कॉफी-रेस्टोरेंट चेन CCD के संस्थापक-मालिक और पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ लापता हैं। बंगलुरु से 375 किलोमीटर दूर मंगलुरु के पास नेत्रवती नदी के उल्लाल पुल पर वह अपनी कार से नीचे तो उतरे, लेकिन वापस अब तक नहीं लौटे हैं। उन्होंने अपने ड्राइवर से कार पुल के दूसरे सिरे पर ले जाकर उनका इंतजार करने के लिए कहा था। जब वह डेढ़ घंटे में भी दूसरे सिरे पर नहीं पहुँचे और उनका फ़ोन भी स्विच ऑफ़ आया, तो उनके ड्राइवर ने पुलिस को खबर दी।
‘भरसक कोशिश की लेकिन…’
इस बीच उनका CCD के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स) को लिखा एक पत्र भी सामने आया है, जिसमें वह लाभप्रद बिज़नेस का मॉडल न खड़ा कर पाने के लिए निदेशक मंडल से माफ़ी माँग रहे हैं। पत्र के अनुसार भरसक कोशिश करते रहने के बाद आज (पत्र लिखते समय) वह हार मान रहे हैं क्योंकि एक निजी इक्विटी पार्टनर उन्हें (सिद्धार्थ को) शेयर दोबारा खरीदने (‘buy back’) के लिए मजबूर कर रहे हैं, जिसे आंशिक रूप से पूरा करने के लिए 6 महीने पहले उन्होंने एक मित्र से बड़ी रकम उधार ली थी। इसके अलावा अन्य देनदारों के भी भीषण दबाव की बात उन्होंने पत्र में कही है।
Founder & owner, Cafe Coffee Day (CCD), #VGSiddhartha‘s letter to employees and board of directors of CCD, states, “Every financial transaction is my responsibility…the law should hold me & only me accountable.”; He has gone missing from Mangaluru, search operation underway. pic.twitter.com/0GJc5vmvYt
— ANI (@ANI) July 30, 2019
उन्होंने हर एक आर्थिक लेनदेन को अपनी जिम्मेदारी बताते हुए कानून से केवल उन्हें ही दोषी ठहराने की अपील की भी पत्र में की है। उनके मुताबिक उनकी टीम, ऑडिटर, कंपनी का वरिष्ठ प्रबंधन और उनका अपना परिवार तक उनकी आर्थिक अनियमितताओं से अनजान थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि वह नव-उद्यमी (entrepreneur) के तौर पर विफल हो गए हैं, और उनका इरादा किसी को धोखा देने या भ्रम में रखने का नहीं था।
₹650 करोड़ की आय छिपाने का आरोप, आयकर महानिदेशक पर निशाना
अपने पत्र में वीजी सिद्धार्थ ने पूर्व आयकर महानिदेशक पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जबकि आयकर विभाग का आरोप है कि सिद्धार्थ ने ₹650 करोड़ की आय छिपा कर आयकर से बचने की कोशिश की थी। इस मामले में 2017 में 4 दिन की छापेमारी के बाद आयकर विभाग को, रिपोर्टों के मुताबिक, तब बड़ी सफ़लता हाथ लगी थी जब सिद्धार्थ ने CCD की ₹650 करोड़ की छिपी आय का खुलासा किया था। इस मामले में आयकर विभाग ने सिद्धार्थ के 46 लाख निजी शेयर इन देनदारियों से अटैच किए थे। इसके अलावा सिद्धार्थ का दावा है कि CCD की माइंडट्री के साथ डील में भी आयकर विभाग ने उनके शेयर अटैच करके अड़ंगा लगाया था। अपने पत्र का अंत वीजी सिद्धार्थ इस उम्मीद के साथ करते हैं कि निदेशक मंडल और ‘CCD परिवार’ के लोग किसी दिन उनकी परिस्थिति को समझ कर उन्हें माफ़ कर पाएँगे।