भारत के वित्तीय थिंक टैंक SKOCH ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 वर्ष के कार्यकाल में रोजगार के आँकड़ों को लेकर अपना अध्ययन प्रकाशित किया है। संस्था का कहना है कि पिछले एक दशक में भारत में 5.14 करोड़ पर्सन-ईयर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। इसका अर्थ है कि 51.40 करोड़ साल के रोजगार मोदी सरकार में पैदा हुए। ये केवल सरकारी प्रयासों द्वारा उत्पन्न रोजगार के आँकड़े हैं। साथ ही ये भी बताया गया है कि 31.61 करोड़ क्रेडिट आधारित प्रयासों से पैदा हुए हैं।
संस्था ने अपने इस अध्ययन को ‘Modinomics’ नाम दिया है। इसे आसान शब्दों में समझें तो 2014 में मोदी सरकार के बनने के बाद से वर्तमान में 2024 तक औसतन 5.14 करोड़ रोजगार का सृजन हर साल किया गया है। पर्सन-ईयर का अर्थ होता है घंटों (वर्क आवर्स) के आधार पर 1 वर्ष में किसी व्यक्ति द्वारा किए गए काम की गणना। इस रिपोर्ट को 80 केस स्टडी के आधार पर तैयार किया गया है। कई प्रकार के कर्ज और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भी बात की गई।
ये आँकड़े 2014-24 के बीच के हैं। इस बीच रोजगार के 51.40 करोड़ अवसर पैदा हुए। इनमें से 19.79 करोड़ रोजगार के अवसर सीधे मोदी सरकार के प्रयासों से पैदा हुए। बता दें कि SKOCH ग्रुप भारत की सामजिकार्थिक स्थिति का अध्ययन करता है और समावेशी विकास के लिए 1997 से ही कार्य कर रहा है। रिसर्च में पाया गया है कि माइक्रो लोन से स्थिर और सुरक्षित रोजगार के अवसर पैदा किए जा रहे हैं। हर प्रत्यक्ष लोन लेने वाले ने 6.6 रोजगार पैदा किए।
According to the SKOCH report, 51.40 crore person-years of employment have been generated in the last decade. Kudos to PM Shri @narendramodi ji for his visionary leadership & transformative policies that have spurred employment generation & widened the net of financial inclusion. pic.twitter.com/kGfatfjCDK
— Shobha Karandlaje (Modi Ka Parivar) (@ShobhaBJP) May 14, 2024
इतना ही नहीं, इस गहन अध्ययन में ये भी पता चला है कि भारत में न सिर्फ गरीबी घट रही है, बल्कि घरेलू उत्पादन भी बढ़ रहा है। इस संस्था की रिपोर्ट्स को इससे पहले भी उच्च-स्तरीय स्वीकृति मिलती रही है। ‘Outcomes of ModiNomics 2014-24: A Report Card by SKOCH Group’ को अर्थशास्त्री समीर कोचर ने जारी किया है, जो कई पुस्तकें लिख चुके हैं। वो इस संस्था का चेयरमैन हैं, साथ ही एक इतिहासकार भी हैं।