अफगानिस्तान के हालातों पर संगीतकार जावेद अख्तर के एक बयान ने उन्हें कट्टरपंथियों के निशाने पर ला दिया। जावेद ने लिखा था कि काबुल के मेयर ने जो कार्यरत महिलाओं को घरों में रहने को कहा है इसकी निंदा हर मुस्लिम समूह को करनी चाहिए। इसी ट्वीट के बाद एक विशेष समुदाय के लोग बिदक गए और उन्हें काफिर, नास्तिक आदि कहने लगे।
जावेद अख्तर ने ट्वीट किया था, “अलजज़ीरा ने रिपोर्ट किया है कि काबुल के मेयर ने सभी कामकाजी महिलाओं को घर पर रहने का आदेश दिया है मुझे उम्मीद है कि सभी महत्वपूर्ण मुस्लिम निकाय इसकी निंदा करेंगे क्योंकि यह उनके मजहब के नाम पर किया जा रहा है, वे सभी कहाँ हैं जो कल तक तीन तलाक के बचाव में चिल्ला रहे थे।”
Aljazeera has reported that the mayor of Kabul has ordered all working women should stay at home I expect all important Muslim bodies to condemn it because it is being done in the name of their religion Where are all those who were till yesterday shouting in defence of 3 talaq
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) September 20, 2021
इस ट्वीट को देख अली हाशमी ने लिखा, “तुझे क्या मतलब मजहब से। तू नास्तिक है उस पर ध्यान दे। और रही बात काबुल की तो कामकाजी महिलाओं पर थोड़े समय के लिए ही बैन लगा है और वो भी कुछ क्षेत्रों में। उन्हें पढ़ने दिया जा रहा है, दवाइयों का काम करने दिया जा रहा है। मैं तालिबान को समर्थन नहीं देता लेकिन बस आपकी गलतफहमी दूर करना चाहता हूँ।”
Tujhe kya matlab relegion se,u should focus on atheism as u believe in that. And as for Kabul ,van on women workers is for short term and that too in some sectors,they r allowed to study, practice medicine,etc. I am not supporting Taliban but just clearing your misunderstandings
— Ali Hashmi (@AM_Hashmi3) September 20, 2021
अहमद लिखते हैं, “मैंने कभी भी इस काफिर का कोई ट्वीट यूएस द्वारा की गई बमबारी पर नहीं देखा और अब ये ऐसी खबर पर बेचैन है जिसके लिए वे योजना बना रहे हैं और सही तरीका खोज रहे हैं।” आदिल खान कहता है, “तुम केवल अपने देश की महिलाओं की परेशानियों पर फोकस क्यों नहीं कर सकते। तुम्हें दूसरे देशों से क्या है? प्लीज ये तुम्हारा काम नहीं है।”
Why cant you just stay focused on your country’s women problems. What have you got to do with other countries ? Please non of your business 🙏🏼
— ADIL KHAN (@ZubyAdil) September 20, 2021
एक कट्टरपंथी ने लिखा, “बुढ़ापे में अक्सर लोग सठिया जाते हैं। काबुल और अफगानिस्तान से तीन तलाक का क्या लेना-देना। कल इसने भक्त समुदाय को न पसंद आने वाला कुछ कह दिया था। अब उन्हें खुश कर रहा है।”
Budhape mein aksar log sattya jatein hai, Kabul aur Afghanistan de triple talaq ka kya lena dena.
— FaTi MaK (@deepzamarrud) September 20, 2021
Yesterday he tweeted something which lot of people from Bhakt community did not like, now to please them, he has come up with this. JA what are your views on New government in Burma