17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी के सेनापति सूबेदार तानाजी मालुसरे की विजयगाथा पर आधारित फिल्म ‘तानाजी: द अनसंग वॉरियर’ को योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में आज आधिकारिक रूप से टैक्स फ्री कर दिया। बता दें कि अजय देवगन ने खुद इसके लिए सीएम योगी से अनुरोध किया था।
तानाजी के अभिनेता अजय देवगन ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया। साथ ही उनसे गुजारिश भी किया कि अगर संभव है तो वो इस मूवी को जरूर देखें।
Thank you Shri Yogi Adityanathji for making #TanhajiTheUnsungWarrior Tax-Free in Uttar Pradesh. I would also be delighted Sir if you watched our film ?@myogiadityanath #TanhajiUnitesIndia
— Ajay Devgn (@ajaydevgn) January 14, 2020
इस फिल्म में मुख्यत: सिंहगढ़ का युद्ध दर्शाया गया है। जिसे छत्रपति शिवाजी की ओर से उनके सेनापति सूबेदार तानाजी मालुसरे और मुगलों की ओर से उदय सिंह भान ने लड़ा था। युद्ध का कारण कोंढाना का किला था। जिसे मालुसरे की अगुवाई में जीतकर मराठाओं ने भगवे की शान को डगमगाने नहीं दिया था।
इस युद्ध में तानाजी ने अपनी जान गवा दी थी। जिसके बाद छत्रपति शिवाजी ने उनके सम्मान में कोंढाना किले का नाम सिंहागढ़ कर दिया था। और उनकी वीरगति की खबर सुनकर कहा था “गढ़ आला, पण सिंह गेला” यानी मराठाओं ने तो किला जीत लिया, लेकिन अपना शेर खो दिया।
फिल्म में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भों को शानदार तरीके से पेश किया गया है। भगवे की शान को दृश्यों के साथ-साथ डॉयलॉग डिलीवरी ने बरकरार रखा है। जिसके कारण कई वामंपथी इस फिल्म की आलोचना कर रहे हैं। इन वामपंथियों का कहना है कि फिल्म हिंदुत्व को बढ़ावा दे रही है और इस्लामोफोबिक है।
द वायर जैसे संस्थान इस फिल्म को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से जोड़कर पेश कर रहे हैं और इसे ‘हिंदू राष्ट्र’ के लिए ट्रिब्यूट बताकर इस पर तंज कस रहे हैं। द क्विंट भी इस सूची में पीछे नहीं हैं। ट्रेलर देखकर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखने वाला ये संस्थान अब फिल्म आने के बाद इसमें मौजूद गीत ‘मॉय भवानी से लेकर शंकरा रे शंकरा’ से भी आहत है।
गौरतलब है कि, बीते शुक्रवार को बड़े पर्दे पर आ चुकी इस फिल्म ने शरुआत में ही 16 करोड़ की कमाई कर ली है। जबकि उसी दिन आई छपाक मात्र 4,75 करोड़ की कमाई कर पाई। लेकिन बता दें, 10 जनवरी को तानाजी के साथ पर्दे पर आई फिल्म छपाक फिल्म किन्हीं भी मायनों में कम नहीं है। ये फिल्म एक एसिड सर्वाइवर की कहानी है। जिसने हार मानकर चुप बैठने से बेहतर समाज में बदलाव लाने को समझा और सब के लिए प्रेरणा बनी। दोनों फिल्मों की स्टोरी लाइन बिलकुल अलग है और काबिल-ए-तारीफ है। लेकिन, मुमकिन है फिल्म में लक्ष्मी अग्रवाल का किरदार निभाने वाली दीपिका पादुकोण के विवादों में आने के कारण फिल्म की कमाई पर असर पड़ा।
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