Sunday, November 17, 2024
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बप्पी लहरी के निधन के बाद गूगल पर लोग सर्च कर रहे OSA, जानें क्या है ये: कुछ ‘संघी’ लिख बता रहे अपनी ‘बीमारी’

ऑब्स्ट्रक्ट‍िव स्लीप एपन‍िया-ऑक्सीजन की कमी से और कॉर्बन डाई ऑक्साइड जमा होने से होती है। बीमारी में मरीज का दिमाग एक्टिव हो जाता है और कुछ सेकेंड के लिए जगता है ताकि साँस लेने की कोशिश की जाए।

मशहूर सिंगर बप्पी लहरी के निधन के बाद जहाँ बॉलीवुड जगत से लेकर सामान्य जन उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वहीं मीडिया में लहरी के निधन की खबरों के बाद अब उनके जीवन, उनके करियर की तरह उनकी बीमारी पर चर्चा शुरू हो गई है। बीमारी पर बात करके समझाया जा रहा है कि किस वजह से आखिर इतनी बड़ी शख्सियत को 69 साल में दुनिया को अलविदा कहना पड़ा।

ऑब्स्ट्रक्ट‍िव स्लीप एपन‍िया (Obstructive Sleep Apnea)

डॉक्टरों ने बताया कि बप्पी लहरी को एक माह पहले फेफड़ों में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। ये इंफेक्शन उन्हें ऑब्स्ट्रक्ट‍िव स्लीप एपन‍िया (Obstructive Sleep Apnea) के कारण हुआ था। जानकारी के मुताबिक, लंबे समय से बीमार चल रहे बप्पी लहरी को एक साल से ऑब्स्ट्रक्ट‍िव स्लीप एपन‍िया (OSA) और चेस्ट इन्फेक्शन की समस्या थी। इस बीमारी से साँस लेने में परेशानी होती है। मरीज के सोते वक्त ही बार-बार साँस रुकती और बढ़ती है। मरीज को पता भी नहीं चलता कि साँस कब रुकी और कब चलना शुरू हुई। कई बार ये परेशानी 1 मिनट तक भी रहती है।

बताया जाता है कि ये बीमारी खून में ऑक्सीजन की कमी से और कॉर्बन डाई ऑक्साइड जमा होने से होती है। बीमारी में मरीज का दिमाग एक्टिव हो जाता है और कुछ सेकेंड के लिए जगता है ताकि साँस लेने की कोशिश की जाए। साँस जाने और आने की परेशानी ऐसी होती है कि व्यक्ति को कई बार उठना पड़ता है और एक दो बार गहरी साँस लेनी पड़ती है। कथिततौर पर ये सब 5 से 30 बार भी हो सकता है। इस बीमारी से जूझने वाले लोग हमेशा उबासी लेते रहते हैं क्योंकि उनकी नींद कभी रात में पूरी नहीं होती।

OSA होनी की वजह

वैसे तो स्लीप एपनिया कई प्रकार के होते हैं लेकिन इनमें सबसे कॉमन ऑब्सट्रक्टिव स्लीम एपनिया है। ये तब होता है जब गले की मांसपेशियाँ ढीलीं हो और एयरफ्लो में रुकावट आए। इन परेशानियों के चलते मरीज को तेज खर्राटे आते हैं और साँस लेने की परेशानी के कारण खून में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। बीमारी के लक्षणों में- ज्यादा नींद आना, खर्राटे लेना, सोते में साँस रुक-रुक कर आना, हाँफना, घुटन होना, मुँह सूखना, मूड चेंज होना, हाई बीपी जैसे चीजें आती हैं। इस बीमारी होने के पीछे का एक कारण मोटापा होता है। साँस की नली  में फैट जमता है तो साँस लेना भारी हो जाता है और मोटापा अन्य बीमारी भी मरीज को देता चला जाता है। इसके बाद हाई ब्लड प्रेशर-डायबिटीज, अस्थमा ग्रसित मरीजों को भी बीमारी का खतरा रहता है।

भाजपा से नफरत करने वाले लहरी को बुला रहे संघी

यहाँ बता दें कि सिर्फ ये बीमारी ही अकेली वजह नहीं है जिसकी वजह से बप्पी लहरी पर बात हो रही है। सोशल मीडिया पर कुछ चुनिंदा लोग ऐसा भी देखने को मिले जो बप्पी लहरी के निधन के बाद भी उनमें संघी और बीजेपी खोज रहे थे। उनके लिए इतनी बड़ी शख्सियत का जाना हँसने का विषय इसलिए है क्योंकि सिंगर का झुकाव भाजपा की ओर था। उनके इस झुकाव की वजह से निधन के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर संघी बताया जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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