न्यूज़ीलैंड के क्रिकेटरों ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की आलोचना और उस पर तंज़ कसना ट्विटर पर शुरू कर दिया है, और कारण बिलकुल जायज़ है। इस साल के विश्व कप में जिस ‘गलत’ नियम के चलते न्यूज़ीलैंड को पूरे विश्व कप में पसीना बहाने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ खिताबी मुकाबले में हार का मुँह देखना पड़ा, अब जाकर ICC उस नियम को बदलने जा रहा है। ऐसे में कीवी खिलाड़ियों का गुस्सा बिलकुल समझा जा सकता है।
ICC ने हाल ही में यह नियम आख़िरकार बनाया कि सेमी फाइनल और फाइनल मैचों में सुपर ओवर टाई रहने पर मैच का फ़ैसला और एक सुपर ओवर, और एक सुपर ओवर, और एक सुपर ओवर की तर्ज पर किया जाएगा। यानि एक-एक कर सुपर ओवर तब तक कराए जाते रहेंगे, जब तक कि कोई एक टीम किसी सुपर ओवर में दूसरी टीम से अधिक रन न बना ले। सेमी फाइनल से पहले के मुकाबलों में सुपर ओवर टाई रहने पर मैच टाई ही माना जाएगा।
अपनी एक प्रेस विज्ञिप्ति में ICC ने कहा, “यह नियम उस मूल सिद्धांत के अनुसार होगा कि मैच जीतने के लिए आपको विपक्षी टीम से अधिक रन बनाने हैं।”
भूतपूर्व कीवी क्रिकेटर क्षुब्ध हैं कि क्या यह नियम उनकी विश्व कप हार के पहले नहीं आ सकता था।
दिल तोड़ने वाली हार
इस विश्व कप तक ICC का ‘टाई’ (50-50 ओवरों की समाप्ति पर दोनों टीमों के रन बराबर रहना) को लेकर नियम था कि खेल सुपर-ओवर में जाएगा, जहाँ दोनों टीमों के दो-दो बल्लेबाजों को 6-6 बॉलों (1-1 ओवर) पर रन बनाने होंगे। 6 गेंदों में अधिकतम रन बनाने वाली टीम विजेता होगी। लेकिन अगर सुपर ओवर भी टाई रहे (जैसा कि न्यूज़ीलैंड-इंग्लैंड के विश्व कप, 2019 फाइनल में हुआ), तो ICC का नियम इसको लेकर बहुत पेचीदा था।
बजाय ‘कॉमन सेंस’ के उपाय के, कि सुपर ओवर तब तक जारी रखा जाए जब तक कि कोई एक टीम दूसरे से अधिक रन न बना ले, ICC का नियम था कि दोनों टीमों की मैच में बाउंड्रियाँ गिनी जाएँ! इसी अजीब नियम के चलते लगभग पूरे मैच में इंग्लैंड पर इक्कीस पड़ने वाली और टूर्नामेंट में सबका दिल जीतने वाली न्यूज़ीलैंड की टीम सुपर ओवर टाई रहने के बाद हार गई। मैच में चौके-छक्के मिलाकर उसके बल्लेबाज़ों ने 17 बाउंड्रियाँ लगाईं थीं, जबकि इंग्लैंड ने 22.
कीवी कप्तान केन विलियमसन ने उस समय ‘प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट’ चुने जाते समय कहा था कि वे यह ख़िताब उस एक रन से बदलने के लिए प्रस्तुत हैं, जो उनकी टीम को जीत दिला दे। न्यूज़ीलैंड के धाकड़ बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल इस हार के बाद मैदान पर ही इतने हताश हो गए कि उनकी टीम के साथियों के साथ ही इंग्लिश ऑल-राउंडर क्रिस वोक्स को भी उन्हें सांत्वना देने आगे आना पड़ा था। उस समय न्यूज़ीलैंड ही नहीं, दुनिया भर के कई पूर्व खिलाड़ियों ने इस नियम को “बेहूदा”, “अनर्गल”, “ऊटपटांग”, “बेतुका” आदि कहा था।
‘टाइटैनिक वालों के लिए दूरबीन भी ले आओ’
न्यूज़ीलैंड की विश्व कप 2019 टीम का हिस्सा रहे बल्लेबाज जेम्स नीशम ने इस खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, “एजेंडे में अगली चीज़: टाइटैनिक (जहाज़) पर बर्फ़ देखने के लिए तैनात रहे लोगों को बेहतर दूरबीनें देना।” नीशम मैच के बाद गुप्टिल को ढाँढ़स बंधाने वाले खिलाड़ियों में भी थे।
Next on the agenda: Better binoculars for the Ice spotters on the Titanic https://t.co/nwUp4Ks3Mp
— Jimmy Neesham (@JimmyNeesh) October 14, 2019
न्यूज़ीलैंड के पूर्व कोच और खिलाड़ी क्रेग मैकमिलन ने भी इस निर्णय में देरी की आलोचना की।
Bit late @ICC https://t.co/cT6PS1oMw3
— Craig McMillan (@cmacca10) October 14, 2019