फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री ने गुरुवार (5 मई 2022) को भारतीय लिबरल मीडिया द्वारा उठाए गए ‘इस्लामोफोबिया के भूत’ को एक सिरे से खारिज कर दिया। बता दें कि फिल्म पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अग्निहोत्री ने कहा कि जब से फिल्म रिलीज हुई है, लिबरल भारतीय मीडिया इसे इस्लामोफोबिया से जोड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि वह इस्लामोफोबिक फिल्मों के बारे में खुलकर बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “चिंता असल में आतंकवाद को लेकर है। फिल्म में मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। फिल्म में पाकिस्तान या पाकिस्तानी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।” उन्होंने आगे सवाल किया कि उनकी फिल्म को टेररफोबिक क्यों नहीं कहा गया क्योंकि यह आतंकवाद के खिलाफ बात करती है।
Here @vivekagnihotri talks about ‘islamophobia’ propaganda against the film #TheKashmirFiles. @OpIndia_com pic.twitter.com/G4NIJpK5VR
— Nirwa Mehta (@nirwamehta) May 5, 2022
अग्निहोत्री ने सवाल किया कि फिजा आदि जैसी फिल्में आतंकवाद पर आधारित थीं, लेकिन उन्हें कभी इस्लामोफोबिक नहीं कहा गया। उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि शायद कोई अलिखित कानून है कि अगर आप आतंकवादी को सही ठहराते हैं, तो आप मानवता के मसीहा हैं, लेकिन अगर आप आतंकवाद के खिलाफ बात करते हैं, तो आप इस्लामोफोबिक हैं।”
उन्होंने कहा कि फिल्म का पहला दृश्य हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच भाईचारे को दर्शाता है। अग्निहोत्री ने कहा, “एक हिंदू लड़के शिव को बुरे लोग पीटे जा रहे हैं। अब्दुल ने आकर जान बचाई। उसके बाद पुष्कर नाथ ने अब्दुल की जान बचाई। दरअसल, फिल्म का सबसे अहम प्रोड्यूसर एक मुस्लिम है। क्या यह इस्लामोफोबिक है?”
दो बार रद्द हुई विवेक अग्निहोत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस
हाल ही में, अग्निहोत्री ने ट्विटर पर बताया था कि कैसे विदेशी संवाददाता क्लब द्वारा उनकी निर्धारित प्रेस कॉन्फ्रेंस को रद्द कर दिया गया था क्योंकि कुछ सदस्यों ने क्लब के प्रशासन को प्रेस कॉन्फ्रेंस होने पर सामूहिक इस्तीफा देने की धमकी दी थी। बाद में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) में शिफ्ट कर दिया। PCI ने भी स्लॉट उपलब्ध न होने की बात कहकर बुकिंग स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद अग्निहोत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को 5 मई के लिए एक होटल में शिफ्ट किया।