टोक्यो ओलंपिक गेम्स 2021 की शुरुआत शुक्रवार (23 जुलाई 2021) को हो चुकी है। खेलों के इस महाकुंभ का दूसरा दिन भारत के लिए मिला जुला रहा। सबसे पहले मीराबाई चानू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को सिल्वर मेडल दिलाया। इसके बाद टेनिस में सुमित नागल ने दूसरे राउंड में अपनी जगह पक्की की। साथ ही भारतीय हॉकी टीम ने भी ओलंपिक की शुरुआत जीत के साथ की।
हॉकी टीम ने किया जीत से आगाज
शनिवार (24 जुलाई 2021) को भारत की हॉकी टीम ने ओलंपिक की शुरुआत एक रोमांचक जीत के साथ की। पूल ए में भारत का मुकाबला न्यूजीलैंड के साथ हुआ, जहाँ भारत ने विपक्षी टीम को 3-2 से हरा दिया। भारत की ओर से जीत के हीरो कप्तान हरमनप्रीत सिंह रहे, जिन्होंने 2 गोल किए। वहीं रुपिंदर पाल सिंह ने भी अपनी टीम के लिए 1 गोल किया, जिसकी बदौलत भारत, न्यूजीलैंड को हराने में सफल रही।
भारत ने 33वें मिनट में ही न्यूजीलैंड पर 3-1 की बढ़त बना ली थी। न्यूजीलैंड की ओर से केन रसेल और स्टीफेन जेनेस ने 1-1 गोल किए। अब रविवार को भारत का मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से होगा। ज्ञात हो कि पूल ए में भारत के अलावा न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेन्टीना, जापान और स्पेन हैं।
टेनिस में सुमित ने तोड़ा 25 साल का सूखा
टेनिस के पुरुष सिंगल्स में भारत के सुमित नागल को अपने पहले ही मुकाबले में जीत मिली है। सुमित ने उज्बेकिस्तान के खिलाड़ी को हराकर अगले राउंड में प्रवेश किया है।
Sumit Nagal is the first 🇮🇳 man to win a match at the Games since 1996 Atlanta. pic.twitter.com/n5lBCjXPWM
— Tennis GIFs 🎾🎥 (@tennis_gifs) July 24, 2021
सुमित ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए इस्टॉमिन डेनिस को 6-4 6-7 6-4 से हरा दिया। सुमित नागल ओलंपिक में टेनिस के पुरुष सिंगल्स में जीतने वाले तीसरे भारतीय हैं और पिछले 25 साल में ऐसा करने वाले पहले।
पहले स्थान के बाद चूके सौरव
10 मीटर एयर पिस्टल के शुरुआती राउंड में पिछड़ने के बाद भारतीय निशानेबाज सौरव ने शानदार तरीके से वापसी की और सीरीज के खत्म होने पर टॉप में रहे। पहली सीरीज में सौरव ने 95 का स्कोर किया लेकिन इसके बाद उन्होंने वापसी करते हुए दूसरी और तीसरी सीरीज में 98-98 का स्कोर किया। चौथी सीरीज में उनका शानदार प्रदर्शन रहा और उन्होंने परफेक्ट 100 का स्कोर किया, जो कोई अन्य निशानेबाज नहीं कर सका।
इसके बाद पाँचवीं और छठी सीरीज में सौरव का स्कोर क्रमशः 98 और 97 रहा। इस तरह सौरव ने दुनिया के बेहतरीन निशानेबाजों को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक 586 अंक अर्जित किए और टॉप पर रहे। इसी के साथ उन्होंने फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली थी लेकिन फाइनल में वह पदक हासिल करने में नाकामयाब रहे और 7 वें स्थान पर रहते हुए उनका ओलंपिक का सफर खत्म हो गया।