ZEE5 (जी-5) ने वेब सीरीज ‘अभय 2’ में भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के क्रांतिकारी खुदीराम बोस को क्रिमिनल और आतंकवादी दिखने पर माफ़ी माँगी है। ZEE5 ने इस सीन को लेकर माफ़ी माँगते हुए स्पष्टीकरण में कहा है कि इस सीन को अब ब्लर (धुँधला) कर दिया गया है। चैनल और सीरीज के डायरेक्टर केन घोष की ओर से माफी माँगी जा चुकी है और इस सीन को ब्लर करने के बाद फिर से जारी किया जाएगा।
We unconditionally apologize for this error.
— ZEE5 Support (@ZEE5helps) August 17, 2020
दरअसल, कुणाल खेमू स्टारर वेब सीरीज ‘अभय’ के दूसरे सीजन के एक सीन को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। लोगों की आपत्ति ‘अभय 2’ के एक सीन में क्रिमिनल बोर्ड पर स्वतन्त्रता सेनानी खुदीराम बोस की फोटो को लेकर थी। शो के दूसरे एपिसोड में, बोस की एक तस्वीर को गलत तरीके से एक आपराधिक बोर्ड पर इस्तेमाल किया गया था, जिस पर दर्शकों ने आपत्ति जाहिर की।
ट्विटर पर लोगों ने जी-5 से इस सीन के बैकग्राउंड में स्वतन्त्रता संग्राम के बलिदानी खुदीराम बोस की तस्वीर वाले सीन को पूरी तरह से हटाने और जी-5 चैनल से माफी माँगने की माँग की थी। खुदीराम बोस की तस्वीर को अपराधियों के साथ दिखाने से नाराज ट्विटर यूजर्स ने जी-5 के बायकॉट करने की भी बात रखी और यह ट्रेंड ट्विटर पर जोर पकड़ने लगा।
The producers, show & the platform, have no intent whatsoever to offend any community or hurt anybody’s sentiments. Keeping in mind the feedback received and with utmost respect to our audience, we have blurred the image (inadvertently) used in one of the scenes of Abhay2
— ZEE5 Support (@ZEE5helps) August 16, 2020
इसके स्पष्टीकरण में जी-5 ने सोमवार (अगस्त 17, 2020) को ट्वीट करते हुए लिखा, “निर्माता, शो और प्लेटफ़ॉर्म, किसी भी समुदाय को अपमानित करने या उनकी भावनाओं को आहत करने का कोई इरादा नहीं रखते हैं। दर्शकों से मिली प्रतिक्रिया और सम्मान को ध्यान में रखते हुए, हमने अभय-2 के एक दृश्य में भूलवश इस्तेमाल किए गए चित्र को धुँधला कर दिया है। हम इसके लिए क्षमा चाहते हैं।”
The episode will be available soon. We unconditionally apologize for this error.
— ZEE5 Support (@ZEE5helps) August 16, 2020
उल्लेखनीय है कि हाल ही में पश्चिम बंगाल में आठवीं कक्षा की पुस्तक में स्वतन्त्रता सेनानी खुदीराम बोस को आतंकी बताया गया था। बोस ने 1908 में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर कठोर शासन के लिए कुख्यात ब्रिटिश न्यायाधीश मैजिस्ट्रेट डगलस किंग्सफोर्ड की हत्या करने की कोशिश की थी। उन्हें असफल प्रयास के बाद 18 वर्ष की आयु में मौत की सजा सुनाई गई थी और उनकी किशोरावस्था में शहीद हो गए थे। बोस देश के सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानियों में से एक रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में जन्मे बोस को उन्हीं के राज्य में ‘आतंकी’ बता दिया गया। सोशल मीडिया पर पुस्तक के उस भाग की तस्वीरें वायरल हो गईं, जिसके बाद लोगों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निशाने पर लिया। राज्य में लापरवाह शिक्षा विभाग ने अमर क्रांतिकारी को आतंकी बता दिया गया था।