Friday, June 13, 2025
Homeविविध विषयअन्यआईपीएल 2024 : हाई स्कोरिंग मैचों पर हंगामा क्यों? एंटरटेनमेंट के लिए ही तो...

आईपीएल 2024 : हाई स्कोरिंग मैचों पर हंगामा क्यों? एंटरटेनमेंट के लिए ही तो बना है शॉर्ट फॉर्मेट, इंग्लैंड का हंड्रेड पसंद, IPL में बॉलर्स की पिटाई नापसंद?

कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स के हाई स्कोरिंग मैच के बाद पंजाब किंग्स के कार्यवाहक कप्तान सैम करन ने प्रेजेंटेटर से पूछ लिया कि "भईया, कहीं ये क्रिकेट की जगह बेसबॉल का गेम तो नहीं था?"

इंडियन प्रीमियर लीग 2024 में बड़े-बड़े स्कोर बन रहे हैं। गेदबाजों का कल्तेआम हो रहा है। किसी भी बॉलर की परवाह नहीं। पुराने खिलाड़ी तो अपनी आदत के मुताबिक खेल रहे हैं, लेकिन कुछ ने जो गजब का बदलाव किया है। नए खिलाड़ियों ने अपने खेल को ऐसा कर लिया है, मानों वो जेंटलमैन गेम क्रिकेट को बदमाशों का खेल बेसबॉल बना देने पर आमादा है। बेसबॉल को पसंद करने वाले लोग ऑफेंड न हों, मैंने सिर्फ खेल से इतर होने वाले बेसबॉल के डंडे का उपयोग का रेफरेंस दिया है। आईपीएल में मानों इस साल सारे बैट्समैन बेसबॉल का डंडा लेकर गेंदबाजों के पीछे ही पड़ गए हों। कोलकाता नाइट राइडर्स और पंजाब किंग्स के हाई स्कोरिंग मैच के बाद पंजाब किंग्स के कार्यवाहक कप्तान सैम करन ने प्रेजेंटेटर से पूछ लिया कि “भईया, कहीं ये क्रिकेट की जगह बेसबॉल का गेम तो नहीं था?”

दरअसल, आईपीएल 2024 के 42वें मैच में कुछ ऐसा हुआ, जो अब तक नहीं हुआ था। कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम पंजाब किंग्स का ये मैच कोलकाता के खूबसूरत ईडन गार्डन्स मैदान पर खेला गया। कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाजों ने कोहराम मचाया और 20 ओवरों में 261 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। माना जा रहा था कि ये स्कोर काफी बड़ा है और केकेआर को ये मैच जीतने से कोई नहीं रोक सकता। इस स्कोर में फिल साल्ट के 37 गेंदों के असाल्ट से 75 रन, सुनील नरेन के 32 गेदों पर 71 रन, वेंकटेश अय्यर के 23 गेंदों पर 39 रन, कप्तान श्रेयस अय्यार के 10 गेंदों पर 28 रन, आंद्रे रसेल के 12 गेंदों पर 24 रन शामिल थे।

जवाब में महज 18.4 ओवरों में पंजाब किंग्स के बल्लेबाजों ने सिर्फ 2 विकेट खोकर 262 रन बनाकर मैच जीत लिया। इसमें प्रभसिमरन सिंह के 20 गेंदों पर 54, राइली रूसो ने 16 गेंदों पर 26 रन बनाए और आउट हुए, तो जॉनी बैरिस्टो ने 48 गेदों पर नाबाद 108 और शशांक सिंह ने 28 गेदों पर नाबाद 68 रन जोड़ डाले थे। इस पूरे मैच में सुनील नरेन की इकॉनमी सबसे बेहतर रही। उन्होंने अपने 4 ओवरों में महज 24 रन देकर एक विकेट हासिल किया, तो पंजाब किंग्स की तरफ से राहुल चाहर की इकॉनमी सबसे बेहतर रही, उन्होंने 4 ओवर में 33 रन देकर एक विकेट हासिल किया। बाकी किसी भी गेदबाज की इकॉनमी 10 से नीचे नहीं रही। 9 गेंदबाजों की इकॉनमी 15 से ऊपर की रही, जिसमें सैम करन, कगिसो रबाडा, हर्षल पटेल, दुश्मांता चमीरा, हर्षित राणा, वरुण चक्रवर्ती जैसे धुरंधर और प्रतिभाशाली गेंदबाज रहे।

केकेआर के गेंदबाजों का प्रदर्शन, स्क्रीनशॉट-ESPNCricinfo वेबसाइट

कुछ यही हाल मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच दिल्ली में खेले जा रहे मैच के शुरुआत में भी दिखा है। महज 7 ओवरों में दिल्ली कैपिटल्स ने 113 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। जसप्रीत बुमराह जैसे धुरंधर गेंदबाज का पहला ओवर 18 रनों के लिए गया, तो टॉप करन ने 19 रन दे दिए। हालत ये रही कि मुंबई इंडियन ने अपने शुरुआती 5 ओवर पाँच अलग-अलग बॉलर्स के हाथ में सौंपे। हालाँकि जसप्रीत बुमराह छठें ओवर में दोबारा आए और महज 3 तीन रन दिए, लेकिन स्ट्राइक पर तब अभिषेक पोरेल थे, ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जेक फ्रेजर-मैक्गर्क नहीं। जेक इस मैच में 27 गेदों पर 84 रन बनाकर आठवें ओवर में ही आउट हो गए।

खैर, ये छोटा सा सैंपल इसलिए, कि लोगों को थोड़ा दुख और हो, क्योंकि लोग सोशल मीडिया पर हंगामा मचा रहे हैं कि आईपीएल 2024 में गेंदबाजों का कल्तेआम हो रहा है। पूरा खेल बैट्समैनों के हिसाब से बना दिया गया है। ये वही लोग हैं, जो कुछ समय पहले तक सिर्फ इसलिए हंगामा करते थे, क्योंकि लखनऊ की पिच लो-स्कोरिंग थी और यहाँ रन नहीं बनते थे। ये वो लोग हैं, जो यूएई में खेले गए आईपीएल की यह कहकर आलोचना कर रहे थे कि पिच बहुत धीमे हैं और स्पिनर्स हावी हैं। ये ऑस्ट्रेलिया की वाका पिच को तेज गेंदबाजों के लिए स्वर्ग और बैट्समैनों के लिए कब्र बताते हैं और इंग्लैंड की पिचों को उनके गेंदबाजों के हिसाब से स्विंग और फास्ट बॉलिंग की मदद देने वाले बताते हैं।

ये वही लोग हैं, तो मौके पर इंग्लैंड की हंड्रेड लीग (100 गेंदों का खेल) को बेस्ट बताते हैं और ऑस्ट्रेलिया की बीबीएल को क्रांतिकारी बताते हैं। ये वही लोग हैं, तो कहते थे कि वन-डे गेम नीरस हो गया है, लेकिन ये वही लोग हैं तो ऑस्ट्रेलिया-दक्षिण अफ्रीका के बीच 334-338 रनों वाले मैच को सबसे बेहतरीन बताते हैं। ये वही लोग हैं, जो इंग्लैंड के बैजबाल को बेस्ट बताते हैं, लेकिन आईपीएल में धड़ाधड़ रन बनने लगे और लगातार बनने लगे तो रोने लगते हैं।

क्यों भाई? ऐसे दोमुँही बातें कर कैसे लेते हैं आप? टी-20 क्रिकेट का मतलब है एंटरटेनमेंट। टेस्ट क्रिकेट का मतलब है धैर्य-कौशल की परीक्षा। दुनिया में खिलाड़ियों को ये कहकर वर्गीकृत कर दिया जाता है कि ये तो टेस्ट स्पेशलिस्ट बैट्समैन है और ये टी-20 बैट्समैन है। वो ये भूल जाते हैं कि शॉट्स फॉर्मेट में भी राहुल द्रविड़ ने झंडे गाड़े, तो वीरेंद्र सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में और मौजूदा दौर में डेविड वॉर्नर को कौन खारिज कर सकता है, जिसने तीनों ही फॉर्मेट में झंडे गाड़े हैं।

खैर, केकेआर और पंजाब किंग्स के मैच की ही बात कर लेते हैं, तो ये कि केकेआर 261 रन बनाने के बाद भी इसलिए हार गया, क्योंकि उनकी रणनीति सही नहीं थी। जब ये पता है कि पहली गेंद से आक्रमण करना है। आपके पास बहुत ही बेहतरीन हिटर मौजूद हैं, जो पहली गेंद से छक्का लगाने में सक्षम हैं, तो फिर क्यों दोनों अय्यर ऊपर आए? रमनदीप और रिंकू सिंह को रोककर क्यों रखा गया? अगर ये खिलाड़ी होते, तो स्कोर शायद 280 बन जाता और शायद तब आप जीत जाते। इस बात को ध्यान में रखें कि केकेआर के बल्लेबाजों ने 18 छक्के लगाए थे, तो पंजाब किंग्स ने 24 छक्के लगा दिए।

खैर, ये बात तो ‘रन -कौशल’ की है। अब बात आपके मुख्य मुद्दे की भी कर लेते हैं। आप कह रहे हैं कि पिचें इस तरह से तैयार की जा रही हैं कि गेंदबाजों का कल्तेआम हो रहा है। तो भाई, जिस जगह सब पीटे गए, उसी पिच पर तो सुनील नरेन ने भी गेंदबाजी की। सुनील ने तो अपने 4 ओवरों में सिर्फ 24 रन ही दिए और 1 विकेट भी लिया। वो भी तब, जब उनकी पहली दो गेंदों पर प्रभसिमरन ने छक्का और चौका लगाकर 10 रन बटोर लिए थे, इसके अलावा सिर्फ 1 ही चौका सुनील ने और दिया। यानी सुनील नरेन की 24 गेंदों में से 21 पर कोई बाउंड्री ही नहीं लगी। दूसरी तरफ राहुल चाहर ने भी 4 ओवरों में महज 33 रन दिए, उस मैच में जहाँ बाकी सारे गेंदबाज पिट रहे थे।

तो बात पिच की नहीं है। बात है कौशल की, माइंडसेट की। बैट्समैन मार रहा है। वो मारेगा। सिर्फ 120 गेंदों का खेल है, वो विकेट बचाकर करेगा क्या? आप अपने 24 गेंदों पर क्या करते हैं ये आपका कौशल है। अब दिल्ली-मुंबई के मैच की ही बात कर लें तो जसप्रीत बुमराह के पहले ओर में 18 रन बने, जिसमें पहली गेंद नो-बॉल थी और उस पर छक्का लगा, दूसरी गेंद फ्री हिट थी, जिसपर चौका लगा। बाकी की 5 गेंदों पर तो महज 8 रन ही बने न? वहीं, दूसरे ओर में बुमराह ने सिर्फ 3 रन दिए।

ये आँकड़े बता रहे हैं कि टी-20 क्रिकेट जिस लिए बनाया गया था, वो उसी दिशा में बढ़ रहा है। यहाँ बल्लेबाज अपनी ताकत दिखाएगा, गेंदबाज को बचाव करना है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। रही बात इम्पैक्ट सब नाम के नियम की, तो दोनों ही टीमों के पास एक ज्यादा बल्लेबाज और एक ज्यादा गेंदबाज का मौका बन रहा है। अब आपके बल्लेबाज या गेंदबाज का प्रदर्शन खराब है, तो उसमें खेल कहाँ खत्म हो रहा है? वैसे, इस साल गेंदबाजों के लिए 2 बाउंसर भी दिए गए हैं, जिसका सभी तेज गेंदबाजों ने खूब स्वागत किया। शुरुआती मैचों में इसका असर भी दिखा, फिर बल्लेबाजों ने अपने खेल में बदलाव किया और वो नए-नए तरीके अपनाने लगे। खैर, शॉट भी तो वही खेले जा रहे हैं, जो अब तक खेले जा रहे थे। रातों-रात तो कोई बदलाव हुआ नहीं है। ऐसे में क्रिकेट की हत्या हो गई, गेंदबाजों का कत्लेआम कर दिया गया जैसे टर्म्स अपनाने की जगह गेंदबाजों को और स्मार्ट बनने की जरूरत है, जो सुनील नरेन, जसप्रीत बुमराह, राहुल चाहर, राशिद खान जैसे बॉलर दिखा रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
I am Shravan Kumar Shukla, known as ePatrakaar, a multimedia journalist deeply passionate about digital media. Since 2010, I’ve been actively engaged in journalism, working across diverse platforms including agencies, news channels, and print publications. My understanding of social media strengthens my ability to thrive in the digital space. Above all, ground reporting is closest to my heart and remains my preferred way of working. explore ground reporting digital journalism trends more personal tone.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

आगरा की 2 हिन्दू लड़कियाँ हुईं गायब, अब इस्लामी धर्मांतरण गैंग का हिस्सा बनीं: परिवार बोला- सायमा ने किया है ब्रेनवॉश, सायबर पुलिस कर...

आगरा में हिन्दू परिवार की 2 बेटियों को धर्मांतरण गैंग ने फँसा लिया है। उन्होंने बड़ी बहन को निशाना बनाया और फिर वह छोटी को अपने साथ ले गई।

हिंदू दारोगा की ID बना महिलाओं को ठगता था मुनफेद, किसी से ₹16 लाख तो किसी ₹27 लाख ठगे: 14 को बनाया नौकरी के...

मथुरा का मुनफेद नकली दरोगा बनकर हिंदू नाम से महिलाओं से मिलता था और नौकरी के नाम पर उसने कुल 14 महिलाओं से ठगी की है।
- विज्ञापन -