जहाँ एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे नेता कोरोना वायरस संक्रमण के बीच जनता की दुःख-तकलीफों के निवारण में लगे हैं, तृणमूल कॉन्ग्रेस की नुसरत जहाँ जैसी नेता टिक-टॉक के माध्यम से लोगों का ‘मनोरंजन’ करने में लगी हुई हैं। नुसरत जहाँ अक्सर टिक-टॉक पर अपने डांस मूव्स से लाइक्स बटोरती रहती हैं। 30 वर्षीय नुसरत पश्चिम बंगाल के बरिसत से सांसद हैं।
पूरे देश में लॉकडाउन लागू है। आर्थिक रूप से इसका देश को काफी नुकसान हो रहा है क्योंकि उद्योग-धंधे ठप्प हो गए हैं। मजदूरों को भोजन-पानी की दिक्कतें आ रही हैं, जो पहले दिहाड़ी कमा कर परिवार की ज़रूरतों को पूरा करते थे। इस बीच कई ऐसे नेता हैं जो अपने-अपने क्षेत्रों में राहत-कार्य में लगे हुए हैं। दिल्ली में तजिंदर बग्गा जैसे नेता सोशल मीडिया पर लोगों की शिकायतें सुन कर उसके निवारण में लगे हुए हैं। लेकिन, नुसरत जहाँ को इन सबसे कोई मतलब नहीं।
पश्चिम बंगाल में स्थिति विकट है लेकिन नुसरत जहाँ अपने लोगों के बीच जाकर उनकी न तो समस्याएँ सुन रही हैं और न ही वहाँ के ग़रीबों के भोजन-पानी के इंतजाम के लिए कुछ कर रही हैं। इसके बदले वो टिक-टॉक पर अपने डांस के वीडियोज बना कर अपलोड करने में व्यस्त हैं। ऐसा नहीं है कि लोगों ने उनसे शिकायतें नहीं की। लोगों ने नुसरत जहाँ से जनता की समस्याओं पर ध्यान देने को कहा। लोगों ने ध्यान दिलाया कि उनके क्षेत्र के लोग परेशानी में हैं।
नुसरत जहाँ ने जनता की समस्याओं पर बात करना तो दूर, उलटा उन्हें जवाब देते हुए एक और वीडियो पोस्ट कर दिया। ट्विटर पर ऐसा करते हुए उन्होंने लिखा– “एक कलाकार हमेशा मनोरंजन करता रहता है।” साथ ही उन्होंने उन सबको ट्रोल करार दिया, जो उनसे टिक-टॉक वीडियोज बनाने की बजाए जनता की समस्याओं पर ध्यान देने को कह रहे थे। उस वीडियो में भी वो तरह-तरह के स्क्रीन इफेक्ट्स के साथ डांस करते हुए दिखती हैं।
Oh and BTW, Sharing another fun post from my @TikTok_IN feed.
— Nusrat (@nusratchirps) April 24, 2020
An Artist always entertains 🙂
Happy Trolling, Trollers! #BePositive #SpreadLove #SpreadHappiness ❤️ pic.twitter.com/Rutf7Vli77
इससे पहले नुसरत जहाँ हिन्दू रीति-रिवाजों का पालन करने के कारण मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर भी आ चुकी हैं। भैया-दूज त्यौहार को मनाने के लिए पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद नुसरत जहाँ ने एक वृद्धाश्रम को चुना था। नुसरत के इस कार्यक्रम में शरीक होने की तस्वीरें मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आई थीं। इस दौरान कई कट्टरपंथियों ने उनका विरोध किया था।
जहाँ तक पश्चिम बंगाल की बात है, वहाँ कोरोना वायरस से निपटने में ममता बनर्जी सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण कई मामलों के छिपे होने की आशंका है। टेस्टिंग भी नहीं की जा रही है। अब तक राज्य में कोरोना वायरस के 571 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 184 मामले अकेले राजधानी कोलकाता के हैं। कुल 18 लोगों की मौत हुई है और 103 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं।