भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफ़ेस (ULI) लाने जा रहा है। इसका पायलट प्रोजेक्ट पहले से ही चल रहा है। जल्द ही इसे जनता के उपयोग के लिए लाया जाएगा। ULI के जरिए देश में कर्ज लेना आसान हो सकेगा और लोग अपने फोन पर ही यह सुविधा पा सकेंगे। ULI को जल्द ही लाने का ऐलान RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने किया है।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार (26 अगस्त, 2024) को बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में ऐलान किया कि रिजर्व बैंक जल्द ही UPI की तरह ही ULI लाएगा। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष बिना किसी झंझट के कर्ज देने वाले इंटरफ़ेस को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चालू किया गया था, अब इसका नाम मैं ULI रख रहा हूँ।
#WATCH | During the inaugural address at Global DPI and Emerging Tech Conference, RBI Governor Shaktikanta Das says, "India’s experience provides an effective digitisation strategy for other central banks…DPI has enabled India to achieve financial inclusion in a decade, which… pic.twitter.com/mHIcarX1Fg
— ANI (@ANI) August 26, 2024
RBI गवर्नर ने कहा, “पायलट प्रोजेक्ट से मिले अनुभव के आधार पर, ULI को जल्द ही पूरे देश में लॉन्च किया जाएगा। जिस तरह UPI ने पेमेंट इकोसिस्टम को बदला है, उसी तरह हम उम्मीद करते हैं कि ULI भारत में लोन क्षेत्र को बदलने में भी ऐसी ही भूमिका निभाएगा।”
क्या है ULI?
ULI का पूरा नाम यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस है। यह RBI का एक प्रोजेक्ट है। ULI को देश में कर्ज देना आसान करने के लिए लाया जा रहा है। ULI के जरिए सभी बैंकों और बाकी हितधारकों को एक साथ लाकर RBI एक ऐसा सिस्टम तैयार करेगी जहाँ तुरंत कर्ज मिल सकेगा। यह UPI की तर्ज पर ही काम करेगा।
जिस तरह UPI ने देश में भुगतान सिस्टम को बदल दिया है, वैसे ही RBI देश में कर्ज क्षेत्र को ULI के जरिए बदलना चाहता है। ULI आने के बाद कोई भी व्यक्ति आसानी से मात्र कुछ ही समय के भीतर कर्ज ले सकेगा और आसानी से उसका भुगतान भी कर सकेगा। इसके लिए उसे बैंकों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी।
RBI ने अभी ULI को लेकर पूरी कार्ययोजना नहीं बताई है। हालाँकि, माना जा रहा है कि इसे स्मार्टफोन एप के जरिए लॉन्च किया जाएगा। ULI आने के बाद लोगों को क्रेडिट कार्ड या फिर अन्य लोन एप से कर्ज नहीं लेना पड़ेगा। अभी तक इन लोन एप के विषय में हजारों शिकायतें भी आ चुकी हैं।
कैसे करेगा काम ULI?
RBI का कहना है कि ULI में लोन लोगों के आधार, PAN और उनकी लेनदेन के तरीकों के आधार पर निर्धारित होगा। इसमें हर यूजर का पुराने कर्ज और उनके क्रेडिट स्कोर का डाटा भी यहाँ मौजूद होगा। जब कोई व्यक्ति ULI के जरिए कर्ज की माँग करेगा तो इन्हीं मानकों के आधार पर उसको कर्ज देने का फैसला किया जाएगा। अभी इन्हीं डाटा को एक साथ करके एक प्लेटफार्म तैयार करने का प्रयास चल रहा है। यह डाटा अलग-अलग एजेंसी के पास होने के कारण इन्हें साथ में करने में समस्या आ रही है।
ULI से किन्हें होगा फायदा?
ULI से सबसे बड़ा फायदा छोटे कर्जे लेने वालों को होगा। अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए छोटे कर्जे लेने वाले लोग सीधे तौर पर अब बैंकों से कर्ज ले पाएँगे। अभी इनकी कर्ज की राशि छोटे होने के कारण बैंक अभी अधिक ध्यान नहीं दे पाते। इसके अलावा कागजी प्रक्रिया में समय लगने के कारण यह लोग कई बार स्थानीय महाजनों या फिर अनाधिकृत सूदखोरों से पैसा लेते हैं। इसके बदले इन्हें मोटा ब्याज चुकाना पड़ता है। ULI आने के बाद यह कागजों के बोझ से मुक्ति पा सकेंगे और कर्ज भी जल्दी मिल सकेगा।
UPI ने लाई थी क्रांति
ULI को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) की तर्ज पर ही लाया जा रहा है। UPI वर्तमान में भारत में भुगतान का सबसे लोकप्रिय माध्यम है। इसे 2016 में RBI लेकर आया था। इसके जरिए कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को एक फोन के जरिए पैसे भेज सकता है। UPI में 2016 के बाद से अब तक कई फीचर भी जोड़े जा चुके हैं। वर्तमान में भारत में लगभग 35 करोड़ लोग UPI उपयोग करते हैं। UPI का प्रसार भारत के बाहर भी हो चुका है। ULI को भी इसी तर्ज पर आगे बढाने की तैयारी RBI कर रहा है।