Sunday, November 17, 2024
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प्लेन को आना होता है भारत, पहुँच जाता है ईरान: खाड़ी के इस्लामी देशों में पहुँचते ही जहाज खो रहे सिग्नल, DGCA ने जारी की चेतावनी

खासकर ईरान की सीमा के नजदीक नागरिक विमानों का जीपीएस सिग्नल गड़बड़ी दिखा रहा है। जिससे विमान भटककर ईरान की सीमा में पहुँच जा रहे हैं। ऐसे में कई पायलट्स, कंट्रोलर्स और अन्य कई अधिकारियों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है।

भारतीय विमान मध्य पूर्व के आसमान में अपना सिग्नल खो रहे हैं और कई नागरिक उड़ानें इस क्षेत्र में रास्ता भटक जा रही हैं। यह कोई साजिश है या तकनीकी समस्या इसका अभी तक पता नहीं लग पाया है। लेकिन नागरिक विमानों का जीपीएस सिग्नल बंद होने के बाद ‘फ्लाइंग ब्लाइंड’ को लेकर सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए ने भारतीय एयरलाइंस के लिए एडवाइजरी जारी की है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी कई रिपोर्ट्स आई हैं जिनमें मिडिल ईस्ट के आसमान में, खासकर ईरान की सीमा के नजदीक नागरिक विमानों का जीपीएस सिग्नल गड़बड़ी दिखा रहा है। जिससे विमान भटककर ईरान की सीमा में पहुँच जा रहे हैं। ऐसे में कई पायलट्स, कंट्रोलर्स और अन्य कई अधिकारियों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है।

डीजीसीए के अनुसार, ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (जीएनएसएस) के जाम और स्पूफिंग के कारण भारतीय विमानों के सिग्नलों में समस्या आ रही है। ऐसे में डीजीसीए की एडवाइजरी में इसे बड़ा खतरा बताया गया है और ये भी बताया गया है कि ऐसी स्थिति में भारतीय एयरलाइंस के विमानों को क्या करना चाहिए।

कई कमर्शियल फ्लाइट्स में आई समस्या

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डीजीसीए के सर्कुलर में कहा गया है कि एविएशन इंडस्ट्री को नई चुनौती का सामना करना पड़ा है, जिसमें ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम जाम हो रहा है या फिर फर्जी सिग्नल दिखा रहा है। डीजीसीए ने जैमिंग और स्पूफिंग की इस चुनौती को देखते हुए खतरे की मॉनिटरिंग और विश्लेषण करने वाला नेटवर्क बनाने की माँग की है।

बता दें कि सितंबर, 2023 से ही कई कमर्शियल फ्लाइट्स में यह समस्या आई है, जिसमें ईरान के नजदीक विमानों का नेविगेशन सिस्टम काम करना बंद कर देता है और उसमें गड़बड़ी आ जाती है। बीते दिनों तो एक विमान जीपीएस सिग्नल में गड़बड़ी के चलते बिना इजाजत ईरान की वायुसीमा में ही प्रवेश कर गया। 

कैसे आ रही है जीपीएस सिग्नल में गड़बड़ी 

रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व के आसमान में उड़ान भरते वक्त विमानों को एक नकली जीपीएस सिग्नल मिलता है। यह सिग्नल विमानों के सिस्टम को दिखाता है कि विमान अपने तय वायुमार्ग से मीलों अलग उड़ान भर रहे हैं। कई बार यह सिग्नल इतने मजबूत होते हैं कि इनसे विमान के पूरे सिस्टम की इंटीग्रिटी प्रभावित होती है। इसके चलते कुछ ही मिनट में विमान का इनर्शियल रेफरेंस सिस्टम (IRS) अस्थिर हो जाता है और विमान की नेविगेशन की क्षमता प्रभावित होती है। उत्तरी इराक और अजरबैजान के व्यस्त रूट पर एरबिल के नजदीक यह समस्या बार-बार आ रही है।

जीपीएस स्पूफिंग और जैमिंग क्या है?

जीपीएस स्पूफिंग और जैमिंग की बात करें तो जब कोई नकली जीपीएस सिग्नल भेजने के लिए ट्रांसमीटर का उपयोग करता है, जो रिसीवर एंटीना को भेजे गए मूल सिग्नल को भटका देता है। इसमें हवाई जहाज़ को गलत सिग्नल भेजकर उसे मार्ग से भटका दिया जाता है। 

दूसरी ओर, जैमिंग, जीपीएस सिग्नलों की रुकावट को संदर्भित करता है, जिसके कारण हवाई जहाज बिना नेविगेशन के अंधाधुंध उड़ सकता है। इसमें में जैमिंग अधिक सामान्य घटना है, जबकि स्पूफिंग अधिक खतरनाक है और विमानन क्षेत्र में गंभीर दुर्घटनाओं का कारण बन सकती है।

हालाँकि, अभी तक इस समस्या का पता नहीं चल पाया है लेकिन माना जा रहा है कि विमानों के सिग्नल में गड़बड़ी की वजह मध्य पूर्व में तैनात मिलिट्री इलेक्ट्रॉनिक युद्धक सिस्टम की वजह से यह गड़बड़ी हो सकती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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