Wednesday, November 13, 2024
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कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता अचिंता शुली के भाई ने की पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना, जीत की उपेक्षा पर कहा- ‘खेल मंत्री भी सपोर्ट नहीं करते’

"हमें सरकारी समर्थन की आवश्यकता है। जबकि दूसरे राज्यों में एथलीटों को नकद पैसा दिया जाता है, लेकिन हमें अभी तक कुछ नहीं पता कि वो क्या करेंगे। वे इसके लिए कितना पैसा देंगे।"

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में वेटलिफ्टर अचिंता शुली ने रविवार (31 जुलाई, 2022) को पुरुषों के 73 किग्रा भारोत्तोलन वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर एक शानदार शुरुआत की। बर्मिंघम में हो रहे राष्ट्रमंडल खेल 2022 में यह भारत का तीसरा स्वर्ण पदक था। अचिंता से पहले मीराबाई चानू और जेरेमी लालरिनुंगा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। ऐसे में जहाँ पूरा देश राष्ट्रमंडल खेलों में अचिंता शुली की सफलता का जश्न मना रहा है, वहीं उनके बड़े भाई आलोक शुली ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार द्वारा अचिंता शुली की उपेक्षा किए जाने और किसी तरह की प्रोत्साहन राशि की घोषणा न करने की वजह से आलोचना की है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हावड़ा जिले के पश्चिम बंगाल के देउलपुर गाँव की रहने वाली अचिंता शुली ने अपने बड़े भाई आलोक शुली के अथक समर्थन और प्रयास की बदौलत आज खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर कामयाबी अपने नाम की है। अचिंता ने रविवार को अपने भाई को जीवन के हर दौर में साथ देने और सफलता के इस मुकाम तक पहुँचाने के लिए स्वर्ण पदक समर्पित किया।

इस बीच, उनके भाई आलोक शुली ने अपने छोटे भाई की खेल में स्वर्णिम सफलता की उपेक्षा के लिए पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “2020 में, राज्य सरकार ने एक पुरस्कार दिया, कोई नहीं जानता कि हमारे गॉँव के एक लड़के ने राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया। यहाँ तक ​​कि राज्य के खेल मंत्री भी अज्ञानी लगते हैं, हमें सरकारी समर्थन की आवश्यकता है। जबकि दूसरे राज्यों में एथलीटों को नकद पैसा दिया जाता है, लेकिन हमें अभी तक कुछ नहीं पता कि वो क्या करेंगे। वे इसके लिए कितना पैसा देंगे।”

गौरतलब है कि बेशक बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में अपने पहले अभियान में एक ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद बंगाल सरकार अपने खिलाड़ी की सफलता से दूर हो लेकिन रविवार को पश्चिम बंगाल के अचिंता के गाँव में जमकर जश्न मनाया गया।

बता दें कि भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही अचिंता शुली ने राष्ट्रमंडल खेलों के पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ा है। शुली ने कुल 313 किग्रा भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता। अचिंता ने स्नैच राउंड में 143 किलो वजन उठाया जबकि क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 170 किलो वजन उठाकर गोल्ड मेडल सुनिश्चित कर लिया। अचिंता शुली ने 73 किलो भार वर्ग में कुल 313 किलो का वजन उठाते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स का रिकॉर्ड बनाया।

हालाँकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी 20 वर्षीय वेटलिफ्टर को उनकी सफलता के लिए ट्वीट कर बधाई दी। लेकिन किसी तरह की प्रोत्साहन राशि की घोषणा नहीं की।

वहीं रविवार को दो स्वर्ण पदकों के बाद, भारत अब राष्ट्रमंडल खेलों 2022 पदक तालिका में पांचवें स्थान पर पहुँच गया है। जेरेमी ने भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीता, उसके बाद अचिंता शुली ने भी रविवार को दूसरा स्वर्ण हासिल किया। मीराबाई चानू के ऐतिहासिक राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक जितने के 24 घंटे से भी कम समय में भारत ने दोहरा स्वर्ण पदक हासिल कर इतिहास रच दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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