हिंदी सिनेमा में काम करने वाले वाले शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान इन दिनों मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। इस बीच उनसे जुड़ी एक खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि आर्यन जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की हिरासत में थे, तब एजेंसी द्वारा उनकी काउंसलिंग की गई थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, काउंसलिंग के दौरान आर्यन ने NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से वादा किया, ”मैं अच्छा इंसान बन कर अच्छे काम करूँगा। गरीबों के कल्याण के लिए काम करूँगा, जिससे एक दिन आपको मुझ पर गर्व होगा।”
क्रूज ड्रग्स पार्टी केस में गिरफ्तार 23 वर्षीय आर्यन ने काउंसलिंग के दौरान NCB को यह भी भरोसा दिलाया कि जेल से बाहर आने के बाद वह कोई भी गलत काम नहीं करेंगे, जिससे उनका नाम खराब हो।” बताया जा रहा है कि NCB के समीर वानखेड़े के साथ NGO वर्कर्स ने भी आर्यन की काउंसलिंग की थी।
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आर्यन खान ने NCB के सामने कान भी पकड़े। मीनाक्षी श्रीयान नाम की पत्रकार ने भी ट्वीट कर लिखा – “NCB की काउंसलिंग में आर्यन खान ने पकड़े कान, कहा- जेल से बाहर आने के बाद नहीं लगाऊँगा ड्रग्स को हाथ, गरीबों की करूँगा सेवा।”
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— Minakshi Shriyan (@Minakshishriyan) October 17, 2021
NCB की काउंसलिंग में आर्यन खान ने पकड़े कान
कहा- जेल से बाहर आने के बाद नहीं लगाऊंगा ड्रग्स को हाथ, गरीबों की करूंगा सेवा
20 अक्टूबर को #AryanKhan की जमानत पर आएगा फैसला#AryankhanDrugsCase
दरअसल, शाहरुख और उनकी बीवी गौरी खान अपने बेटे की गिरफ्तारी के बाद से बेहद परेशान हैं। लाख कोशिशों के बाद भी वह अपने बेटे को जेल से निकालने में कामयाब नहीं हो पाए। माँ गौरी बेटे को लेकर काफी चिंतित हैं। यही कारण है कि उन्हें आर्यन के लिए भगवान की शरण में जाना पड़ा। उन्होंने बेटे की घर वापसी के लिए नवरात्रि में मन्नत भी माँगी थी।
बता दें कि मुंबई की स्पेशल NDPS कोर्ट ने 14 अक्टूबर को आर्यन की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आर्यन खान को एनसीबी ने 2 अक्टूबर को मुंबई से गोवा जा रहे जहाज में ड्रग्स पार्टी के दौरान छापेमारी कर गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही आर्यन खान जेल में है।
इस मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी। आर्यन खान को आर्थर रोड जेल में 956 कैदी नंबर दिया गया है। इसके अलावा, आर्यन को जेल की कैंटीन से खाना खाने के लिए उनके परिवार ने 11 अक्टूबर को 4500 रुपए भेजे थे। जेल के नियमों के अनुसार, एक कैदी को एक महीने में सिर्फ 4500 रुपए का मनी ऑर्डर पाने की इजाजत है।