में संजय दत्त को 6 साल की सज़ा सुनाई थी। इस आदेश के बाद संजय दत्त ने अदालत में कहा कि उन्होंने हथियार अपने सुरक्षा के लिए रखे थे फिर भी अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था। साल 2007 में सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें इस मामले में अंतरिम जमानत दी थी। लेकिन 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने टाडा अदालत के आदेश को सही ठहराते हुए संजय दत्त को 5 साल की सज़ा सुनाई थी।
1993 के दौरान मुंबई में हुए इन सिलसिलेवार बम धमाकों में 257 निर्दोष लोगों ने अपनी जान गँवाई थी। संजय दत्त हमेशा विवादों से घिरे हुए थे और इतने गंभीर मामलों में दोषी पाए गए थे। फिर भी बॉलीवुड के आधे से ज्यादा लोगों ने उनका समर्थन किया। हाल ही में उनकी जिंदगी पर आधारित एक फिल्म भी आई थी ‘संजू’ जिसमें उनकी छवि को बेहतर दिखाने की कोशिश हुई थी। ख़ासकर संजय दत्त के जीवन का वह हिस्सा जिस दौरान वह मुंबई बम धमाकों में दोषी पाए गए थे।