जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद-370 में किए गए बदलाव पर देश में ही दो गुट दिखाई दे रहा है। अपने ही देश में विपक्षी पार्टियों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है, जिसका फायदा हमारा दुश्मन देश पाकिस्तान उठा रहा है। सरकार ने जो कश्मीर पर फैसला लिया, वो हमारे देश के लिए है। यहाँ के लोगों के लिए है। तो जाहिर सी बात है कि पाकिस्तान का इस पर बोलने का कोई औचित्य ही नहीं बनता है, मगर जब अपने ही घर में फूट हो, तो पड़ोसी तो फायदा उठाएँगे ही। वो मौका देखकर वार करेंगे ही।
सरकार के फैसले का विरोध करना या फिर उस पर अपनी बात रखना सही है, लेकिन राजनीति साधने के लिए नहीं, बल्कि देश हित के लिए, लोक हित के लिए। अगर आप देश हित को ताक पर रखकर सिर्फ अपनी राजनीति को चमकाने के लिए सरकार के फैसले का विरोध करेंगे तो पड़ोसी मुल्क को बोलने का मौका तो मिलेगा ही। जब देश हित की बात पर भी देश में लोग एकमत नहीं है, तो पड़ोसी मुल्क का इस पर बोलना तो वाजिब है और ये मौका हमारे देश के नेता ही दे रहे हैं।
सोमवार (अगस्त 5, 2019) को संसद में अनुच्छेद-370 पर जिस तरह से कॉन्ग्रेस के नेताओं ने हल्ला बोला, वो पड़ोसी मुल्क को बोलने का मौका देने के लिए काफी है। कॉन्ग्रेस के सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद ने 370 पर किए गए बदलाव के फैसले का विरोध करते हुए इसे भारतीय इतिहास का काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार ने सत्ता के नशे में और वोट हासिल करने के लिए एक झटके में अनुच्छेद 370 के साथ 35A को खत्म कर दिया। इसके साथ खिलवाड़ कर बहुत बड़ी गद्दारी की जा रही है।
इसके साथ ही गुलाम नबी ने कहा कि 370 को खत्म कर दिया और साथ ही राज्य को भी बाँटकर दो केंद्रशासित प्रदेश बना दिया। जम्मू-कश्मीर में अब उप राज्यपाल होगा। यह तो कभी सपने में नहीं सोचा जा सकता था कि एनडीए सरकार यहाँ तक जाएगी कि जम्मू कश्मीर राज्य का अस्तित्व खत्म कर देगी। उन्होंने बीजेपी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इनको पता नहीं कि एक तरफ चीन की सीमा, एक तरफ पाकिस्तान सीमा है और एक तरफ POK की सीमा है। ऐसे में भाजपा सरकार ने इस तरह से राज्य के साथ खिलवाड़ करके देश के साथ गद्दारी करने का काम किया है। किसी सीमावर्ती राज्य में सिर्फ फौज की बदौलत दुश्मन को नहीं रोक सकते। इसके लिए स्थानीय लोगों का विश्वास होना चाहिए। भाजपा सरकार ने आज हमारे देश का सिर काट लिया। भाजपा की सरकार ने भारत को बिना सिर का बना दिया।
Modi Govt is trying to make Kashmir another Palestine by changing the population demography and bringing settlers into Kashmir, Parliamentarians must stop fighting on trivial issues lets respond India by blood, tears, toil and sweat, we must be ready to fight if war is imposed
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) August 6, 2019
गुलाम नबी की इस तरह की बयानबाजी के बाद अब पाकिस्तान की तरफ से विरोधी सुर उठने शुरू हो गए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बाद अब वहाँ की सेना समेत अन्य मंत्री भी इस पर भारत के खिलाफ बोल रहे हैं। वहाँ के एक मंत्री ने तो ‘जंग का जवाब’ देने तक की बात कह डाली। बता दें कि, पाकिस्तान के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी इस पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “मोदी सरकार कश्मीर को दूसरा फिलिस्तीन बनाना चाहती है। वह वहाँ की जनसांख्यिकी में बदलाव करने के लिए बाकी लोगों को कश्मीर में बसाना चाहती है। सांसदों को तुच्छ मुद्दों पर लड़ना बंद करके भारत को खून, आँसू और पसीने से जवाब देना चाहिए और अगर जंग थोपी जाए तो हमें जंग के लिए तैयार रहना चाहिए।”