शहीद स्मारक/स्थल जलियाँवाला बाग़ को अंग्रेज़ी हुक़ूमत के अत्याचारों का प्रतीक माना जाता है। पिछले कुछ समय से वहाँ नवीनीकरण का काम चल रहा है। इस काम में कुल 15 से 20 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। लेकिन फिलहाल एक नया विवाद सामने आ रहा है।
जलियाँवाला बाग़ में नवीनीकरण कार्यों के दौरान वहाँ गैलरी में 2 महिलाओं के अर्धनग्न चित्र लगा दिए गए हैं। यह चित्र शेर-ए-पंजाब महाराजा रंजीत सिंह की लड़ाइयों के चित्र के ठीक नीचे लगाया गया है।
इस चित्र पर विवाद को लेकर इंटरनेशनल सर्व कम्बोज समाज (International Sarv Kamboj Samaj) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने चित्रों पर आपत्ति जताई और उचित कार्रवाई की माँग की।
दरअसल जलियाँवाला बाग़ में फरवरी से नवीनीकरण का काम चल रहा है। इसमें लगभग 15 से 20 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है। इस काम के दौरान ही वहाँ दो महिलाओं के अर्धनग्न चित्र लगा दिए गए हैं।
इन अर्धनग्न चित्रों की दाहिनी तरफ गुरु नानक देव जी का बड़ा चित्र लगा हुआ है। इसके ठीक नीचे हाथ में खड्ग लिए रंजीत सिंह की तस्वीर लगी है। इन दोनों के साथ ही बाबा बंदा बहादुर सिंह की मूर्ति भी स्थापित की गई है।
जलियाँवाला बाग़ गैलरी के ऊपरी हिस्से में सतलुज सहित अन्य पाँच नदियों का ज़िक्र है। कुल मिला कर अर्धनग्न चित्र ऐसे स्थान पर लगाए गए हैं, जहाँ पंजाब के इतिहास के बारे में जानकारी दी गई है।
इंटरनेशनल सर्व कम्बोज समाज ने जलियाँवाला बाग़ में लगाए गए इन चित्रों पर कड़ी आपत्ति जताई है। इस समाज के अध्यक्ष शिंदर पाल सिंह ने इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखा है।
पत्र में कम्बोज समाज का कहना है कि ऐसे चित्र शहीदों का अपमान करते हैं। इसके पहले जलियाँवाला बाग़ ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मुख्य (प्रवेश) द्वार पर शहीद उधम सिंह की मूर्ति के सामने टिकट विंडो बना कर अपमान करने का आरोप लगाया था।