4 साल के बच्चे पर अभद्र और नस्लवादी टिप्पणी करने के आरोप में लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम नामक एक NGO ने स्वरा भास्कर के ख़िलाफ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में कानूनी शिकायत दर्ज करवाई है।
अपने पत्र में आयोग के अध्यक्ष को एनजीओ ने स्वरा द्वारा एक कार्यक्रम में बाल कलाकार पर की गई टिप्पणी के बारे में शिकायत की। एनजीओ ने पत्र में लिखा कि स्वरा भास्कर ने ‘सन ऑफ अबिश’ नामक एक यूट्यूब शो में दक्षिण भारत के निश्चित क्षेत्र से आने वाले बच्चे पर अभद्र टिप्पणी करते हुए नस्लवादी और भेदभावपूर्ण बयान दिया।
This is ‘humour’? Calling a 4 year old child a ‘Ch*^%a’ a ‘Kameena’? Saying with great confidence that children are ‘evil’? #PanautiJunior is sounding completely deranged here, and that moron @kunalkamra88 is watching like a drunk dodo at this ‘wisdom’. pic.twitter.com/wM7f401tkm
— Shefali Vaidya ஷெஃபாலி வைத்யா शेफाली वैद्य (@ShefVaidya) November 4, 2019
संगठन ने अपने पत्र में उस वायरल वीडियो का लिंक भी दिया, जिसमें स्वरा अपने शुरुआती विज्ञापन शूट के बारे में बताती दिखीं, जोकि एक साबुन से संबंधित था। जिसमें स्वरा को बताते देखा जा सकता है कि वो अपने ऐड के दौरान इस बात से काफ़ी आश्चर्यचकित रह गई थीं जब एक चार साल के बाल कलाकार ने उन्हें ‘ऑन्टी’ कहकर संबोधित किया। स्वरा ने इस घटना का ज़िक्र करते हुए उस बाल कलाकार को ‘चू ** या’ कहा।
अपनी शिकायत में एनजीओ ने United Nations Convention of Child Rights का भी उल्लेख किया, जो बच्चों के ख़िलाफ़ किसी भी प्रकार के भेद-भाव पर बात करता है। साथ ही इसमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 का हवाला देकर कहा गया कि जाति, वंश, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव करना कानूनी रूप से मना है।
शिकायत में कहा गया स्वरा द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा पूरे भारत में एक गलत मिसाल कायम करती है, जिसने दक्षिण भारत के बच्चों को नकारात्मक तस्वीर में चित्रित किया है।
इसके अलावा अपनी शिकायत में लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम ने स्वरा भास्कर की इस वीडियो को हॉटस्टार, ट्विटर, यूट्यूब सबसे हटाने की माँग की और कहा स्वरा पर कड़ी कार्रवाई की जाए।