कर्नाटक में राज्य विधान परिषद के उपाध्यक्ष और जेडीएस के नेता एसएल धर्मगौड़ा (SL Dharmegowda) का शव मंगलवार (दिसंबर 29, 2020) को कदूर के रेलवे ट्रैक के पास मिला। खबरों में उनकी मौत को आत्महत्या बताया जा रहा है। उनके शव के पास एक पत्र भी मिला है। कथित तौर पर उन्होंने ट्रेन के आगे आकर आत्महत्या की।
Karnataka: Body of SL Dharmegowda, Deputy Speaker of State Legislative Council was found on a railway track near Kadur in Chikkamagaluru. A suicide note has been recovered.
— ANI (@ANI) December 29, 2020
जानकारी के मुताबिक, सोमवार (दिसंबर 28, 2020) शाम करीब 7 बजे धर्मगौड़ा अपनी कार में अकेले निकले थे। लेकिन जब वह देर रात तक घर नहीं लौट, तो परिवार ने उनकी खोजबीन शुरू की और बाद में उनकी गुमशुदगी की सूचना पुलिस को दी गई। बहुत प्रयास के बाद जब आसपास तलाशने पर उनका कोई सुराग नहीं मिला, तो पुलिस रेलवे ट्रैक के पास गई, जहाँ उनका शव पड़ा दिखा। इसके बाद शव को जाँच के लिए शिमोंगा के सरकारी अस्पताल भेजा गया। आईजीपी का कहना है कि इस मामले में पड़ताल हो रही है। एक सुसाइड नोट मिला है लेकिन इसमें क्या लिखा है, ये अभी नहीं बता सकते।
It is shocking to learn the news of Deputy Speaker of State Legislative Council and JDS leader SL Dharmegowda’s suicide. He was a calm and decent man. This is a loss of the state: HD Deve Gowda, former PM and JDS leader (File pic) https://t.co/3NHL9rJElz pic.twitter.com/BtdaLzjtwF
— ANI (@ANI) December 29, 2020
राज्य विधान परिषद के उपाध्यक्ष की मृत्यु के बाद पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने दुख जताया है। उन्होंने कहा, “राज्य विधान परिषद के सभापति और जेडीएस नेता एसएल धर्मगौड़ा की आत्महत्या की खबर जानकर हैरान हूँ। वह एक शांत और सभ्य व्यक्ति थे। यह राज्य के लिए नुकसान है।”
गौरतलब है कि एसएल धर्मगौड़ा अभी हाल में काफी सुर्खियों में भी आए थे। उन्हें विधान परिषद के सत्र के दौरान कॉन्ग्रेस के सदस्यों ने जबरन कुर्सी से हटा दिया था। कॉन्ग्रेस वहाँ गोरक्षा कानून का विरोध कर रही थी और इसके ख़िलाफ़ वोटिंग के लिए उन्होंने व्हीप भी जारी किया था। लेकिन जब विधानसभा शुरू हुई तो कॉन्ग्रेस के सदस्य कुर्सी पर उपाध्यक्ष को देख कर भड़क गए।
कॉन्ग्रेस एमएलसी प्रकाश राठौड़ ने इस दौरान कहा था कि बीजेपी और जेडीएस ने डिप्टी चेयरमैन को गैरकानूनी तरीके से चेयरमैन की कुर्सी पर बैठाया, जबकि सदन ऑर्डर में नहीं था। कॉन्ग्रेस ने उन्हें चेयर से नीचे उतरने को कहा और उन्हें बेदखल करना पड़ा क्योंकि यह एक अवैध बैठक थी।