रूस में ईसाई कट्टरपंथियों द्वारा एक हिन्दू आश्रम (श्री प्रकाश धाम) से जुड़े लोगों को लंबे समय से लगातार सताया जा रहा है। हाल ही में, ऑपइंडिया ने इस मामले से संबंधित एक ख़बर भी प्रकाशित की थी। इस आश्रम के आध्यात्मिक गुरू ने बताया कि रूस में वो 1990 से शांति से रह रहे थे, लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई थी जब हिन्दू-विरोधी अलेक्जेंडर दोर्किन (Alexander Dvorkin) की नज़र उनके आश्रम पर पड़ी।
रूस में कट्टरपंथियों के निशाने पर हिन्दू आश्रम
इस मामले में ताज़ा समाचार यह है कि अलेक्जेंडर दोर्किन जो कि धार्मिक संगठनों और समूहों पर हमला करने के लिए जाना जाता है, उसने अपनी वेबसाइट iriney.ru पर खुले तौर पर हिंदू धर्म के देवी-देवताओं का अपमान किया है। हिन्दू धर्म और देवी-देवताओं के बारे में दोर्किन द्वारा की गईं अभद्र टिप्पणियों के कुछ अंश इस प्रकार हैं:
- हिंदू धर्म एक धर्म नहीं है, बल्कि एक राक्षसी, बुतपरस्त पंथ है, जिसमें हज़ारों सम्प्रदाय मौजूद हैं।
- इसके सार में, हिंदू धर्म शैतानवाद के अलावा और कुछ नहीं है।
- हिंदू धर्म जादू टोना और मूर्तिपूजक दर्शन का मिश्रण है।
- कृष्ण स्वयं शैतान हैं।
- हिंदू धर्म जंगली बुतपरस्ती है।
- श्री प्रकाश जी एंटीक्राइस्ट हैं।
- श्री प्रकाश जी शैतानवाद फैला रहे हैं, हिंदू धर्म नहीं।
- उनके चेहरे पर लगा तिलक मल के समान है, मानो शैतान ने उसे लगाया हो।
- योग राक्षसी प्रथाओं का एक सेट है।
- योग मृत्यु का मार्ग है।
- योग का उद्देश्य स्थायी रूप से मरना है।
- ध्यान के दौरान, एक योगी शैतान के साथ मिलकर रहता है।
- कृष्ण की गोपियाँ मूल रूप से उनकी वेश्याएँ थीं।
- काली शैतान का राक्षसी स्त्री रूप है।
- हिंदू धर्म मानव जाति के लिए सबसे घातक दर्शन है।
आध्यात्मिक गुरू श्री प्रकाश ने हिंदू धर्म की इस अवहेलना को जब चुनौती दी, तो अलेक्जेंडर दोर्किन ने उन्हें और उनके परिवार को ‘विदेशी मैल’ तक कहा। 1 नवंबर 2018 को कुछ रूसी असामाजिक तत्वों ने पुलिस के कपड़े पहनकर उनके आश्रम में अनाधिकृत छापेमारी भी की थी। उन लोगों के साथ वहाँ की पुलिस ने श्री प्रकाश को रूस छोड़ने का दबाव बनाया और कभी वापस न लौटने को कहा। इस मामले में श्री प्रकाश के दूसरे वकील ने साबित कर दिया कि ये छापेमारी अवैध थी और 10 दिसंबर 2018 को उन्हें अलेक्जेंडर दोर्किन के ख़िलाफ़ मुक़दमा जीतने में मदद मिली। तब अदालत के आदेश में यह कहा गया कि दोर्किन की वेबसाइट पर मौजूद सभी जानकारी बेहुदी है, जो मानहानि के तहत आती है।
आध्यात्मिक गुरू श्री प्रकाश ने रूस में पहले हिंदू मंदिर के निर्माण के लिए नरेंद्र मोदी से अपील की है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त 12 बड़े NGO ने नरेंद्र मोदी और एस जयशंकर को पत्र भेजकर रूस में ईसाई कट्टरपंथी अलेक्जेंडर दोर्किन को सज़ा देने और रूस में हिंदुओं व आध्यात्मिक गुरू श्री प्रकाश की मदद करने के लिए कहा है।
अलेक्जेंडर दोर्किन को सज़ा देने और रूस में हिंदुओं व आध्यात्मिक गुरू श्री प्रकाश की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त जो 12 बड़े NGO उनके समर्थन में आए, उसकी लिस्ट नीचे दी गई है।
दरअसल, हिन्दू आश्रम ‘श्री प्रकाश धाम’ रूस, यूरेशिया, यूरोप और यूके में मौजूद केंद्रों का एक समूह है। इस हिन्दू आश्रम को ईसाई कट्टरपंथियों ने न सिर्फ़ बदनाम करने की कोशिश की बल्कि इसके संरक्षकों पर शारीरिक हमले भी करवाए। इसकी जानकारी आश्रम के निदेशक प्रसून प्रकाश ने ख़ुद दी।
उन्होंने इस मामले में एक याचिका भी दायर की है, जिस पर उन्होंने लोगों से मदद की गुहार लगाते हुए इस पर हस्ताक्षर करने और इसे अधिक से अधिक शेयर करने की अपील की है।