Sunday, December 22, 2024
Homeविविध विषयअन्यजब सोशल मीडिया नहीं था, तब Pak की जीत का जश्न घरों में मनाते...

जब सोशल मीडिया नहीं था, तब Pak की जीत का जश्न घरों में मनाते थे: शरजील इमाम का पुराना पोस्ट हुआ वायरल

शरजील इमाम इस समय भड़काऊ बयानबाजी के कारण जेल में बंद है। उसके ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला चल रहा है। उसने साल 2017 में अपने क्रिकेट से जुड़े पोस्ट में कहा था कि उसके पसंदीदा शायर से लेकर क्रिकेटर तक पाकिस्तानी ही हैं।

भारत-पाकिस्तान के टी-20 वर्ल्ड कप मैच के बाद शरजील इमाम का एक पोस्ट वायरल हो रहा है। ये पोस्ट 19 जून 2017 का है। इसमें उसने बताया था कि जब सोशल मीडिया नहीं था तो उनके समुदाय के लोग पाकिस्तान की जीत को घरों में और पड़ोसियों के साथ सेलिब्रेट करते थे।

इस पोस्ट में इमाम ने कहा था, “सोशल मीडिया पर हमारे कई नौजवान पाकिस्तान की क्रिकेट में जीत की खुशी मना रहे हैं। पहले सोशल मीडिया नहीं था तो घर पे, गलियों में मनाते थे। बचपन में कई बार मैं इनमें शरीक भी रहा हूँ। हालाँकि 12 साल से मैंने न क्रिकेट देखा है और न खुशी मनाई है।”

इमाम ने आगे लिखा, “अब कुछ लोगों को तकलीफ है कि ये है कि ये भक्तिवाद के उलट है और भक्तों को मौका देता है कि हमें पाकिस्तानी पुकारने का। कुछ ने ये भी कह दिया कि देखो जमशेदपुर में हमला कर दिया, 80 दुकानें जला दीं, क्यों बहाने देते हो। पहली बात तो ये कि वो आपको हर हाल में पाकिस्तानी समझते हैं, देशभक्त मुसलमान अपने मुगालते से निकलें।”

शरजील इमाम का पोस्ट

फिर इमाम कहता है, “दूसरी बात कि जब बचपन से हमें सब्जीबाग पटना में सईद अनवर की बीवी के नाम शक्ल सूरत सब की खबर थी और गांगुली के बारे में कम जानते थे तो उसकी कोई वजह ही रही होगी। वजह पता कीजिए।”

तीसरी बात समझाते हुए वह पोस्ट कहता है, “ये टीम इंडिया नहीं टीम बीसीसीआई है। एक प्राइवेट टीम जो कि बड़े कॉर्पोरेट करप्शन कि एक टूल है, जिसका नोटिस सुप्रीम कोर्ट ने भी लिया है। पाकिस्तान की टीम तो कम से कम सरकारी है। बहरहाल सबको हक है अपने हीरोज बनाने का और मेरा पहला पसंदीदा शायर इकबाल लाहौरी था और पहला बॉलर वसीम अकरम। ऊपर से हम थे भी लेफ्ट आर्म।”

यहाँ बता दें कि शरजील इमाम द वायर, द क्विंट और फर्स्टपोस्ट जैसे वामपंथी पोर्टल्स का स्तंभकार रहा है। उसने जामिया नगर में दंगों के लिए भड़काऊ बयानबाजी की थी। बाद में पुलिस ने उसे 28 जनवरी 2020 को बिहार से पकड़ा था।

4 साल पहले शरजील इमाम ने जैसे इस पोस्ट में दावा किया है कि ‘उनके नौजवान’ पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाते हैं। वैसा ही नजारा 24 अक्टूबर को हुए मैच के बाद देखने को मिला था। पंजाब के संगरूर में भी कश्मीरी छात्रों ने पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाया था। इसी तरह कश्मीर में भी पाक के जीतने पर पटाखे फूटे जिसके बाद पुलिस ने ऐसा करने वालों के ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -