‘गब्बर सिंह’ भारतीय फिल्म जगत का कालजयी पात्र है। साल 1975 में आई फिल्म शोले के इस पात्र से शायद ही ऐसा कोई होगा, जो वाकिफ नहीं होगा। इस पात्र को पर्दे पर जीवंत किया था, मंझे हुए अदाकार अमजद खान। गब्बर सिंह के पात्र की सफलता ने अमजद खान को रातों-रात प्रसिद्धी दिला दी थी। हालाँकि, इस फिल्म के बाद इसके संवाद लेखक सलीम-जावेद के साथ उन्होंने फिर कभी काम नहीं किया।
इस फिल्म में कुख्यात डकैत का किरदार निभा रहे अमजद खान को बेहद क्रूर दिखाया गया है। उनके नाम का इस्तेमाल रोने वाले बच्चों को चुप कराने के लिए माएँ अकसर करती हैं। गब्बर सिंह के डायलॉग भी खूब प्रसिद्ध हुए हैं। ‘अरे ओ सांबा… कितने आदमी थे’, ‘जो डर गया सो मर गया’ जैसे डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर हैं। हालाँकि, इस किरदार के विपरीत वास्तविक जिंदगी में अमजद खान बेहद नरम दिल इंसान थे।
जिस दिन फिल्म शोले को अमजद खान ने साइन किया था, 1973 में उसी दिन उनके बड़े बेटे शादाब खान का जन्म हुआ था। सलीम-जावेद की सलाह पर फिल्म के निर्देशक रमेश सिप्पी ने उन्हें गब्बर सिंह का किरदार ऑफर किया था। ये वो दौर था, जब उनका परिवार भी बढ़ चुका था और उनके पिता जयंत का कैंसर का ईलाज चल रहा था। अमजद खान के लिए ये मुश्किल भरा दौर था।
फिल्म की जब शूटिंग शुरू हुई तो अमजद खान स्थापित अभिनेताओं के बीच नर्वस हो जाते। इस छाप उनकी किरदार पर भी साफ झलकती है। फिल्म की शूटिंग के पहली शेड्यूल में अमजद खान एक भी शॉट नहीं दे पाए। फिल्म के अन्य कलाकारों को लगता था कि अमजद खान अपने किरदार के साथ न्याय नहीं कर पाएँगे। सलीम-जावेद को चिंता होने लगी कि अब इसका दोष उन पर मढ़ा जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आखिरकार सलीम-जावेद ने निर्देशक रमेश सिप्पी से संपर्क किया और कहा, “अगर आप अमजद से संतुष्ट नहीं हैं तो उन्हें बदल दीजिए।” हालाँकि, निर्देशक रमेश सिप्पी ने अमजद खान के साथ ही फिल्म को जारी रखने का निर्णय लिया। फिल्म जब रिलीज हुई तो इसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। हालाँकि, बाद में अमजद और सलीम-जावेद के बीच मनमुटाव हो गया।
अमजद खान को जब रमेश सिप्पी से उनको लेकर सलीम-जावेद द्वारा की गई बातचीत के बारे में पता चला तो उन्हें गलतफहमी हो गई। इस गलतफहमी को और मजबूत बनाने में अफवाहों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उन्हें लगा कि जिन लोगों ने उन्हें फिल्म दिलवाई, उन्होंने ही उन्हें फिल्म से हटाने की कोशिश भी की। इसके बाद उन्होंने सलीम-जावेद के साथ फिर कभी साथ काम नहीं किया।
बॉलीवुड इंडस्ट्री में दूसरों के मददगार के रूप में अपनी विशेष पहचान रखने वाले अमजद खान अब इस दुनिया में नहीं हैं। साल 1992 में कार्डियक अरेस्ट से उनका देहांत हो गया। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 48 साल थी। हालाँकि, इस छोटी सी उम्र में भी उन्होंने इंडस्ट्री के स्थापित लोगों को भी पीछे छोड़ दिया था। आज यानी 12 नवंबर को अमजद खान की बर्थ एनावर्सरी है।