विश्व कप क्रिकेट 2019 चल रहा है। टूर्नामेंट में भारत का पहला मैच बुधवार को दक्षिण अफ्रीका से हुआ। इस मैच में पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ग्लव्स पर एक अनोखा चिह्न बना हुआ दिखाई दिया। यह चिह्न भारतीय सेना की पैरा स्पेशल फ़ोर्स का ‘बलिदान’ रेजिमेंटल डैगर चिह्न है। धोनी के ग्लव्स की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आते ही वायरल हो गईं और लोगों ने उनकी तारीफ करनी शुरू कर दी। धोनी बचपन से ही इंडियन आर्मी के फैन रहे हैं। भारतीय सेना ने उन्हें 2011 में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद (Honorary) रैंक प्रदान की थी। धोनी ने कुछ समय के लिए स्पेशल फ़ोर्स के सैनिकों के साथ ट्रेनिंग भी ली थी।
That’s the regimental dagger insignia of the Indian Para Special Forces on Dhoni’s gloves: pic.twitter.com/YKoA5Az54o
— Shiv Aroor (@ShivAroor) June 5, 2019
स्पेशल फ़ोर्स का ‘बलिदान’ बैज प्राप्त करना सबके बस की बात नहीं होती। सेना में से बहुत कम सैनिक स्पेशल फ़ोर्स का हिस्सा बनते हैं। स्पेशल फ़ोर्स की ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है कि सभी ट्रेनी पूरी नहीं कर पाते। ट्रेनिंग के अंतिम चरण में 100 किमी तक बिना रुके दौड़ भी लगानी होती है। ऐसी ट्रेनिंग पूरी करने पर ही बलिदान बैज मिलता है। इसे प्राप्त करना किसी भी सैनिक या अफसर का सपना होता है।
पैरा स्पेशल फ़ोर्स भारतीय सेना की एलीट फ़ोर्स है जिसका इस्तेमाल सर्जिकल स्ट्राइक जैसी विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है। किसी देश की सेना के विशेष रूप से प्रशिक्षित सैनिक शत्रु के क्षेत्र में भीतर तक घुसकर किसी विशेष लक्ष्य को भेदकर वापस लौट आते हैं। ऐसा मिलिट्री ऑपरेशन ‘स्पेशल ऑपरेशन’ कहलाता है। इसका प्रारंभ द्वितीय विश्व युद्ध के समय हुआ था जब अमेरिका ने हवा से कूद कर शत्रु की भूमि पर उतरने वाली स्पेशल एयरबोर्न डिवीज़न बनाई थी।
पैरा स्पेशल फ़ोर्स के लिए धोनी का प्यार कोई नई बात नहीं है। वर्ल्ड कप से पहले IPL के दौरान भी धोनी ने इनके बलिदान बैज वाली टोपी पहनी थी। धोनी के पास एक मोबाइल केस भी है, जिसके पीछे यह बैज बना हुआ है।
MS has a mobile case with Balidan. Also during IPL he was wearing cap with Balidan. His love and respect for Para SF is above all. #Balidan #ParaSF pic.twitter.com/f2C01jnvUB
— Prabhu (@Cricprabhu) June 5, 2019
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही लगभग सभी शक्तिशाली देशों की सेनाओं के पास स्पेशल ऑपरेशन फ़ोर्स है। भारत की थलसेना के पास भी स्पेशल ऑपरेशन के लिए PARA SF यूनिट है। इसके अतिरिक्त नौसेना, वायुसेना और यहाँ तक की केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के पास भी क्रमशः MARCOS, GARUD और COBRA नामक दस्ते हैं जो कठिन परिस्थितियों में शत्रु के क्षेत्र में विशेष लक्ष्य को बर्बाद करने का कार्य करते हैं।
केंद्र सरकार ने हाल ही में संयुक्त स्पेशल ऑपरेशन डिवीजन का गठन किया था मेजर जनरल ए के ढींगरा को आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल आपरेशंस डिवीजन का पहला मुखिया नियुक्त किया गया है। इस ट्राई सर्विसेज डिवीजन के गठन में सेना की पैराशूट रेजिमेंट, नौसेना की मार्कोस और वायु सेना के गरुड़ कमांडो बल के विशेष कमांडो शामिल हैं।