भारतीय रेलवे के नियमानुसार जब हम अपनी बुक हुई टिकट को कैंसिल कराते हैं तो हमें रिफंड मिलता है। इस रिफंड में रेलवे हमसे टिकट कैंसिल करने का चार्ज काट लेता है और बाकी पैसे हमें लौटा दिए जाते हैं। लेकिन, दो साल पहले कोटा के सुजीत स्वामी नामक इंजीनियर के साथ ऐसा नहीं हुआ। इसके कारण सुजीत को अपने रुपयों के लिए दो साल की लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी।
दरअसल, सुजीत ने साल 2017 में कोटा से दिल्ली जाने के लिए 765 रुपए की टिकट बुक कराई थी लेकिन किसी कारणवश उन्हें अपनी टिकट कैंसिल करनी पड़ी। कैंसिलेशन चार्ज कटने के बाद उन्हें 700 रुपए मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्हें सिर्फ़ 665 रुपए वापस रिफंड किए गए। 35 रुपए को सर्विस टैक्स बताकर काटा गया।
Chasing a sum of Rs. 35/- dedcuted wrongly by IRCTC, this man might have just uncovered a Rs. 3.34Cr ka jhol. Amazing story. https://t.co/RL28PPnwBD
— वरुण (@varungrover) May 9, 2019
सुजीत ने अपना पैसा वापस लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने अपनी शिकायत को लोक अदालत में दर्ज कराया लेकिन लोकअदालत ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताकर मामले को ख़ारिज कर दिया।
सुजीत ने अपने हक के लिए RTI के जरिए जानकारी हासिल करने की ठानी। इसके लिए उन्हें दिसंबर 2018 से अप्रैल 2019 तक में कई बार एक विभाग से दूसरे विभाग के चक्कर भी लगाने पड़े। आखिरकार लंबी लड़ाई के बाद बैंक ने 4 मई को उनके बैंक अकॉउंट में 33 रुपए भेजे। मीडिया खबरों के मुताबिक सुजीत कहते हैं कि इस लंबी लड़ाई के कारण उन्हें काफ़ी परेशानी झेलनी पड़ी, और आईआरसीटीसी ने उन्हें क्षतिपूर्ति देने की बजाए 2 रुपए रिफंड में से काट लिए।