दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा और उनके क़रीबी मनोज अरोड़ा को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस याचिका पर जारी किया गया है जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा उन्हें दी गई अग्रिम ज़मानत याचिका को चुनौती दी गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, वित्तीय अपराधों की जाँच के संबंध में वाड्रा पर लंदन स्थित 1.9 मिलियन पाउंड की सम्पत्ति ख़रीदने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया था। वाड्रा को अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए 17 जुलाई तक का समय दिया गया है।
Delhi High Court issues notice to Robert Vadra and his close aide Manoj Arora on ED’s plea challenging trial court order granting them the anticipatory bail. Next date of hearing is 17th July. (file pic) pic.twitter.com/42EnyyQ2xl
— ANI (@ANI) May 27, 2019
दरअसल, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा को ज़मानत दे दी थी। निचली अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ ED ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।
अपनी याचिका में, ED ने आशंका व्यक्त की थी कि वाड्रा सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं क्योंकि वह एक ‘प्रभावशाली व्यक्ति’ हैं। याचिका में कहा गया था कि अगर वाड्रा को ज़मानत दी गई, तो वो सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। एजेंसी ने तर्क दिया था कि गिरफ़्तारी से छूट मिलने पर कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर हो रही जाँच को नुक़सान हो सकता है, जिसमें कथित रूप से अवैध सम्पत्ति का सटीक स्रोत और धन के अंतिम इस्तेमाल का पता लगाना शामिल है।
फ़िलहाल, रॉबर्ट वाड्रा ने अदालत के नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि एजेंसी की जाँच राजनीति से प्रेरित थी। वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी, जिन्होंने ट्रायल कोर्ट में वाड्रा का प्रतिनिधित्व किया था, उन्होंने कहा था कि ED ने वाड्रा से 70 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी और अगर इसके बाद भी उन्हें अपने सवालों का जवाब नहीं मिल पाया है, तो इसका मतलब है कि वास्तव में उनके पास कोई मुद्दा था ही नहीं।
वहीं, ED के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा जाँच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इस मामले में अपनी कथित भूमिका पर वाड्रा को अपनी सफाई देने के कई मौके मिले थे, लेकिन वो टालमटोल करते रहे। ED का आरोप है कि लंदन में खरीदी गई प्रॉपर्टी को ग़लत तरीके से ख़रीदा गया है और इसमें ब्लैक मनी का इस्तेमाल किया गया है। लिहाज़ा, इस मामले में ED वाड्रा से कई बार पूछताछ भी कर चुकी है। वाड्रा के अलावा इस मामले में ED ने कई और लोगों से भी पूछताछ की थी। ED का दावा है कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा के ख़िलाफ़ उनके पास दस्तावेज़ और ई-मेल की शक्ल में कई ठोस सबूत मौजूद हैं।