दिल्ली में 700 से अधिक प्राथमिक विद्यालय बंद होंगे, जो बिना मान्यता प्राप्त किए चल रहे हैं। इस संदर्भ में राज्य शिक्षा निदेशालय (DoE) का कहना है कि इन ग़ैर-मान्यता प्राप्त विद्यालयों ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा-18 का उल्लंघन किया है। इसके अनुसार, कोई भी विद्यालय, स्थानीय सरकारी प्राधिकरण द्वारा प्रमाण पत्र प्राप्त किए बिना कार्य नहीं करेगा।
ख़बर के अनुसार, इन सभी ग़ैर-मान्यता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों की पहचान नगर निगम द्वारा की जाएगी। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया,
“जिला DDEs को मध्य वर्ग और उससे ऊपर के सभी ग़ैर-मान्यता प्राप्त विद्यालयों को बंद करने का नोटिस जारी करना चाहिए। निजी विद्यालय की शाखा दिल्ली के विभिन्न इलाक़ों में चल रहे 700 से अधिक ग़ैर-मान्यता प्राप्त विद्यालयों की सूची को DDEs के साथ साझा करेगी।”
वहीं, दिल्ली राज्य पब्लिक विद्यालय मैनेजमेंट एसोसिएशन के अनुसार, शहर में लगभग 3,000 ग़ैर-मान्यता प्राप्त विद्यालय हैं, जो हर साल दस लाख छात्रों को प्रवेश देते हैं। ऐसा सरकार द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद होता है। दरअसल, पिछले साल मई में, शिक्षा निदेशालय ने विद्यालयों को मान्यता देने या कक्षाएँ रोकने और 2018-19 शैक्षणिक सत्र में प्रवेश से बचने का अंतिम अवसर दिया था।
वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया कि सरकार वास्तव में सरकारी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में अवैध प्रैक्टिस पर भी नकेल कसने जा रही है। ऐसे विद्यालयों की मान्यता वापस लेने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया जाना चाहिए और इस मामले को सख़्ती से निपटाया जाना चाहिए।
दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 से पता चला है कि शहर के सरकारी विद्यालय अभी भी सीखने के परिणामों के मामले में पिछड़ रहे हैं। इसमें बताया गया है कि दिल्ली के विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात 80:1 पर है, जो शिक्षा के अधिकार (RTE) के दिशा-निर्देशों के ख़िलाफ़ है।
इसके अतिरिक्त, दिल्ली विद्यालय शिक्षा मानदंडों में कहा गया है कि विद्यालयों की मान्यता भौगोलिक स्थिति के अनुसार होगी। नामांकन अनुपात बनाए रखने के लिए इलाक़े के अन्य विद्यालयों के साथ तालमेल बैठाए रखना होगा। आपको बता दें कि ग़ैर-मान्यता प्राप्त विद्यालयों की समस्या अन्य राज्यों में भी है। दरअसल, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हाल ही में बिना मान्यता प्राप्त विद्यालयों से संबंधित मामले पर हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव को तलब किया था।
आज सुबह ग़ैर-मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों के प्रतिनिधियों से मिला. मैंने उन्हें बताया कि दिल्ली में कोई स्कूल बंद नहीं होगा और न ही दिल्ली नगर निगम को किसी स्कूल को बंद करने दिया जाएगा.
— Manish Sisodia (@msisodia) October 18, 2019
दिल्ली सरकार स्कूल बंद करने में नहीं, स्कूल खोलने में यक़ीन रखती है. pic.twitter.com/SLFqHit900
दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में राज्य शिक्षा निदेशालय द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने की पहल पर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा।
मैं इन स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों और शिक्षकों को कहना चाहता हूँ कि आप निश्चिन्त होकर अपने बच्चों को पढ़ाएँ. ये तमाम स्कूल बीजेपी शासित नगर निगम के दायरे में आते है. सरकार नगर निगम को भी किसी स्कूल को बंद नहीं करने देगी.
— Manish Sisodia (@msisodia) October 18, 2019