दिल्ली की मंडोली जेल में बंद महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने महिला दिवस के मौके पर फिर से जैक्लीन फर्नांडिस के लिए पत्र लिखा है। इस पत्र में उसने जैक्लीन को रानी, अपनी ताकत और सुपरस्टार करार दिया है। कथित तौर पर सुकेश चंद्रशेखर और जैक्लीन फर्नांडिस के बीच प्रेम संबंध रहे हैं। वहीं, जैक्लीन ने पिछले माह कोर्ट में अर्जी लगाई थी कि सुकेश को उनके लिए पत्र लिखने पर रोक लगाई जाए, साथ ही इन पत्रों को सार्वजनिक होने से रोका जाए, हालाँकि बाद में फर्नांडिस ने कोर्ट में दाखिल की गई अपनी याचिका वापस ले ली थी।
सुकेश ने चिट्ठी में जताया खूब प्यार
सुकेश ने चिट्ठी में लिखा, ‘मेरी रानी, मेरी शक्ति और मेरी सुपर स्टार! ये सभी महिलाओं का दिन है। महिलाएँ असल जिंदगी में सुपर हीरो हैं। जीवन संवारती हैं। जो ये कहते हैं कि ये पुरुषों की दुनिया है सब झूठ कहते हैं। नारी ही पुरुष की असली शक्ति है। स्त्री के बिना पुरुष कुछ नहीं। मेरे जीवन में भी जैकलीन जैसी खूबसूरत महिलाएँ हैं, जैकलीन उन सभी हसीन महिलाओं के लिए आदर्श है जो आज जश्न मना रही हैं।’
सुकेश ने अपने पत्र में लिखा, “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए आप उन सभी महिलाओं के लिए बड़ी प्रेरणा हैं जो लड़ाई लड़ रही हैं। बेबी तुम एक रॉकस्टार हो, मेरी सुपर स्टार और हीरो हो। बेबी मैंने तुम्हारी कुछ तस्वीरें और पोस्ट देखी, तुम सुपर स्टनिंग लग रही हो। काले कुर्ते में मेरा दिल एक बार फिर चोरी हो गया।”
उसने पत्र में लिखा, “मेरे दिल की धड़कनें थम गईं, जब तुम्हारी बिल्डिंग ने आग लगने की खबर आई। ईश्वर का शुक्रिया कि तुम बिल्कुल ठीक हो।” बता दें कि एक दिन पहले ही जैकलीन की बिल्डिंग में आ लग गई थी, जिसमें उन्हें कोई नुकसान तो नहीं पहुँचा था, लेकिन आसपास नुकसान हुआ था। सुकेश चंद्रशेखर ने चिट्ठी के आखिर में सभी लोगों को महाशिवरात्रि और महिला दिवस की शुभकामनाएँ भी दी। वैसे इस पत्र में सुकेश ने जैकलीन के नए गाने का भी जिक्र किया था, जो अब रिलीज हो गया है।
जैकलीन ने सुकेश चंद्रशेखर पर लगाए थे ये आरोप
गौरतलब है कि सुकेश चंद्रशेखर 200 करोड़ रुपये की रंगदारी मामले में मुख्य आरोपित है। जैकलीन ने अपनी शिकायत में कहा था कि सुकेश पत्र लिखकर उन्हें धमकाता है और मीडिया के माध्यम से वो ये कोशिश करता है कि अदालत में उसके खिलाफ सच्चाई का खुलासा न हो सके। जैकलीन ने अदालत से प्रार्थना की थी कि वह जाँच एजेंसी और जेल अधीक्षक, मंडोली को निर्देश जारी करे कि वह चन्द्रशेखर को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें कोई और पत्र, संदेश या बयान जारी करने से तुरंत रोकें। हालाँकि बाद में उन्होंने ये याचिका वापस ले ली थी।