आईसीसी टी-20 विश्व कप-2024 का आखिरी पड़ाव। मैदान है ब्रिजटाउन का केन्सिंगटन ओवल। आखिरी मुकाबले में भारत और दक्षिण अफ्रीका की टीमें। दाँव पर है विश्व विजेता का खिताब। एक तरफ साल 2011 में आखिरी बार कोई विश्वकप जीता भारत है, तो दूसरी तरफ पहली बार किसी आईसीसी विश्वकप में पहुँचा दक्षिण अफ्रीका। इस मुकाबले में कई खिलाड़ियों पर सभी की नजरें हैं, लेकिन जिस खिलाड़ी पर सभी की नजर है वो है विराट कोहली।
भारतीय क्रिकेट प्रशंसक विराट कोहली को किंग कोहली कहते हैं। विराट कोहली 2011 में 50 ओवरों का विश्वकप जीतने वाली टीम का अहम हिस्सा थे और फाइनल मुकाबले में भी उन्होंने एक छोटी मगर बेहद परिपक्व पारी खेली थी, जो बेशकीमती साबित हुई। इस बार विराट कोहली विश्वकप में ओपनिंग कर रहे हैं और अपने अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। हो सकता है कि ये विश्व कप का फाइनल विराट कोहली के क्रिकेट जीवन में टी-20 विश्वकप का आखिरी फाइनल मुकाबला भी हो, क्योंकि अब वो 36 साल के होने वाले हैं और लंबे समय से टी-20 इंटरनेशनल मुकाबलों से दूरी भी बनाते दिख रहे हैं।
क्यों है विराट कोहली पर नजर?
आधुनिक क्रिकेट के इतिहास में विराट कोहली जैसा सक्षम बल्लेबाज शायद ही कोई हो। क्रिकेट के हर फॉर्मेट में उन्होंने जमकर रन बटोरे हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में करीब 27 हजार रन बना चुके विराट कोहली 80 शतक भी लगा चुके हैं। वो इंटरनेशनल टी-20 मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी रहे हैं, हालाँकि इसी विश्वकप में बेहद खराब प्रदर्शन से गुजरने की वजह से वो दूसरे नंबर पर आ चुके हैं। इस विश्वकप में उन्होंने 7 मैचों की 7 पारियों में करीब 10 की बेहद मामूली औसत और करीब 100 के ही स्टारइक रेट से महज 75 रन ही बना पाए हैं। अब फाइनल मुकाबले में वो दमदार पारी खेलकर अपने टी-20 करियर को आईसीसी विश्वकप की ट्रॉफी के साथ विदा कहना चाहेंगे। हालाँकि कप्तान रोहित शर्मा कई बार कह चुके हैं कि वो विराट कोहली की फॉर्म को लेकर चिंता में नहीं हैं, ऐसे में कोहली को इस आखिरी मैच में ये साबित करना भी होगा।
कई फाइनल मुकाबले खेल चुके हैं कोहली
विराट कोहली 2011 के विश्वकप फाइनल मुकाबले के बाद से कई विश्वकप खेल चुके हैं। 50 ओवरों के विश्वकप की बात करें तो साल 2015 और 2019 में सेमीफाइनल मुकाबला भारतीय टीम हारी थी, तो 2023 में फाइनल मुकाबले में उसे हार मिली। इसका मतलब है कि कोहली लगातार 4 विश्वकप मैचों में नॉकआउट मैच खेल चुके हैं, जिसमें भारतीय टीम एक जीती है, तो तीन हारी है। वहीं, टी-20 मुकाबलों में 1 बार टीम को फाइनल में हार मिली, तो 3 बार सेमीफाइनल में। इस बार विराट कोहली अपनी टीम को चैंपियन बनाना चाहेंगे और एक चैंपियन की तरह ही विदाई लेना चाहेंगे।
दक्षिण अफ्रीकी तिकड़ी से सावधान रहने की जरूरत
इस मैच में विराट कोहली को दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की उन तिकड़ी से सावधान रहना होगा, जो उनके खिलाफ अच्छा करते हैं। विराट कोहली पारंपरिक तौर पर बाएँ हाथ के गेंदबाजों के खिलाफ संघर्ष करते रहे हैं। ऐसे में दक्षिण अफ्रीका के बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज मैक्रो जेन्सन से उन्हें बचकर रहने की जरूरत है, जो इस विश्वकप में 16 विकेट हासिल कर चुके हैं। वहीं, दक्षिण अफ्रीकी टीम इस फाइनल मुकाबले में एक दाँव केशव महाराज का चल सकती है, क्योंकि वो लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं और लेफ्ट आर्म स्पिनर्स के सामने भारतीय बल्लेबाज काँप से जाते हैं। विराट कोहली ही नहीं, बल्कि रोहित शर्मा भी लेफ्ट आर्म बॉलर्स के सामने डरे-सहमे से नजर आते हैं। हालाँकि रोहित शर्मा ने मिचेल स्टार्क की धज्जियाँ उड़ाकर ये बात साबित कर दी है कि उन्हें ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन अतीत में बाएँ हाथ के गेंदबाजों के सामने उन्हें परेशानी होती रही है, चाहे वो स्टार्क हों, शाहीन शाह अफरीदी हों, मुस्तफिजुर रहमान हों या ट्रेंट बोल्ट।
इसके अलावा दक्षिण अफ्रीकी तिकड़ी में कगिसो रबाडा जैसा बॉलर है, जो बाएँ नहीं बल्कि दाहिने हाथ से तेज गेंदबाजी करता है, लेकिन अपनी एक्यूरेसी के दम पर बल्लेबाजों की नाक में दम कर देता है। रबाडा काफी अनुभवी भी हैं। ऐसे में जेन्सन से बचने के चक्कर में अगर रबाडा पर अटैक करने की सोचा गया, तो वो बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजी में एनरिच नॉर्खिए से भी सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि असामान्य तौर पर अधिक तेज गेंदबाजी की उनकी क्षमता बेहतरीन है और इस विश्वकप में वो इसे साबित भी कर चुके हैं।
इन खिलाड़ियों पर नजर
भारतीय टीम को विराट कोहली से इस मैच में उनके क्रिकेट जीवन की सबसे महत्वपूर्ण पारी की आस है, तो कप्तान रोहित शर्मा से एक बार फिर से बड़ी पारी की उम्मीद है। भारतीय बल्लेबाजी क्रम बेहतरीन रहा है। शिवम दुबे को खिलाने या न खिलाने को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला मैच के समय हो सकता है। चूँकि ब्रिजटाउन का ये मैच जिस चौथी नंबर पिच पर खेली जानी है, उस पर 2 मुकाबले हो चुके हैं, जिस पर तेज गेंदबाजों के लिए काफी कुछ देखा जा चुका है। ऐसे में गेंदबाजी क्रम में एक बार फिर से भारत की सफलता जसप्रीत बुमराह और अक्षदीप सिंह पर निर्भर करेगी, तो बाएँ हाथ के बॉलर्स जडेजा-अक्षर-कुलदीप की तिकड़ी भी काफी अहम रहने वाली है। चूँकि भारतीय टीम को क्विंटन डिकॉक और हेनरिच क्लासन के साथ ही डेविड मिलर से भी निपटना होगा, तो एक ऑफस्पिनर की जरूरत पड़ सकती है, या फिर इस मैच में रोहित शर्मा को भी एक-2 ओवर की गेंदबाजी करते भी हम देख सकते हैं।