‘विश्व टेस्ट चैंपियनशिप’ (WTC) में टॉप की दोनों टीमों ऑस्ट्रेलिया और भारत को एक ही दिन हार मिली है। भारत अपने सबसे मजबूत घरेलू मैदानों में से एक हैदराबाद की पिच पर इंग्लैंड से मैच हार गया, तो दूसरी तरफ वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसके ही घर में घुसकर वेस्टइंडीज के नए नवेले-खिलाड़ियों ने बुरी तरह से हरा दिया। वो भी ऑस्ट्रेलिया के सबसे मजबूत मैदान गाबा में। ऑस्ट्रेलिया को वेस्टइंडीज के हाथों में 8 रनों से मात झेलनी पड़ी, तो भारतीय टीम को 28 रनों से हार झेलनी पड़ी। खास बात ये है कि दोनों ही टीमों में ऐसे खिलाड़ियों ने टीम को जीत दिलाई, जिन्हें बेहद कम करके आँका जा रहा था।
हैदराबाद की स्पिन पिच पर ही ढेर हुए भारतीय शेर
भारत ने इंग्लैंड की टीम का स्वागत किया था हैदराबाद की सूखी पिच पर। ये पिच स्पिनरों की मददगार पिच थी। इसका फायदा घरेलू टीम को मिलना था, हालाँकि, इंग्लैंड की टीम ने भी इसकी खूब तैयारी की थी। भारतीय टीम ने दो तेज गेंदबाजों को अंतिम एकादश में शामिल किया, तो इंग्लैंड ने सिर्फ एक तेज गेंदबाज को मैच में खिलाया। इस बीच पूरे मैच में भारतीय टीम भारी पड़ती नजर आई, लेकिन इंग्लैंड की टीम जिस बैजबाल क्रिकेट के लिए जानी जाती है, उसकी वजह से उसे ही जीत मिली।
इसमें इंग्लैंड के उन स्पिनरों का योगदान काफी ज्यादा रहा, जिन्हें शुरू की दो पारियों में खारिज किया जाता रहा। वहीं, इंग्लैंड की दूसरी पारी में महज 278 गेंदों पर शानदार 196 रनों की पारी खेलने वाले ओली पोप को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
ऐसा रहा मैच का हाल
इस मैच की शुरुआत में इंग्लैंड ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। इंग्लैंड की पूरी टीम पहले ही दिन 246 रनों पर सिमट गई। महज 64.3 ओवरों में 3.81 रन रेट से इंग्लैंड ने ये रन बनाए। कप्तान बेन स्टोक्स ने 88 गेंदों पर तेज तर्रार 70 रन बनाए। भारत की तरफ से जसप्रीत बुमराह ने 2 विकेट लिए, तो अक्षर पटेल ने भी दो विकेट लिए. वहीं रविंद्र जडेजा और आर अश्विन ने 3-3 विकेट लिए। इस तरह से भारतीय स्पिनरों ने 8 विकेट चटकाए।
भारतीय टीम ने पहली पारी में जोरदार शुरुआत की। यशस्वी जायसवाल ने 74 गेंदों पर 80 रन बनाए। केएल राहुल ने 86, रविंद्र जडेजा ने 87, श्रीकर भरत ने 41 और अक्षर पटेल ने 44 रन बनाए। भारतीय टीम ने कुल 436 रन बनाए और पहली पारी के आधार पर 190 रनों की बढ़त हासिल की। इंग्लैंड की तरफ से जो रुट ने पार्ट टाइम स्पिनर से कहीं बड़ी जिम्मेदारी निभाते हुए 4 विकेट झटके। वहीं, बाकी के स्पिनर महंगे साबित हुए। रेहान अहमद को 2, टॉम हर्टली को 2 विकेट मिले तो जैक लीच को एक विकेट मिला।
इसके बाद मैच में आया बदलाव
भारतीय टीम से 190 रनों से पिछड़ी इंग्लैंड की टीम ने दूसरी पारी में जोरदार बल्लेबाजी की और 102 ओवरों में 420 रन जोड़ दिए। ओली पोप ने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ अहम साझेदारियाँ करते हुए टीम के स्कोर को 420 रनों तक पहुँचाया। इसी स्कोर पर कुल 196 रन बनाकर ओली पोप आउट हो गए। इस तरह से भारतीय टीम के सामने कुल 231 रनों का लक्ष्य था।
स्पिन के जाल में फंसी भारतीय टीम
भारतीय टीम के लिए 231 रनों का लक्ष्य भारी साबित हुआ। कुल 8 बल्लेबाजों ने दोहरे अंक का आंकड़ा छुआ, लेकिन कोई भी बल्लेबाज 40 का आंकड़ा नहीं पार कर पाया। पूरी भारतीय टीम 202 रनों पर सिमट गई। जिस हर्टले को खतरा नहीं माना जा रहा था, उसने 7 विकेट लिए और भारतीय टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। जो रूट और जैक लीच को एक-एक विकेट मिला। इस तरह से जिस स्पिन बॉलिंग पिच का जाल भारतीय टीम ने बुना, उसे उसी के घर में अंग्रेज टीम ने मात दे दी, वो भी टॉम हर्टली, रेहान अहमद जैसे नए स्पिनरों के दम पर, तो जैक लीच के घायल होने के बावजूद। हाँ, जो रूट ने अपने अनुभव का खूब फायदा उठाया और 5 विकेट लेकर इंग्लैंड की टीम को हमेशा मैच में बनाए रखा।
ऑस्ट्रेलिया को भी अपने घर में मिली हार
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेदबाजी का खौफ सारी दुनिया में है। ऑस्ट्रेलियाई मैदानों में सबसे खतरनाक पिच गाबा की पिच को माना जाता है, जिस पर तेज गेंदबाजों की तूती बोलती है। इस मैदान पर मेहमान टीमों का शिकार अबतक ऑस्ट्रेलियाई टीम करती रही है। हालाँकि इस बार उसकी दवा उसे ही वेस्टइंडीज ने चखा दी। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के सामने चौथी पारी में जीत के लिए 216 रनों का लक्ष्य था। उसके बल्लेबाज एक समय 2 विकेट के नुकसान पर 113 रन बना चुके थे। यहाँ से अबतक चोट की वजह से बाहर रहे नए गेदबाज शेमार जोसेफ मैदान में आए और लगातार 11.5 ओवर की गेंदबाजी में 68 रन देकर 7 विकेट चटका लिए। ओपनर स्टीवन स्मिथ 91 रन बनाकर नाबाद रहे, लेकिन दूसरी ओर से सभी 10 विकेट गिर गए और ऑस्ट्रेलियाई टीम 8 रनों से पीछे रह गई।
भारत और ऑस्ट्रेलिया का हारना ये बताता है कि खेल के मैदान में कई बार अपनी ताकत ही अपनी हार की वजह बन जाती है, खासकर तब जब सामने वाली टीम आपकी टैक्टिस को जानती हो। एक तरफ इंग्लैंड ने भारतीय टीम के सामने 4 स्पिनर मैदान में उतारे, तो दूसरी तरफ वेस्टइंडीज ने अपने सभी तेज गेदबाजों को।