मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार प्रदेश में मंदिरों का कायाकल्प करने के लिए तैयार है। अभी हाल ही में भाजपा ने उज्जैन में बाबा महाकाल के दरबार में महाकाल लोक का निर्माण कराकर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। वहीं मंदिर को भव्य बनाने के लिए दूसरे चरण का काम भी शुरू होने वाला है।
इसके साथ ही राज्य सरकार की अब प्रदेश के अन्य मंदिरो का कायकल्प करने की योजना है। शिवराज सरकार जल्द ही प्रदेश के पाँच और मंदिरों को सँवारने जा रही है।
शिवराज सरकार अगले 2 सालों में राज्य के पाँच प्रमुख मंदिरों को सँवारेगी। इसके लिए सरकार 3000 करोड़ रूपए खर्च होंगे। महाकाल लोक के बाद प्रदेश सरकार खंडवा जिले के ओंकारेश्वर मंदिर, सीहोर का सलकनपुर मंदिर, दतिया जिलें का पीताम्बरा मंदिर, चित्रकूट के शनिश्चरा मंदिर और सतना जिले के मैहर मंदिर का कायाकल्प करेगी।
मध्य प्रदेश सरकार राज्य के जिन मंदिरों का विस्तारीकरण करवाने जा रही है उसमें दूसरे ज्योर्तिलिंग ओंकारेश्वर मंदिर का काम सबसे पहले आ सकता है। यहाँ 108 फीट की शंकराचार्य की प्रतिमा भी बनेगी।
इसके अलावा महाकाल लोक की तरह अलग-अलग चरणों में 2141.85 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के तहत यह काम होगा। बताया जा रहा है कि यहाँ आदि शंकराचार्य की जो प्रतिमा तैयार होगी, वह 500 साल तक सुरक्षित रहेगी। प्रदेश सरकार ने इन मंदिरों के विस्तारीकरण के लिए पर्यटन मंत्रालय को जिम्मा सौंपा है।
महाकाल : दूसरे चरण के कई इलाकों का विकास होगा
उज्जैन में महाकाल परिसर को विकसित करने पर 850 करोड़ खर्च होंगे। पहले चरण का काम हो गया है। दूसरा चरण 2023 में पूरा होगा। इसमें महाराज परिसर का विकास, रुद्रसागर जीर्णोद्धार, पार्किंग व पर्यटन सूचना केंद्र, महाकाल द्वार एवं प्राचीन मार्ग का विकास किया जाएगा।
सलकनपुर : 45 करोड़ का काम शुरू किया
अगस्त से पहले सलकनपुर का स्वरूप भी बदल जाएगा। दो हिस्सों में काम पूरा होगा। राज्य सरकार ने 45 करोड़ में काम शुरू कर दिया है। केंद्र के पास 55 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है। यह दूसरे चरण में होगा।
ओंकारेश्वर- 108 फीट की शंकराचार्य प्रतिमा बनेगी
अलग-अलग चरण में 2141.85 करोड़ रुपए पूरे प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे। धातुओं के मिश्रण से तैयार हो रही आदि शंकराचार्य की 108 फीट की प्रतिमा 198.25 करोड़ में बनेगी। इसे बनाने में सुपर स्टेनलेस स्टील का उपयोग हो रहा है। 500 साल तक इसे नुकसान नहीं होगा।
वहीं मैहर 30 करोड़ रुपए के काम किए जाएँगे। माई के स्थान (पहाड़ी पर) के आसपास सुविधाओं के साथ पहुँचने का मार्ग और श्रद्धालुओं के लिए 30 करोड़ रुपए के काम होंगे।
दतिया: भक्तों को ज्यादा सुविधाएँ मिलेंगी
सिद्धपीठ पीतांबरा माई में अन्य सुविधाओं और कामों के लिए 25 करोड़ का प्रोजेक्ट है। केंद्र की प्रसाद योजना के तहत इसे सैद्धांतिक सहमति मिल गई है। डीपीआर का काम शुरू हो गया है। आने-जाने के साथ श्रद्धालुओं के रुकने के साधन बनेंगे। शारदीय नवरात्र में बड़ी संख्या में लोग पहुँचते हैं। लिहाजा वहाँ पहुँचने का मार्ग भी ठीक होगा।
शनिश्चरा: सबसे बड़ा शनि धाम बनेगा
30 करोड़ रुपए में मंदिर का काम होगा। यह मप्र का सबसे बड़ा शनि धाम होगा। चूँकि यह प्राचीन मंदिर है, लिहाजा इसके मुख्य द्वार को भव्य बनाया जाएगा। ग्वालियर से 18 किमी दूर होने के कारण मंदिर के आसपास पहुँच मार्ग को बेहतर बनाया जाएगा।
चित्रकूट: स्वदेश और राम दर्शन की थीम
राम वनपथ गमन के साथ पूरे चित्रकूट का विकास 100 करोड़ में होगा। यह स्वदेश और राम दर्शन की थीम पर बनेगा। श्रेष्ठ स्थान बनाने के लिए डीपीआर पर काम शुरू हो चुका है। उत्तर प्रदेश के हिस्से का काफी काम हो गया है। सतना से इसका रास्ता है। चित्रकूट पहुँचने से पहले रास्ते में सुविधाएँ विकसित होंगी।