Monday, December 23, 2024
Homeविविध विषयअन्य'16 लाख रुपए सैलरी+ग्रेच्युटी दो वरना सूखे का श्राप...' - गुजरात का रिटायर्ड कर्मचारी...

’16 लाख रुपए सैलरी+ग्रेच्युटी दो वरना सूखे का श्राप…’ – गुजरात का रिटायर्ड कर्मचारी खुद को बोल रहा कल्कि अवतार

"सरकार में बैठे राक्षस मेरा वेतन और ग्रेच्युटी रोक कर मुझे परेशान कर रहे हैं। अगर मुझे सैलरी और ग्रैच्युटी नहीं दी जाती है तो मैं राज्य को सूखे का श्राप दूँगा।"

गुजरात सरकार के पूर्व कर्मचारी रमेशचंद्र फेफर अपने बयानों के कारण एक बार फिर से चर्चा में हैं। वह खुद को भगवान विष्णु के दसवें अवतार ‘कल्कि’ मानते हैं। इस बार फेफर राज्य सरकार को 16 लाख रुपए वेतन और ग्रेच्युटी नहीं देने पर राज्य को सूखे का श्राप देने की धमकी देने के लिए चर्चा में हैं। यह सब वो तब कर रहे हैं जब वह ऑफिस नहीं जा रहे हैं।

News18 गुजराती की रिपोर्ट के मुताबिक, राजकोट के रहने वाले फेफर को ऑफिस नहीं जाने के कारण और उनके दावों के चलते विभाग ने उन्हें प्री मेच्योर रिटायरमेंट दे दिया था। ऐसे में वह ऑफिस तो जा नहीं रहे हैं, लेकिन विभाग से उन्होंने अपनी पूरी सैलरी माँगी है। जल विभाग के पूर्व कर्मचारी ने धमकी दी है कि अगर उन्हें सैलरी और ग्रैच्युटी नहीं दी जाती है तो वे राज्य को सूखे का श्राप दे देंगे।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 1 जुलाई, 2021 को फेफर ने जल संसाधन विभाग के सचिव को पत्र लिखकर दावा किया था कि ‘सरकार में बैठे राक्षस’ उनका वेतन और ग्रेच्युटी रोक कर उन्हें परेशान कर रहे हैं। ‘उत्पीड़न’ के कारण वह अब गुजरात में सूखा लाएँगे, क्योंकि वह ‘भगवान विष्णु के दसवें अवतार’ हैं। रमेशचन्द्र फेफर ने कथित तौर पर यह भी दावा किया है कि पिछले दो वर्षों में भारत में उनकी दिव्य उपस्थिति के कारण ही अच्छी वर्षा हुई है।

वैश्विक सोच को बदलने की कर चुके हैं बात

जल विभाग के पूर्व कर्मचारी फेफर ने वर्ष 2018 में ऑफिस नहीं जाने के कारणों को लेकर कहा था कि वह कार्यालय इसलिए नहीं जा सकते हैं, क्योंकि वो ‘वैश्विक विवेक को बदलने’ के लिए ‘तपस्या’ कर रहे थे। इसके बाद जल विभाग ने फेफर को एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा था, “भले ही आप विश्वास न करें, मैं वास्तव में भगवान विष्णु का दसवाँ अवतार हूँ और आने वाले दिनों में मैं इसे साबित करूँगा। मार्च 2010 में जब मैं ऑफिस में था, उसी दौरान मुझे एहसास हुआ कि मैं कल्कि अवतार हूँ। तब से मेरे पास दैवीय शक्तियाँ हैं।” फेफर ने 2018 में केवल 16 दिनों के लिए ऑफिस में काम किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -