IPL-2021 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) की जीत ने जाहिरतौर पर KKR फैन्स को निराश किया होगा। लेकिन उससे भी ज्यादा रोना आया होगा लिबरल व कट्टरपंथी गिरोह के सक्रिय सदस्यों को, जो इस खेल को आर्यन ड्रग केस में मिलने वाली राहत से जोड़कर देख रहा था।
दो टीमों के खेल को शाहरुख खान की जीत-हार से जोड़ देने वाला ये गिरोह मैच से पहले दुआ कर रहा था कि किसी तरह फाइनल मैच में केकेआर जीते तो उन्हें ऐसा लगे कि शाहरुख को भी जीत मिल गई है।
Arae arae… pic.twitter.com/U3XP9b69QA
— Anshul Saxena (@AskAnshul) October 15, 2021
इस्लामी पत्रकारिता की सबसे बड़ी वाहक राणा अयूब ने तो केकेआर के फाइनल में पहुँचने को पोएटिक जस्टिस कहा। वहीं रेडियो मिर्ची की साएमा ने लिखा था- “सच में केकेआर को जीतते देखना चाहती हूँ। हालाँकि मैं धोनी की फैन हूँ लेकिन आज मैं शाहरुख खान को जीतते देखना चाहती हूँ।” सबा नकवी ने कहा था, “केकेआर के साथ हूँ क्योंकि मुझे शहर पसंद हैं और चाहती हूँ कि शाहरुख खान के जीवन में कुछ खुशखबरी आए।”
Because nothing is ever not political in LeLiland ;
— കുട്ടൻ തമ്പുരാൻ 🇮🇳 (@kuttan_thambran) October 15, 2021
On the day of Dussehra,A team helmed by Lieutenant Colonel of the Indian Army Owned by a savarna brahmin Defeated the team of an anti-national drug peddler using 'minority' victimcard to whitewash their crimes #PoeticJustice pic.twitter.com/dMPUOon6Sx
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर केकेआर की जीत को आर्यन खान ड्रग केस में शाहरुख खान को मिलने वाली राहत से जोड़कर देखने वाली इन लिबरल पत्रकारों को सीएसके की जीत ने आहत किया होगा। इसी का अंदाजा लगाते हुए सोशल मीडिया यूजर इनके ट्विट्स शेयर कर रहे हैं। कहीं धोनी को पोएटिक जस्टिस का बाप बताया जा रहा है और कहीं पूछा जा रहा है कि इस खेल की जीत हार से शाहरुख की परेशानियों या उन्हें मिलने वाली खुशी का क्या लेना-देना।
"#CSK knew very well that #KKR is owned by a MusIim superstar going thru bad times due to his 23yo toddler facing jail for going to a ship and yet they didn't let KKR win the #IPLFinal
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) October 15, 2021
This isn't poetic justice. I in IPL stands for lsIamophobia! Not the India of Nehru's dreams."
द स्किन डॉक्टर ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, “सीएसके अच्छे से जानती थी कि केकेआर एक मुस्लिम सुपरस्टार की टीम है जो अपने बुरे दौर से गुजर रहे हैं वो भी उसके 23 साल के बच्चे की वजह से जो शिप पर गया था। इसके बावजूद उन्होंने केकेआर को जीतने नहीं दिया। ये पोएटिक जस्टिस नहीं हैं। IPL का I इस्लामोफोबिया को दर्शाता है। न कि उस भारत को जिसका सपना नेहरु ने देखा था। “
उल्लेखनीय है कि यदि लिबरल गिरोह का रोना एक साइड कर दिया जाए तो साल 2021 का इंडियन प्रीमियर लीग जानदार रहा। चेन्नई सुपर किंग्स ने उनके फैन्स को जश्न मनाने का पूरा-पूरा मौका दिया। वहीं केकेआर का प्रदर्शन भी ऐसा था कि धोनी ने खुद कहा कि जीत की असली हकदार केकेआर है। स्कोर बोर्ड की बात करें तो टॉस हारने के बाद चेन्नई को बैटिंग मिली और उन्होंने 192/3 का लक्ष्य केकेआर को दिया। केकेआर ने भी जीतने के लिए दम लगाया लेकिन फिर भी 27 रनों से हार का मुँह देखना पड़ा।
ये चौथा मौका है जब चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने नाम जीत का खिताब किया। इससे पहले उन्होंने साल 2010 में मुंबई इंडियंस, 2011 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) को हराकर आईपीएल में जीत हासिल की थी।
इस मैच की कुछ अन्य बातें भी खास थीं। जैसे बतौर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का यह 300वाँ मैच रहा। रवींद्र जडेजा ने जहाँ इस मैच के साथ ही अपने 200 आईपीएल मैच पूरे किए। वहीं फाफ डुप्लेसिस ने भी 100वाँ IPL खेला। अंतिम मैच के दिन डुप्लेसिस ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बने जबकि हर्षल पटेल ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ रहे। सीएसके के ऋतुराज गायकवाड़ ने पूरे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा (635) रन बनाए। वहीं RCB के हर्षल पटेल (32) टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे।