Friday, November 22, 2024
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स्वच्छ भारत अभियान के कारण मिट्टी-पानी में प्रदूषण हुआ कम, UNICEF ने की प्रशंसा

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर यूनिसेफ ही नहीं, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फॉउंडेशन की रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई। इन दोनों रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत अभियान की प्रशंसा की गई।

बुधवार (5 जून, 2019) को संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ ने प्रधानमंत्री की बहुप्रतीक्षित योजना स्वच्छ भारत अभियान का अध्ययन कर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार कई गाँवों का अध्ययन करने के बाद प्रकाशित हुई रिपोर्ट के अनुसार स्वच्छ भारत अभियान के कारण भूजल (ground water) में प्रदूषण की मात्रा घटी है। यूनिसेफ की रिपोर्ट तीन राज्यों- बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल- में किए गए अध्ययन पर आधारित है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि जो गाँव खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त नहीं हुए हैं उनका भूजल उन गाँवों से अधिक गंदा है जहाँ अब लोग खुले में शौच करने नहीं जाते। जो गाँव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं उन्हें ‘ओपन डेफिकेशन फ्री’ (ODF) घोषित किया गया है। जो गाँव ODF नहीं हैं उनका भूजल ODF गाँवों की तुलना में 11.25 गुना अधिक गंदा है। इसी प्रकार जो गाँव खुले में शौच से मुक्त नहीं हुए हैं उन गाँवों की मृदा (मिट्टी) भी ODF गाँवों से 1.13 गुना अधिक प्रदूषित है।

जब मिट्टी और भूजल प्रदूषित होता है तो उसमें उगने वाली फसल भी प्रदूषित होती है। ओपन डेफिकेशन फ्री घोषित हो चुके गाँवों में उगने वाला अनाज उन गाँवों में उगने वाले अनाज से 1.48 गुना कम प्रदूषित है जहाँ आज भी लोग बाहर शौच करने जाते हैं। यूनिसेफ रिपोर्ट के अनुसार भूजल और मृदा ही नहीं घरेलू पेयजल भी ओडीएफ गाँवों में 2.68 गुना अधिक स्वच्छ है।

बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर यूनिसेफ ही नहीं, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फॉउंडेशन की रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई। इन दोनों रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत अभियान की प्रशंसा की गई। भारत में यूनिसेफ के प्रतिनिधि यास्मीन अली हक़ ने कहा कि बच्चे विशेष रूप से इस परिवर्तन के संवाहक बन रहे हैं; अब 96.5% टॉयलेट प्रतिदिन प्रयोग में लाए जा रहे हैं, इसमें विशेष रूप से बच्चों का उत्साह और योगदान देखने लायक है; स्वच्छ भारत मिशन निरंतर प्रगति कर रहा है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि तीनों राज्यों में से बिहार के वह गाँव जो ओडीएफ नहीं हैं, उनकी मिट्टी और पानी सर्वाधिक प्रदूषित है। बिहार में नॉन ओडीएफ गाँवों में से 66.7% के खाद्य स्रोत प्रदूषित हैं, यह आँकड़ा ओडिशा और बंगाल से अधिक है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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