भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 7 विकेट से हराकर दूसरा टेस्ट मैच जीत लिया है। केपटाउन में खेला गया यह मैच टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे छोटा मैच रहा। महज डेढ़ दिन में ही इस मैच का फैसला हो गया। पूरा मैच केवल 642 गेंदों में समाप्त हो गया। इस जीत के साथ भारत ने टेस्ट सीरिज को बराबरी पर खत्म कर लिया है। पहले मैच में उसे पारी और 32 रनों से हार झेलनी पड़ी।
केपटाउन टेस्ट मैच में जीत के बावजूद एक शर्मनाक रिकॉर्ड भारत के नाम भी दर्ज हुआ है। पहली बारी के आखिरी 6 विकेट भारत ने बिना कोई रन बनाए खो दिए। ऐसा करने वाली वह पहली टीम है। भारत के सामने दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 79 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे टीम इंडिया ने महज 12 ओवरों में तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया। दिलचस्प यह है कि इस मैच में किसी भी स्पिनर ने एक भी गेंद नहीं डाली। दक्षिण अफ्रीकी टीम में केशव महाराज और भारतीय टीम रवींद्र जडेजा बतौर स्पिनर खेल रहे थे।
भारतीम टीम ने तेजी से हासिल किया लक्ष्य
भारतीय टीम ने पहली पारी में अपने आखिरी 6 विकेट बिना रन बनाए ही खो दिए थे। इसलिए भारतीय टीम को पता था कि दक्षिण अफ्रीका की तरफ से रखा गया 79 रनों का लक्ष्य भी मुश्किल खड़ा कर सकता है। ऐसे में भारतीय टीम ने तेज-तर्रार अंदाज में लक्ष्य का पीछा किया और महज 12 ओवरों में ही तीन विकेट खोकर 80 रन बना डाले। टीम इंडिया के लिए ओपनर यशस्वी जायसवाल ने 23 गेंदों पर 6 चौकों की मदद से 28 रन बना डाले।
टीम इंडिया को पहला झटका 44 रन के स्कोर पर लगा। इसके बाद आते ही शुबमन गिल ने हाथ दिखाने शुरू कर दिए। हालाँकि उन्हें 10 रनों के कुल योग पर ही रबाडा ने क्लीन बोल्ड करके पवैलियन लौटा दिया। इसके बाद विराट कोहली 11 गेंदों पर 12 रन तीन चौकों की मदद से बनाए। वे तब आउट हुए जब टीम को जीत के लिए महज 4 रनों की जरूरत थी। श्रेयस अय्यर ने विजयी चौका लगाया। वहीं कप्तान रोहित शर्मा 22 गेंदों पर 16 रन बनाकर नाबाद रहे। कगिसो रबाडा, नांद्रे बर्गर और मैक्रो जेन्सन ने एक-एक विकेट लिए।
दक्षिण अफ्रीकी टीम को मार्करम का सहारा, बचाई लाज
इस टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीकी टीम पहली पारी में महज 55 रनों के कुल स्कोर पर सिमट गई थी। इसके जवाब में भारतीय टीम ने पहली पारी में 153 रन बनाए थे। भारतीय टीम ने आखिरी 6 विकेट बिना कोई रन जोड़े गवाँ दिए थे। इसके बावजूद भारतीय टीम को 98 रनों की बढ़त मिली थी। दक्षिण अफ्रीका की टीम ने अपनी दूसरी पारी में सभी विकेट खोकर 176 रन बनाए और इस तरह से कुल 78 रनों की बढ़त हासिल कर टीम इंडिया के सामने 79 रनों का लक्ष्य रखा था। दक्षिण अफ्रीकी टीम की तरफ से अकेले एडेन मार्करम ने शानदार बल्लेबाजी की और महज 103 गेंदों पर 106 रन बनाए। उनकी आक्रामक पारी की बदौलत ही दक्षिण अफ्रीकी टीम भारत के सामने 79 रनों का लक्ष्य रख सकी थी।
सिराज मैन ऑफ द मैच, बुमराह-डीन एल्गर बने मैन ऑफ द सिरीज
इस टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन करने वाले मोहम्मद सिराज को मैन ऑफ द मैच दिया गया। सिराज ने पहली पारी में महज 15 रन देकर 6 विकेट लिए थे। उन्होंने दूसरी पारी में एक विकेट लिया, वो भी शतक लगाने वाले एडेन मार्करम का। इस मैच में सिराज से एक विकेट ज्यादा यानी 8 विकेट लेने वाले बुमराह को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। उन्हें अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने वाले डीन एल्गर के साथ संयुक्त रूप से इस पुरस्कार के लिए चुना गया। बुमराह ने पहले टेस्ट में 5 विकेट लिए थे। इस तरह उन्होंने सीरीज में सर्वाधिक 13 विकेट लिए। वहीं, डीन एल्गर ने पहले मैच में शतक लगाया था और सीरीज में कुल 201 रन बनाकर मैन ऑफ द सीरीज चुने गए। एल्गर ने पहले ही इस टेस्ट सीरीज के बाद संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था।
अब तक का सबसे छोटा टेस्ट मैच
ये टेस्ट मैच कई मायने में बेहद अलग रहा। इस टेस्ट मैच को क्रिकेट के इतिहास का सबसे छोटे टेस्ट मैच के तौर पर याद रखा जाएगा। सिर्फ 642 गेंदों का खेल हुआ। इससे पहले साल 1932 में ऑस्ट्रेलिया-दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया सबसे छोटा मैच 656 गेंदों का था। वेस्ट इंडीज-इंग्लैंड के बीच 1935 में महज 672 गेंदों का मैच खेला गया था। ये टेस्ट मैच भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला गया रनों के लिहाज से सबसे छोटा मैच भी रहा। इस टेस्ट मैच में 33 विकेट के बदले महज 464 रन बने।