आईसीसी टी-20 क्रिकेट विश्वकप का खुमार पूरी दुनिया पर छाया हुआ है। भारतीय क्रिकेट टीम भी पहला पड़ाव पार कर सुपर 8 में पहुँच गई है। सुपर 8 का पहला मैच भारतीय टीम ने अफगानिस्तान से जीता और आज (22 जून 2024) भारत का मुकाबला बाँग्लादेश की टीम से है। सेमीफाइनल में जाने के लिए ये मैच काफी अहम है, क्योंकि अभी भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया जैसी टीम से खेलना है। ऐसे में भारतीय टीम बाँग्लादेश के खिलाफ मुकाबले को जीतने के लिए पूरी ताकत लगाना चाहेगी। लेकिन क्या वो सही कॉम्बिनेशन के साथ मैदान पर उतर रही है? ये एक बड़ा सवाल है। देखा जाए तो अभी तक भारतीय टीम को गेंदबाजों ने जिताया है। यही नहीं, जिन्हें इन बार विश्वकप में जीत का सबसे बड़ा फैक्टर माना जा रहा था, वही खिलाड़ी अब तक एकदम फ्लॉप साबित हुए हैं। ये वो खिलाड़ी हैं, जो विश्वकप में टीम के लिए बैटिंग की शुरुआत करते हैं और इंटरनेशनल टी-20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों में टॉप 3 में शामिल हैं।
बात हो रही है रोहित शर्मा और विराट कोहली की। आईसीसी टी-20 विश्वकप में भारतीय टीम की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी ओपनिंग बल्लेबाजी का फ्लॉप होना है। दोनों ने अब तक 4 मैचों में बल्लेबाजी की है और महज 22, 12, 1 और 11 रनों की पार्टनरशिप ही की है। न तो विराट कोहली ही लय में दिख रहे हैं और न ही रोहित शर्मा। दोनों एक ही तरह की गलतियाँ कर रहे हैं और एक ही तरह के गेंदबाजों के सामने अपना विकेट गवाँ रहे हैं।
ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर विराट कोहली और रोहित शर्मा की ओपनिंग जोड़ी को क्यों न बदल दिया जाए, क्योंकि विराट कोहली इंटरनेशनल क्रिकेट में ओपनिंग की जगह तीसरे और चौथे नंबर पर अधिक सफल रहे हैं। आँकड़े भी तो यही कहते हैं और आपके पास यशस्वी जायसवाल जैसा ओपनर अपनी बारी का इंतजार कर रहा है।
विराट कोहली कब चलेंगे?
विराट कोहली ने इस वर्ल्डकप में अब तक 4 मुकाबले खेले हैं। इसमें से वो एक पारी में गोल्डन डक पर आउट हुए हैं, यानी खाता भी नहीं खोल पाए हैं, जबकि चारों पारियों को मिलाकर भी वो 30 रनों का आँकड़ा नहीं छू पाए। विराट कोहली इस टी-20 विश्वकप में सिर्फ 29 रन ही बना पाए हैं और उनका स्कोरकार्ड रहा है- आयरलैंड के खिलाफ 1 रन, पाकिस्तान के खिलाफ 4 रन, अमेरिका के खिलाफ 0 रन और अफगानिस्तान के खिलाफ महज 24 रन।
अफगानिस्तान के खिलाफ भी वो जूझते नजर आए। टी-20 विश्वकप में ओपनर के तौर पर 24 गेंदों पर सिर्फ 24 रन बनाना कैसा फॉर्म है? इसे कैसे जस्टिफाई कर सकते हैं? खास बात ये है कि इसी टी-20 विश्वकप से ठीक पहले आईपीएल में उनका बल्ला खूब चला था और उन्होंने 15 पारियों में 741 रन ठोक दिए थे।
रोहित शर्मा की परेशानी क्या है?
भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा आयरलैंड के खिलाफ पहले मैच में जरूर लय में दिखे थे। उन्होंने 37 गेंदों पर 52 रन बनाए थे, लेकिन उसके बाद से उनका बल्ला भी खामोश है। रोहित शर्मा ने अगली तीन पारियों में 13, 3 और 8 रनों की पारियाँ खेली हैं। ऐसे में रोहित शर्मा को गियर बदलना पड़ेगा। लेकिन यहाँ पर उनके सामने पुरानी समस्याएँ फिर से हैं। बांग्लादेश के पास मुस्तफिजुर रहमान जैसे बाएँ हाथ का तेज गेदबाज है, जो रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे बल्लेबाजों के लिए काल है। वहीं, साकिब अल हसन जैसे लेफ्ट आर्म स्पिनर से भी बचकर रहना भी जरूरी है।
बांग्लादेश के किन गेंदबाजों से सावधान रहने की जरूरत?
टीम इंडिया के टॉप ऑर्डर के पास जो ताकत विराट कोहली, रोहित शर्मा, सूर्या जैसे बल्लेबाजों की वजह से है, उनकी एक कॉमन कमजोरी है। वो कमजोरी है, बाएँ हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ। इसमें मुस्तफिजुर रहमान भारतीय बल्लेबाजों से काफी परिचित हैं और वो काफी सफल भी रहे हैं। वहीं, इस बार बांग्लादेशी टीम के पास रिशद हुसैन जैसा शानदार लेग स्पिनर भी है, जो दाएँ हाथ के बल्लेबाजों पर भारी पड़ सकता है। निचले क्रम में भारतीय टीम के पास हार्दिक पांड्या जैसा विस्फोटक बल्लेबाज भी हैं, लेकिन बाएँ हाथ के गेंदबाजों के सामने उनकी भी कमजोरी झलकती है। फिर साकिब अल हसन जैसे सदाबहार आल-राउंडर से निपटना भी भारतीय टीम के लिए बड़ी चुनौती होगी।
क्या प्लेइंग 11 में बदलाव करना जरूरी?
भारत-बाँग्लादेश के बीच मैच को देखें, तो इस मैच में भारतीय टीम को कुछ बदलाव की जरूरत है, जोकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले सबसे बड़े मैच को देखते हुए सही भी है। चूँकि ऑस्ट्रेलिया के पास मिचेल स्टार्क जैसा बॉलर है, जो रोहित शर्मा-विराट-सूर्या जैसे बल्लेबाजों के साथ ही बाएँ हाथ के बल्लेबाजों के भी काल की तरह है, तो हैजलवुड-जैंपा और कमिंग के साथ ही मैक्सवेल भी भारतीय टीम के लिए बड़ी चुनौती होंगे। वेस्टइंडीज की धीमी पिचों पर मार्कस स्टोइनिश की कटर गेंदों का भी कोई जवाब बल्लेबाज नहीं पा रहे।
ऐसे में बदलाव के तौर पर बाँग्लादेश के खिलाफ टॉप ऑर्डर में यशस्वी को खिलाकर विराट कोहली की पोजिशन एक नंबर नीचे कर सकते हैं। हालाँकि ऐसा करने से भारतीय टीम को शिवम दुबे जैसे बिग हिटर से समझौता करना पड़ सकता है, या फिर रविंद्र जड़ेजा/अक्षर पटेल से। अगर टॉप ऑर्डर में यशस्वी ने अच्छे रन बनाए, तो निचले क्रम में इन आल राउंडर्स के लिए ज्यादा मौके भी नहीं रहेंगे। वहीं, बॉलिंग में कुलदीप यादव और अक्षर/जड़ेजा की स्पिन के साथ ही बुमराह-सिराज-अक्षदीप की तेज गेंदबाजी कमाल का काम कर सकती है।