Ullu TV और ALTBalaji, जिन्हें हम सस्ता PornHub भी कह सकते हैं, OTT प्लेटफॉर्म्स की दुनिया में एक अलग ही किस्म की क्रांति लेकर आए हैं। इसी क्रांति में अपनी लाल सलामी लगाने को Amazon Prime Video भी उत्सुक दिखता है।
पाताल लोक के प्रोपेगेंडा से भरपूर स्क्रीनप्ले में कुछ संवाद एवं पात्र डालने के बाद Prime Video ने सोचा कि व्हाई शुड Ullu TV ऐंड ALTBalaji हैव ऑल द फन। इसी सोच और पार्ट टाइम अदाकारा एवं फुल टाइम एक्टिविस्ट स्वरा भास्कर के साथ उसने एक कथित वेब सीरीज बना डाली है। इसका नाम है, रसभरी।
इसके भी प्री प्रोडक्शन की विधि एकदम वही है जो पाताल लोक की थी। वहॉं प्रोपेगेंडा के साथ संवाद और पात्र परोसे गए थे, यहॉं सॉफ्ट पोर्न के साथ संवाद और पात्र उतारे गए हैं।
यदि आप यूट्यूब पर जाकर रसभरी का ट्रेलर देखें (जिसमें लाइक से ज्यादा डिसलाइक्स का अनुपात चल रहा है), जो कि आप तभी करेंगे अगर आपको अपने दिन के 2GB डाटा दिमाग एवं आँखों से लगाव न हो, तो आप पाएँगे कि कहानी मेरठ शहर को मस्तिष्क में रखकर गढ़ी गई है। जैसे अब तक हर तरीके का अपराध मेरठ, मुज़फ्फरनगर, गाज़ियाबाद, अलीगढ़ या यूँ कहें कि उत्तर प्रदेश एवं बिहार में ही होता था, अब से सॉफ्ट पोर्न भी इन्हीं शहरों या प्रदेशों को दिमाग में रखकर गढ़ी जाया करेंगी।
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरठ वह शहर है जहॉं से मंगल पांडे ने 1857 में स्वतंत्रता का पहला बिगुल बजाया था। आज के समय की बात करें तो यह शहर भारत के सबसे बड़े खेल समानों के बाज़ारों में से एक है। राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी क्रिकेट बैट्स से लेकर हॉकी स्टिक्स एवं टेनिस रैकेट्स की आपूर्ति करता है।
इसी तरह अलीगढ़ के हार्डवेयर हब और गाज़ियाबाद के एजुकेशन हब होने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता। आपको कोई फ़िल्म या वेब सीरीज़ इसके इर्द-गिर्द कहानी लिखती नहीं मिलेंगी। OTT प्लेटफॉर्म्स और बॉलीवुड की नज़र में यहॉं की छवि सिर्फ यह है कि यहॉं के छात्र मध्य उम्र की अध्यापिकाओं के वक्ष स्थल एवं स्तनों को घूरते हैं।
वैसे सारी गलती इन प्लेटफॉर्म्स की भी नहीं है। वह वही दिखाते हैं जो जनता देखना चाहती है। जब आम लोग इस तरह के वेब शोज़ और फिल्मों को देखेंगे, प्रचलित करेंगे, इस तरह की घिनौनी सामग्री के लिए पसीना बहा कर कमाया हुआ पैसा खर्च करेंगे, उनके बारे में बातें करेंगे तो उन्हें इसके लिए भी तैयार रहना पड़ेगा कि उनके बच्चों, छात्रों, शहर एवं प्रदेश की छवि धूमिल होना निश्चित है।
उन्हें उसी मेरठ से आए भुवनेश्वर कुमार, प्रवीण कुमार और सुदीप त्यागी जैसों की असली कहानियॉं और संघर्ष नहीं दिखेंगे। वे आप ही के किशोर बच्चों को आपके आगे चरित्रहीन और कुत्सित मानसिकता से भरपूर दिखाकर पेश करेंगे। आप भी चटकारे लेकर यही सोच कर देख लेंगे कि ‘वाह शहर का नाम आया है फ़िल्म में, ये वाली तो ज़रूर देखेंगे’।
अगर सामाजिक स्तर से हट कर इस वेब सीरीज़ के बारे में बात करें तो ज़बरदस्ती एवं बिना मतलब का हवा से साड़ी के पल्लू का गिर जाना, छात्रों का बड़ी-बड़ी आँखें फाड़ कर अध्यापिका को घूरना, चलते हुए पीछे से अध्यापिका के वक्ष स्थल के शॉट्स, छाती के शॉट्स, होठ एवं कमर के शॉट्स से ज़्यादा इस सीरीज़ में कुछ खास नहीं है। सिनेमा की थोड़ी सी जानकारी रखने वाले लोग समझ जाएँगे कि यह हाई डेफिनेशन में में Red या Arri cams के साथ शूट हुई और अच्छी कलर ग्रेडिंग के साथ परोसी गई कांति शाह की उन 15-20 साल पुरानी घटिया C- ग्रेड फिल्मों से ज़्यादा और कुछ नहीं है।
अब सवाल यह है कि ऐसे समय में जब इंडस्ट्री में अच्छा काम भी हो रहा है एवं कुछ लोग अच्छे सिनेमा एवं कलाकारों को भी पहचान रहे हैं, वेब सीरीज़ की ही बात करें तो Pitchers एवं Permanent roommates से शुरू हुआ अच्छी लिखाई, सामग्री और अभिनय का सिलसिला ये मेरी फैमिली, कोटा फैक्ट्री और पंचायत तक जाती है, तो इस समय में इस घटिया वेब सीरीज़ की इतनी चर्चा क्यों हो रही है।
इस बात का जवाब है मार्केटिंग और एडवर्टाइजमेंट। लेकिन इसी क्रम में जब महिला सशक्तिकरण के कथित ठेकेदार और हर छोटी से छोटी बात, टिप्पणी या गाने को महिला के सम्मान से जोड़ देने वाले लोग इस सीरीज़ का ट्विटर पर प्रचार करते देखे गए तो इनके हिप्पोक्रेसी का चोला उतर गया।
जेएनयू से पढ़ी और महिला सशक्तिकरण की कथित ध्वजवाहक स्वरा भास्कर जब इस तरह की फ़ूहड़ सीरीज में महिलाओं को भोग की वस्तु की तरह पेश किए जाने पर अपनी लाल सलामी देती हैं, तो इस बात पर चर्चा करना और जरूरी हो जाता है। स्वरा ने जब रसभरी का ट्रेलर ट्विटर पर शेयर किया तो जवाब में उन्हीं के फैंस (जिनको वह इस आलोचना के बाद IT cell की उपाधि प्रदान कर देंगी) ने अपनी टिप्पणियों से निराशा जाहिर कर दी।
दोस्तों! रसभरी के जादू से कोई नहीं बच सकता! आज़मा के देखें! #रसभरी @PrimeVideoIN @PrimeVideo पर अब स्ट्रीम कर रहा है! ज़रूर देखें 🙏🏽😍🤓 pic.twitter.com/ZHOhdq0MGo
— Swara Bhasker (@ReallySwara) June 25, 2020
वैसे एक विशेष विचारधारा के लोगों में यह कुछ नया नहीं है, इनके साथी कामरेड अनुराग कश्यप यह कई सालों से करते आ रहे हैं। उनकी फिल्म या सीरीज़ की आलोचना करने वालों को वह अक्सर ‘मूर्ख’ एवं ‘आर्ट का टेस्ट’ ना रखने वालों जैसी उपाधि दे देते हैं।
मज़े की बात यह भी थी की एक विशेष विचारधारा रखने वाले सारे बॉलीवुड सहकर्मी जब इस सीरीज़ का प्रचार करने साथ में आए और उन्होंने ‘साथी हाथ बढ़ाना एक अकेला थक जाएगा मिलकर बोझ उठाना’ का उदाहरण दिया तो मीम के तौर पर उसका एक बहुत मज़ेदार चित्रण देखने को मिला;
स्वरा के ट्वीट करते ही आपनी सुपरहिट ‘एक्शन-थ्रिलर’ फिल्म दस के सुपरहिट गाने पर अर्धनग्न अवस्था में महिलाओं को नचाने के बाद फिल्म थप्पड़ में अपने नाम के पीछे माँ का नाम लगाकर महिला सशक्तिकरण का संदेश देने वाले वाले कॉमरेड अनुभव सिन्हा का ट्वीट आया कि वह इस सीरीज़ को देखेंगे और उसके बाद स्वरा को फ़ोन करेंगे।
ज़िंदाबाद स्वरा और निखिल। जल्द देखा जाएगा और फ़ोन किया जाएगा। https://t.co/17A1Jx4eZZ
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) June 25, 2020
रांझणा के कुंदन के पुराने मित्र, ऑन स्क्रीन पंडित और ऑफ स्क्रीन भूतपूर्व AMU छात्र मोहम्मद ज़ीशान अय्यूब ने भी ट्रेलर की तारीफों के पुल बॉंधते हुए ट्वीट किया और कुछ अलग शब्दों के माध्यम से स्वरा को ‘you go girl’ जैसा ही कुछ कहा।
Many many congratulations @ReallySwara …keep rocking 🤗🤗🤗 https://t.co/5GpzTDZRRw
— Mohd. Zeeshan Ayyub (@Mdzeeshanayyub) June 25, 2020
इन सब के ट्वीट्स से प्रतीत होता है कि ये स्वरा भास्कर के वैसे मित्र हैं, जो नाई द्वारा बाल पूरे तरीके से बिगाड़ देने के बाद भी कहता है- यार कसम से बहुत सही लग रहा है, एकदम ब्रेंडन फ्रेजर। क्योंकि स्वरा के फैंस की ट्रेलर और सीरीज़ पर टिप्पणियों को देखकर कोई भी यह कह सकता है कि उन्होंने वेब सीरीज़ कर रुबिका लियाकत से CAA पर बहस करने के बाद दूसरी सबसे बड़ी भूल की है।
अब स्वरा चाहें तो हर बार की तरह टिप्पणी करने वालों को IT cell या संघी कहकर संबोधित कर सकती हैं। लेकिन, सच्चाई यही है कि इस सीरीज़ में देखने लायक सामग्री उतनी ही है, जितनी कि स्वरा की पिछली फिल्म वीरे दी वेडिंग में थी और प्रतिक्रिया भी लगभग वैसे ही मिल रही है।
रसभरी के एक्टिंग करियर का हाल देख तो स्वरा भास्कर के मित्र अनुराग कश्यप की ही एक फिल्म का संवाद याद आ रहा है;