Monday, December 23, 2024
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6 बातें जो पाक के 44 ‘कर्मचारी आतंकियों’ को हिरासत में लेने के बाद होगी

पाकिस्तान द्वारा इस तरह की कार्रवाई पहले भी कई बार की जा चुकी हैं, जब जकीउर रहमान लखवी और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को इसी तरह कैद किया गया और बिना किसी कार्रवाई के ही रिहा कर दिया गया था।

पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शहरयार अफरीदी ने आज कहा कि मसूद अजहर के भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ और हम्माद अजहर समेत 44 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पाकिस्तान के मंत्री ने दावा किया है कि सोमवार को नेशनल एक्शन प्लान के तहत एक बैठक की गई, जिसमें यह तय किया गया कि प्रतिबंधित किए गए सभी संगठनों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जाए।

भारतीय मीडिया को जानना चाहिए कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का यह हथकंडा कोई ‘स्टेट्समैन’ होने का उदहारण नहीं है। पाकिस्तान द्वारा इस तरह की कार्रवाई पहले भी कई बार की जा चुकी हैं, जब जकीउर रहमान लखवी और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को इसी तरह कैद किया गया और बिना किसी कार्रवाई के ही रिहा कर दिया गया था।

पाकिस्तान की पिछली हरकतों को देखते हुए हम बता सकते हैं कि उनके अगले स्टेप्स क्या हो सकते हैं

1- पूछताछ

पाकिस्तानी यह दावा करेगा कि वह आतंकवादियों का आतंकवाद में शामिल होने और योगदान के लिए पूछताछ कर रहा है। मामले पर ज्यादा खबर दिए बिना ही दिन बीतते जाएँगे। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाए जाने पर समय-समय पर वही पुराने घिसे-पिटे बयान जारी किए जाएँगे। इस सब नाटक के बीच, आतंकवादी पाकिस्तानी सेना द्वारा पेश की जाने वाली मेहमान नवाजी और ऐशो आराम का आनंद लेंगे।

2- छानबीन जारी है

इन सब प्रक्रियाओं के बाद एक बयान जारी किया जाएगा कि अधिकारी आतंकवादियों के खिलाफ आरोपों की गंभीरता से जाँच कर रहे हैं और उनके नेता दावा करेंगे की वो आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

3- अंतरराष्ट्रीय दबाव के कम होने तक ‘धैर्य प्रदर्शन’

वर्तमान में, पाकिस्तान FATF द्वारा ब्लैक लिस्टेड होने से बचने की कोशिश कर रहा है। इसे ‘ग्रे लिस्ट’ से बाहर होने के लिए अपनी योजना पूरा करने के लिए अक्टूबर तक का समय दिया गया है, जिसके बाद पाकिस्तान ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है। FATF ‘ग्रे सूची’ में होने के अर्थ है कि किसी देश को अंतरराष्ट्रीय ऋण प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, कम से कम अक्टूबर तक पाकिस्तान आतंकवाद पर अपनी कार्रवाई को लेकर बेहद गंभीर होने का दिखावा करेगा।

4- चुपचाप रिहाई

एक बार FATF की ‘ग्रे सूची’ से पाकिस्तान को हटा दिए जाने के बाद, वो चुपचाप अपने आतंकवादियों को वापस छोड़ देगा क्योंकि आतंकवादियों को हिरासत में लिए जाने का कारण ही यही है। तब तक आतंकवादी पाकिस्तान के करदाताओं के रुपयों पर पूरी मौज भी कर चुके होंगे।

5- आतंकवादियों की ‘क्लीन चिट’ देकर विदाई

इसके बाद पाकिस्तानी अधिकारी दावा करेंगे कि उनकी गहन जाँच से कोई नतीजा नहीं निकला है और उन्हें इस बात का कोई सबूत नहीं मिला है कि आतंकवादी किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं। वे उन्हें एक बार फिर ‘शांति दूत’ घोषित करेंगे और इसके बाद उन लोगों का पीछा किया जाएगा जिन्होंने कभी उनकी ईमानदारी पर संदेह किया था। इस तरह से आतंकवादियों को ‘क्लीन चिट’ भी मिल जाएगी। जल्द ही वे अपने ‘काम’ पर वापस लग जाएँगे और मुस्लिमों से हिंदुओं के खिलाफ जिहाद छेड़ने के लिए तैयार करेंगे।

6- फिर वही जिहाद की ज़िन्दगी – हमें क्या हम तो आतंकवादी हैं

घटनाएँ फिर अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएँगी। आतंकवादी, अब वापस खुले में, अपने सामान्य ऑपरेशन को फिर से शुरू कर सकेंगे और पाकिस्तानी सरकार की मदद के लिए दुबारा भारत के खिलाफ अपनी आतंकवादी हरकतें शुरू कर देंगे। ‘क्लीन चिट’ प्राप्त आतंकवादी फिर से पाकिस्तानी सेना की मदद से सीमा पार से आतंकवादियों की तस्करी करने की कोशिश करेंगे और अपने मिशन, ‘Bleed India with a thousand cuts’ को आगे बढ़ाएँगे।

इस बात में कोई शक नहीं है कि पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तानी क्षेत्र के भीतर घुसकर भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के बाद कुछ चीजें बदल चुकी हैं। लेकिन फिर भी आतंकवादी सिर्फ और सिर्फ भारत पर दुबारा हमला करने का मौका ढूँढ रहे होंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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