महाराष्ट्र की महिला ट्रेनी IAS पूजा खेडकर का मामला सामने आने के बाद कई नामों की चर्चा सोशल मीडिया पर शुरू हुई जिन्हें लेकर दावा किया गया कि उन्होंने गलत तरह से UPSC में प्रवेश लिया। इसी लिस्ट में एक नाम ज्योति मिश्रा का भी था। सोशल मीडिया पर ज्योति मिश्रा को लेकर सवाल उठ रहे थे कि उन्होंने जनरल कैटेगरी का होने के बावजूद अनुसूचित कैटेगरी से यूपीएससी में जगह पाई। मामले ने तूल पकड़ा तो कई रिपोर्टर इसकी पड़ताल में जुटे।
इस बीच ज्योति मिश्रा के पिता से टाइम्स ऑफ इंडिया के एक रिपोर्टर अरविंद चौहान ने संपर्क किया। पिता ने बताया उनकी बेटी स्पेन में है और टाइम बताया कि उससे कब बात हो पाएगी।
The whole story of #JyotiMishra
— Arvind Chauhan 💮🛡️ (@Arv_Ind_Chauhan) July 18, 2024
What she did & why she did https://t.co/9bvcBv7J9Y pic.twitter.com/34Wykgvpkv
रिपोर्टर ने वॉट्सएप पर संपर्क किया तो ज्योति मिश्रा ने अपना पक्ष रखा और सारे आरोप खारिज कर दिए। साथ ही कोटे से एडमिशन लेने वाली ज्योति को कोई और कैंडिडेट बताया, वहीं अपने लिए कहा कि उसका नंबर दूसरी लिस्ट में आया था।
बातचीत से साफ था कि ज्योति अपने ऊपर लगे सारे आरोप निराधार बता रही थीं। हालाँकि पत्रकार ने अपनी पड़ताल जारी रखी। उन्होंने स्पेन के भारतीय दूतावास को इस संबंध में मेल किया और जवाब जब आया तो सब हैरान रह गए।
हकीकत में वहाँ कोई ज्योति IFS थी ही नहीं और ये ज्योति मिश्रा सिर्फ अपने परिजनों को गुमराह करने के लिए उनसे झूठ बोल रही थीं। बेटी का झूठ सामने आने के बाद परिजन हैरान हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने अपनी बेटी पर कभी दबाव नहीं बनाया था फिर पता नहीं क्यों उसने इतना बड़ा झूठ बोला।
या तो मैडम का ये वीडियो AI से बनाया गया है जिसमे मैम खुद को ज्योति मिश्रा कह रही हैं
— खुरपेंच (@khurpenchh) July 15, 2024
या फिर UPSC 2021 के रिजल्ट में गलती से " SC " प्रिंट हो गया है उसमे बहुत रैंक 432 है
या उप्र पुलिस का बैनर बनाने वाले ने ग्राफिक डिजानऱ ने गलती से ज्योति मिश्रा लिख दिया है उसमे भी रैंक 432 है… pic.twitter.com/Q0FDv1Yly9
बता दें कि ये पूरा मामला पूजा खेडकर के फ्रॉड से जुड़ी खबरें आने के बीच उजागर हुआ। जाँच में पता चला कि ज्योति ने परिवार को दो साल से गुमराह किया हुआ था। उन्होंने इस झूठ की नींव डाली थी साल 2022 में। ज्योति ने अपने परिवार को बताया था कि उनका सिलेक्शन यूपीएससी में हो गया है और 432वीं रैंक आई है।
पिता सुरेश नारायण मिश्रा चूँकि यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे इसलिए उनकी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं थे कि उनकी बेटी ने उनका नाम रौशन कर दिया। उन्हें नहीं पता था कि उनकी बेटी ने अपनी असफलता छिपाने के लिए ये सारा खेल खेला है।
UP पुलिस में SI सुरेश नारायण मिश्र की बेटी ज्योति मिश्रा UPSC 2021 में, 432वी रैंक लेकर आई।
— Mukesh Mohan (@MukeshMohannn) July 15, 2024
लेकिन SC कोटा से IAS अधिकारी हो गई।
वाह! क्या सीन है।#UPSCscam pic.twitter.com/v99bfptKzF
पूजा खेडकर विवाद के बाद जब ज्योति मिश्रा के कोटे से एडमिशन लेने पर सवाल खड़े हुए थे तो टाइम्स ऑफ इंडिया का एक पत्रकार उनके पिता से बात करने पहुँचा। पिता ने गर्व से बताया कि बेटी तो स्पेन के मैदरिड में आईएफएस के पद पर है। पिता ने रिपोर्टर से बिन डरे कहा कि वो बेटी से बात कर सकते हैं।
रिपोर्टर ने ज्योति मिश्रा को संपर्क किया तो ज्योति ने जवाब देने की बजाय एक्स पर साझा एक पोस्ट शेयर कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ दुष्प्रचार चल रहा है। इसलिए वो साफ करना चाहती हैं कि जिस ज्योति की बात हो रही है वो एससी है और आईएएस है जबकि वो IFS हैं और उनका सिलेक्शन दूसरी लिस्ट में हुआ। इस दौरान उन्होंने अपना फर्जी पासपोर्ट, यूपीएससी से मिला लेटर, लबसना का आईडी कार्ड सब दिखाया।
ज्योति मिश्रा का वर्जन लेने के बाद ये खबर हर जगह चली कि सोशल मीडिया पर लगे रहे आरोपों पर उनका क्या कहना है। हालाँकि बाद में पत्रकार ने क्रॉस चेक करने के लिए स्पेन में भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया। सवाल का जवाब प्रेस सूचना और संस्कृति संभालने वाले दूसरे सचिव अमन चंद्नन ने दिया। चंद्रन ने बताया कि दूतावास में ज्योति नाम का कोई अधिकारी काम ही नहीं कर रहा है। इस मेल से ये तो क्लियर हो गया कि ज्योति मिश्रा ने घर परिवार, प्रेस सबसे झूठ बोला। लेकिन अगला सवाल था कि अगर वो स्पेन में नहीं है तो कहाँ हैं।
Curious Case of Jyoti Mishra: The 'Phantom' IFS Officer
— Arvind Chauhan 💮🛡️ (@Arv_Ind_Chauhan) July 17, 2024
Peer Pressure Made Her Fake Her UPSC Result, Got Documents Manufactured to Convince Parentshttps://t.co/1knxpGJWXQ https://t.co/9bvcBv7bkq pic.twitter.com/xMaf8WYTMV
गहराई से जाँच हुई तो सामने आया कि वो तो दिल्ली में रह रही हैं। पत्रकार ने फिर उनसे संपर्क किया और इस बार उन्होंने झूठ स्वीकार कर लिया। पता चला कि असली ज्योति जिनका रोल नंबर 843910 था उनकी रैंक यूपीएससी में 432 आई थी जबकि जो डॉक्यूमेंट ज्योति मिश्रा दिखा रही थीं वो नकली थे उसमें रोल नंबर 5904317 लिखा था।
Here is update on #JyotiMishra.
— Arvind Chauhan 💮🛡️ (@Arv_Ind_Chauhan) July 16, 2024
She is not part of the Indian embassy in Madrid, Spain.
I apologise to all my followers and readers. pic.twitter.com/dKdCYgxJw9
ज्योति के माता-पिता अपनी ही बेटी से धोका पाने के बाद हक्का-बक्का हैं। उनका कहना है कि उनके पास कभी अपनी बेटी पर शक करने की कोई वजह ही नहीं थी, वो हमेशा से अकादमिक रूप से अच्छा प्रदर्शन करती थीं। वहीं ज्योति ने कहा कि वो ये स्वीकार नहीं कर पाई थीं कि उनके कुछ साथियों ने सिविल परीक्षा पास कर ली और वो नहीं कर पाईं। अपने आपको साबित करने के लिए उन्होंने ये रास्ता अपनाया। परिवार कह रहा है कि उन्हें नहीं पता बेटी ने क्यों झूठ बोला और इतने समय वो दुनिया में कहाँ रह रही थीं। अब बस वो चाहते हैं कि ज्योति घर लौट आएँ।