अक्सर सुर्ख़ियों में रहने वाले पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख्तर ने एक हैरान कर देने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि करगिल युद्ध में वो अपनी तरफ से मदद करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने Nottinghamshire के साथ 175,000 पाउंड (लगभग 1,20,75,000 रुपए, एक पाउंड 1999 के करेंसी रेट के हिसाब से लगभग 69 रुपए के बराबर था।) का समझौता करने से मना कर दिया था।
साल 1999 के दौरान मई महीने में भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच करगिल की लड़ाई हुई थी। जिसमें दोनों देशों के सैनिक मारे गए थे। इस युद्ध के दो दशक बाद शोएब अख्तर ने इतना बड़ा बड़ा खुलासा किया है। उनका कहना है कि वह सब कुछ छोड़ कर देश के लिए मरने को तैयार थे।
ARY News नाम के समाचार समूह को साक्षात्कार देते हुए उन्होंने इस बारे में जानकारी दी। साक्षात्कार के दौरान शोएब ने कहा “लोग इस कहानी के बारे में बहुत कम ही जानते हैं। मैंने नॉटिंघम के साथ 175,000 पाउंड का समझौता किया था। इसके बाद साल 2002 में एक और बड़ा समझौता किया था। मैंने करगिल के दौरान दोनों ही समझौतों से इनकार कर दिया था।”
इसके बाद शोएब ने कहा “मैं लाहौर के बाहरी इलाके में खड़ा था। मुझे वहाँ देख कर एक जनरल ने पूछा कि मैं वहाँ क्या कर रहा हूँ? मैंने कहा लड़ाई शुरू होने वाली है, हम साथ मरेंगे। मैंने इस तरह दो बार क्रिकेट छोड़ा था, जिस पर सब के सब हैरान हुए थे। मुझे इस बात की बिलकुल चिंता नहीं थी। मैंने कश्मीर में मौजूद अपने दोस्तों को फोन किया और उनसे कहा कि मैं लड़ने के लिए तैयार हूँ।”
अंत में शोएब ने कहा,
“जब लड़ाकू विमानों (भारत के) हमारी ज़मीन पर आए। इसके बाद उन्होंने यहाँ पर मौजूद पेड़ गिराए, यह हमारे किए बहुत बड़ा नुकसान था। उन्होंने उस वक्त लगभग 6 से 7 पेड़ गिराए और मैं इस बात से बहुत ज़्यादा दुखी हुआ था। मैं जब सुबह सो कर उठा, तब मुझे चक्कर आ रहा था। तब मेरी पत्नी ने मुझसे आराम करने के लिए कहा। लेकिन जब तक यह सब चलता रहा, मैं तब तक ख़बरें सुनता रहा। मैं जानता हूँ कि घटना के पीछे की असल कहानी क्या थी। मैं रावलपिंडी से हूँ और GHQ को बहुत अच्छे से जानता हूँ।”
अपने लगभग दस के साल के गेंदबाज़ी के करियर में शोएब अख्तर ने 400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए। उन्हें दुनिया के सबसे तेज़ गेंदबाज़ों में एक माना जाता है।