टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारत को पहला पदक दिलाने वाली वेटलिफ्टर मीराबाई चानू और उनके कोच विजय शर्मा ने केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है। दरअसल पिछले 5 सालों के दौरान केंद्र सरकार ने लगातार उनकी सहायता की जिसके कारण चानू वेटलिफ्टिंग में भारत को सिल्वर मेडल दिला सकीं। हालाँकि जैसे ही भारतीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (IWF) के अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया, लेफ्ट-लिबरल गैंग और प्रोपेगेंडाबाज अपनी पुरानी आदत के अनुसार मीराबाई की उपलब्धि को धूमिल करने पहुँच गए।
मीराबाई ने खुद भारतीय खेल प्राधिकरण और ‘टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना’ को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि देश और विदेश में उनकी ट्रेनिंग के लिए जिस प्रकार लगातार सहयोग प्रदान किया, उसी के कारण आज उनका पदक जीत पाना संभव हो सका है। मीराबाई को ट्रेनिंग के लिए अमेरिका भेजने का फैसला कुछ घंटों के अंदर ही लिया गया जब यह तय हो चुका था कि अमेरिका भारतीय यात्रियों पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है। इसके बाद मीराबाई 1 मई 2021 को अमेरिका रवाना हुईं और दूसरे ही दिन अमेरिका का प्रतिबंध शुरू हो गया था। अमेरिका में मीराबाई की ट्रेनिंग का खर्च भी लगभग 70 लाख रुपए था।
सरकार द्वारा की गई सहायता और खिलाड़ियों की मेहनत पर आभार प्रकट करते हुए IWF के अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने एनडीटीवी से कहा कि मीराबाई चानू ने इस पदक के लिए 21 साल इंतजार किया है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के आभारी हैं और उन खिलाड़ियों के भी जिन्होंने अपनी मेहनत से ओलंपिक में हिस्सा लिया है। हालाँकि वैश्य ने जैसे ही पीएम मोदी का आभार प्रकट किया, पूरा लेफ्ट-लिबरल और प्रोपेगेंडाबाज गैंग टूट पड़ा और पूछने लगा कि मीराबाई के पदक जीतने में पीएम मोदी का कैसा योगदान?
पत्रकार रोहिणी सिंह ने ट्वीट करके पूछा कि प्रधानमंत्री का आभार किसलिए? क्या वो उसके (मीराबाई चानू) बदले वजन उठाने गए थे?
एक्टिविस्ट रेजिमोन कुट्टप्पन भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने भी व्यंग्यात्मक तौर पर कहा कि मोदी जी ओलंपिक खिलाड़ियों को कोचिंग दे रहे हैं।
कार्टूनिस्ट मंजुल तो इन सब से कई कदम आगे निकले। उन्होंने 13 जुलाई 2021 को ही कार्टून प्रकाशित कर दिया था जिसमें दिखाया गया था कि खिलाड़ी ओलंपिक पोडियम में पदक लेते हुए खड़ा है उसके हाथ में ‘थैंक यू मोदी जी’ का एक प्लेकार्ड है।
कॉन्ग्रेस की लावण्या बल्लाल ने भी ट्वीट करके लिखा कि मीराबाई चानू को कोचिंग देने के लिए नरेंद्र मोदी का धन्यवाद।
हालाँकि भले ही यह लेफ्ट-लिबरल और प्रोपेगेंडाबाज गैंग खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार द्वारा की जा रही सहायता को नजरंदाज करता रहे, लेकिन सच तो यह है कि खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण के साथ पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा समय-समय पर किए गए प्रयासों का परिणाम है कि भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार आया है और कई अवसरों पर खिलाड़ी पदक जीतने में भी सफल रहे हैं।
खेलों को बढ़ावा देने सरकार के प्रयास
क्रिकेट के अलावा भारत में विभिन्न खेलों द्वारा कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसी के चलते सितंबर 2014 में केंद्र सरकार ने टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) का शुभारंभ किया। इस योजना के अंतर्गत युवा मामलों एवं खेल मंत्रालय की देखरेख में खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता से लेकर ट्रेनिंग इत्यादि से जुड़ी सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं। मीराबाई चानू की ट्रेनिंग भी इसी योजना के अंतर्गत सम्पन्न हुई। इसके अलावा ओलंपिक 2016 में भारत की ओर से पीवी सिंधु और साक्षी मलिक भी मेडल जीतने में सफल रहीं। साथ ही पैरालम्पिक और कॉमनवेल्थ खेलों में भी भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा।
इसके अलावा भारत सरकार द्वारा खेलो इंडिया कार्यक्रम और फिट इंडिया मूवमेंट जैसी पहल भी की गईं। इनके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा न केवल भारत के कोने-कोने से योग्य खिलाड़ियों का चयन किया गया, बल्कि सबसे निचले स्तर तक खेलों को बढ़ावा देने का काम भी किया गया। भारत में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई इन योजनाओं का एक उद्देश्य यह भी था कि भारत में 10 साल से लेकर 18 साल तक के खिलाड़ियों को खेल का वातावरण उपलब्ध कराना और इसके लिए ट्रेनिंग एवं वित्तीय सहायता की व्यवस्था करना। शिक्षा के साथ-साथ वर्तमान केंद्र सरकार राज्यों के साथ सामंजस्य स्थापित करके यदि खेलों को बढ़ावा देने का काम कर रही है और इसका परिणाम वैश्विक मंचों पर देखने को मिलता है तो सरकार का आभार प्रकट करना कोई अपराध नहीं है।