Sunday, November 17, 2024
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वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट: सोलापुर से CSMT तक, राइट टाइम से 5 मिनट पहले पहुँची ट्रेन

दिलचस्प बात यह है कि साल 2021 के महिला दिवस पर सुरेखा यादव ने वंदेभारत एक्सप्रेस चलाने की इच्छा जाहिर की थी। 2 साल बाद उनकी यह इच्छा पूरी हो गई।

एशिया की पहली महिला लोको पायलट होने का गौरव रखने वाली सुरेखा यादव ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली। सुरेखा ने वंदे भारत एक्सप्रेस को सोमवार (13 मार्च 2023) को सोलापुर से राइट टाइम पर चलाई और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) राइट टाइम से 5 मिनट पहले ही पहुँचा दी। इसके साथ ही वह वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने वाली पहली महिला लोको पायलट भी बन गईं।

महाराष्ट्र के सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव साल बीते 34 सालों से रेलवे में काम कर रही हैं। इस दौरान एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा ने रेल चालक विभाग के विभिन्न पदों पर काम किया है। अब एक और कीर्तिमान उनके नाम जुड़ गया। दिलचस्प बात यह है कि साल 2021 के महिला दिवस पर उन्होंने वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की इच्छा जाहिर की थी। अब दो साल बाद उनकी यह इच्छा पूरी हो गई।

वंदे भारत एक्सप्रेस को सफलतापूर्वक चलाने के बाद सुरेखा यादव ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा, “भारतीय रेलवे ने मुझे नए जमाने की अत्याधुनिक ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का मौका दिया। इसके लिए मैं रेलवे की शुक्रगुजार हूँ।” बता दें कि लोको पायलट बनने के बाद वह रेलवे के लिए लोको पायलट प्रशिक्षक का भी काम करतीं हैं। मतलब वह अब तक कई लोको पायलट को ट्रेन चलाने का प्रशिक्षण दे चुकी हैं।

सुरेखा यादव द्वारा वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, “वंदे भारत, नारी शक्ति द्वारा संचालित। श्रीमती सुरेखा यादव वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट हैं।” वहीं, इसको लेकर रेलवे ने एक बयान में कहा है कि वह महिला कर्मचारियों को सशक्त बनाने के मिशन पर है।

साल 2017 में, मध्य रेलवे का माटुंगा स्टेशन महिला कर्मचारी द्वारा चलाया जाने वाला पहला स्टेशन बना था। कुछ महीने बाद, पश्चिम रेलवे ने माटुंगा रोड स्टेशन पर भी ऐसा ही करने का विचार पेश किया था। देश भर में करीब 1500 महिला लोको पायलट हैं।

बता दें कि सतारा के सेंट पॉल कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई के बाद सुरेखा यादव ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया था। इसके बाद साल 1986 में उन्होंने रेलवे की परीक्षा पास की थी। फिर रेलवे का इंटरव्यू भी पास करने के बाद उन्हें ट्रेनिंग दी गई और फिर सहायक लोको पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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