Monday, October 7, 2024
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…तो अंबानी की रिलायंस छूट जाएगी पीछे: आ रहा देश का सबसे बड़ा IPO, 10% रिजर्व कोटा LIC पॉलिसी वालों के लिए भी

LIC IPO में, इश्यू साइज का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा, जिसका अर्थ है कि अगर आपके पास भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी है तो आप के लिए इसके IPO में रिजर्व कोटा होगा।

शेयर मार्केट से जुड़े लोग इस समय देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी- लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के मेगा आईपीओ (IPO) का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि इस चालू वित्त वर्ष के अंत से पहले इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। कंपनी की ओर से रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के पास IPO के लिए दस्तावेज जमा करवा दिए गए हैं। कथिततौर पर यह देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा।

किसके लिए कितना आरक्षित होगा IPO

खबरों के अनुसार, LIC IPO में, इश्यू साइज का 10 प्रतिशत तक पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित होगा, जिसका अर्थ है कि अगर आपके पास भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसी है तो आप के लिए इसके IPO में रिजर्व कोटा होगा। बस शर्त है कि आपको इस मेगा आईपीओ को लेने का मौका तभी मिल पाएगा जब आपके पास अपडेटेड पैन और डीमैट खाता होगा। ये कोटा उन पॉलिसीधारकों पर भी एप्लाई होगा जिनकी पॉलिसी लैप्स स्थिति में चल रही है। इसके अलावा इस आईपीओ में 50 फीसदी शेयर क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए आरक्षित हैं। करीब 15 फीसदी शेयर गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए रिजर्व है और रिटेल निवेशकों के लिए ये 35 फीसदी आरक्षित हैं।

ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेलबेस्ड होने वाला है। इस आईपीओ के तहत कंपनी सरकार की 5% इक्विटी हिस्सेदारी बेचेगी। सरकार इस आईपीओ के जरिए निवेशकों को कुल 632 करोड़ इक्विटी शेयरों में से 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर दिए जाएँगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि LIC का आईपीओ भारत के लिए सऊदी अरामको का आईपीओ साबित हो सकता है। जो कि दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनियों में से एक है।

IPO का उद्देश्य

खबरों के अनुसार, इस आईपीओ के जरिए जितना भी पैसा जुटाया जाएगा, वह सारा सरकारी खजाने में जाएगा ना कि LIC के पास। इसके पीछे का कारण है कि कंपनी की तरफ से कोई नया शेयर जारी नहीं किया जा रहा है। इस आईपीओ से सरकार को विनिवेश के संशोधित लक्ष्य 78 हजार करोड़ रुपए को प्राप्त करने में सहायता होगी। पहले यह टारगेट 1.75 लाख करोड़ रुपए था। अभी तक सरकार विनिवेश के जरिए करीब 12 हजार करोड़ रुपए जुटा चुकी है।

बता दें कि मौजूदा समय में LIC में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन इस आईपीओ के बाद सरकार के पास 95 फीसदी हिस्सेदारी बचेगी। ये आईपीओ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है। सरकार द्वारा LIC में अपनी 5 फीसद हिस्सेदारी बेचकर इस आईपीओ से 66,000 करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान है।

मुकेश अंबानी की कंपनी से ज्यादा बड़ी बन सकती है LIC

दरअसल, सेबी में जमा किए गए दस्तावेजों के अनुसार, 30 सितंबर, 2021 तक कंपनी की इंडियन एम्बेडेड वैल्यू 539,686 करोड़ रुपए थी जबकि आने वाले समय में LIC की एम्बेडेड वैल्यू 72 अरब डॉलर तक पहुँचती बताई जा रही है। रिपोर्ट बताती हैं कि ये एम्बेडेड वैल्यू जब किसी जीवन बीमा कंपनी से जुड़ी देखनी होती है तो इसमें भविष्य में होने वाले मुनाफे की मौजूदा वैल्यू के साथ एडजस्टेड नेट वैल्यू शामिल होती है। अब अगर ऐसा हुआ तो LIC की मार्केट वैल्यू 288 अरब डॉलर होगी यानी कि लगभग 22 लाख करोड़ रुपए होगी। जबकि मुकेश अंबानी की कंपनी का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ रुपए है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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