तुर्की के बाद अब मलेशिया को भी पाकिस्तान के समर्थन का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। मलेशिया ने भी तुर्की की ही तरह एफएटीएफ में पाकिस्तान का समर्थन किया था और संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में जम्मू कश्मीर को लेकर भारत-विरोधी रुख अपनाया था। अब भारत के एडिबल ऑइल इंडस्ट्री की प्रमुख संस्था ने एक एडवाइजरी जारी करके कहा है कि वो मलेशिया से पाम ऑइल का इम्पोर्ट न करें। ‘साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने बताया कि सभी सदस्यों को आगाह कर दिया गया है कि पाम ऑइल के इम्पोर्ट के लिए मलेशिया का रुख न करें।
संस्था ने कहा है कि मलेशिया के गड़बड़ रवैये और भारत के साथ उसके तनावपूर्ण रिश्ते को देखते हुए ऑइल इंडस्ट्री ने ये फ़ैसला लिया है क्योंकि इससे पहले भारी मात्रा में एडिबल ऑइल वहाँ से इम्पोर्ट किया जाता रहा है। संस्था ने कहा है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री के जम्मू कश्मीर पर दिए गए बयान को हमारे देश ने गंभीरता से लिया है और सरकार ज़रूर इसका सही जवाब देगी। अब जब तक भारत और मलेशिया के रिश्ते स्थित नहीं हो जाते, भारत वहाँ से पाम ऑइल नहीं ख़रीदेगा।
भारतीय ऑइल इंडस्ट्री के इस फ़ैसले के बाद मलेशिया के बाजार पर ख़ासा नुकसान पड़ा है और अब वहाँ की सरकार डैमेज कण्ट्रोल में जुट गई है। मलेशिया ने ऑफर दिया है कि वह भारत से भारी मात्रा में चीनी और भैंस का माँस ख़रीदेगा। नवंबर और दिसंबर के शिपमेंट के लिए कई भारतीय कम्पनियाँ पाम ऑइल के लिए मलेशिया की जगह अब इंडोनेशिया का रुख कर रही हैं। हालाँकि, भारत को मलेशिया और इंडोनेशिया, दोनों ही देशों से पाम ऑइल ख़रीदने की ज़रूरत पड़ती है लेकिन भारत सरकार जल्द ही इस सम्बन्ध में कोई बड़ा निर्णय लेगी।
#India का एक झटका भी नहीं झेल पाया #Malaysia, चला था #Pakistan का साथ देनेhttps://t.co/Sf3kNwcpzB
— Zee News Hindi (@ZeeNewsHindi) October 21, 2019
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिन के दौरे पर तुर्की जाने वाले थे लेकिन वहाँ के राष्ट्रपति द्वारा संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में अनुच्छेद 370 निरस्त करने के ख़िलाफ़ दिए गए बयान को भारत ने गंभीरता से लिया क्योंकि यह भारत का आंतरिक मामला है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने अपना तुर्की दौरा रद्द कर दिया। तुर्की द्वारा जम्मू कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को समर्थन दिए जाने के बाद भारत ने अपनी विदेश नीति में बड़ा बदलाव करते हुए तुर्की की आलोचना की थी।