श्रीनगर में गुरूवार (अप्रैल 18, 2019) को सीआरपीएफ के एक जवान ने मतदान करने आए कश्मीरी चुनाव अधिकारी की जान बचाई। चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनाव अधिकारी अहसान-उल-हक की तबियत बिगड़ गई, उन्हें हार्ट अटैक आ गया। बटालियन 28 के कॉन्सटेबल सुरिंदर कुमार उस समय बुचपोरा के गर्ल्स स्कूल में तैनात थे, उन्होंने चुनाव अधिकारी की ये हालत देखी, जिसके बाद उन्हें प्राथमिक इलाज दिया गया मगर उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया, वो बेहोश हो गए।
Constable Surinder Kumar of #28Bn saved life of Presiding Officer of Booth No 13, Buchpora, Srinagar, #Kashmir who suffered a severe heart attack. He provided rescue breathing and chest compression for 50 minutes which resulted in cardiac revival till the arrival of the ambulance pic.twitter.com/GnIDSP8wPj
— ??CRPF?? (@crpfindia) April 19, 2019
चुनाव अधिकारी की ये हालत देखकर सुरिंदर कुमार ने तुरंत अपनी मेडिकल टीम से संपर्क किया। सीआरपीएफ के सीनियर डॉक्टर सुनीम खान ने उन्हें फोन पर निर्देश दिया, उनके निर्देशानुसार सुरिंदर ने 50 मिनट तक चेस्ट कंप्रेशन और मुँह से श्वास दिया। इस बीच सीआरपीएफ ने मरीज को अस्पताल ले जाने के लिए तुरंत एम्बुलेंस भी भेज दी। जिसके बाद हसन-उल-हक को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि सीआरपीएफ जवान सुरिंदर कुमार और डॉक्टर सुनीम खान के समय पर उपचार करने की वजह से मरीज की जान बच गई।
इस तरह सीआरपीएफ के जवान ने पोल ड्यूटी पर तैनात एक चुनाव अधिकारी की जान बचाई, लेकिन किसी कश्मीरी नेता ने सेना का शुक्रिया अदा करने की जहमत नहीं उठाई। इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अगर सेना राष्ट्र-विरोधी तत्वों से छुटकारा पाने की कोशिश करती है तो उन पर अधिकारों के दुरुपयोग का आरोप लगाया जाता है, लेकिन जब एक जवान ने किसी का जीवन बचाया है तो पूरा कश्मीर चुप है।