कई दशकों से कश्मीर घाटी में दफन हो चुके कश्मीरी पंडितों के दर्द को बड़े पर्दे पर दिखाकर निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने सबका दिल जीत लिया है। यही वजह है कि अमेरिका के ओहायो प्रांत की सीनेट ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) फिल्म के लिए विवेक अग्निहोत्री को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है। ओहायो के सीनेटर नीरज अतानी ने कहा कि प्रशस्ति पत्र ‘कश्मीरी पंडितों के नरसंहार’ को दर्शाने वाली अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर उनके काम को सम्मानित करने के लिए दिया गया है। निर्देशक ने इस सम्मान के लिए ट्वीट करके उनका आभार व्यक्त किया।
GRATITUDE:
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) April 6, 2022
On behalf of the entire #TheKashmirFiles team and our audiences I thank State Of Ohio Senate for this honour.
The world is recognising the GENOCIDE of Kashmiri Hindus and India’s great value of humanity. Thank you @narendramodi for the abrogation of article 370. pic.twitter.com/BhWu6MIYnH
विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) लिखते हैं, “द कश्मीर फाइल्स की पूरी टीम की तरफ से और हमारे दर्शकों की ओर से मैं इस सम्मान के लिए स्टेट ऑफ ओहायो सीनेट को धन्यवाद देता हूँ। दुनिया कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और भारत की मानवता के महान मूल्य को पहचान रही है।” उन्होंने अनुच्छेद-370 हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी शुक्रिया किया।
आपको बता दें कि पहली बार विदेशों में कश्मीरी पंडितों के इस नरसंहार को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। अतानी ओहायो के इतिहास में प्रांत के पहले भारतीय-अमेरिकी और हिंदू सीनेटर हैं। प्रशस्ति पत्र पर ओहायो सीनेट के अध्यक्ष मैट हफमैन और अतानी ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए हैं। इसमें कहा गया है, ”वास्तव में, आपने सार्वभौमिक अपील वाली एक ऐसी फिल्म बनाने की कोशिश की है, जिसमें घाटी से कश्मीरी पंडितों के जबरन पलायन को दर्शाया गया है। आपको और आपके दोस्तों को अपनी उपलब्धियों पर गर्व होना चाहिए।”
गौरतलब है कि विवेक अग्रिहोत्री के निर्देशन में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी ‘द कश्मीर फाइल्स’ बॉक्स ऑफिस पर कमाल का प्रदर्शन कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस फिल्म की सराहना की है। वहीं, देश के कट्टरपंथी-वामपंथी समूह इस फिल्म से खासा नाराज हैं। एनडीटीवी ने तो इस फिल्म की रिलीज से पहले ही इसे प्रोपेगेंडा फिल्म बता दिया था और विरोध के बाद उन्हें अपनी रिपोर्ट से ‘प्रोपेगेंडा’ शब्द हटाना पड़ा था।