Sunday, November 17, 2024
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डिफेंस थी कमजोरी, अब उसी ताकत से ओलंपिक के सेमीफाइनल में पीवी सिंधु: वायरल हुई हिंदुत्व में आस्था वाली तस्वीरें

सिंधु की गिनती उन गिने-चुने खिलाड़ियों में भी होती है जो अपनी सनातन पहचान का पालन करने में किसी तरह की हिचकिचाहट महसूस नहीं करती हैं। हालाँकि कई बार उन्हें इसके लिए लिबरल और वामपंथी गिरोह की आलोचनाओं को भी झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने इसे हमेशा ही नजरअंदाज किया।

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का शानदार प्रदर्शन लगातार जारी है। प्री-क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को हराने के बाद सिंधु अंतिम 8 में पहुँची थीं। यहाँ उनका मुकाबला जापान की अकाने यामागूची से हुआ। दूसरे राउंड के दौरान यामागूची से पिछड़ने के बाद सिंधु ने लगातार 4 प्वाइंट लेते हुए उन्हें मात दी और सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई। सिर्फ एक और जीत से ओलंपिक में उनका पदक पक्का हो जाएगा।

कमजोरी को बनाई ताकत

कुछ समय पहले तक डिफेंस को सिंधु की कमजोरी माना जाता था। इसके चलते कई बार उन्हें हार का भी सामना करना पड़ा था। लेकिन टोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन के महिला सिंगल्स इवेंट के क्वार्टर फाइनल में सिंधु ने शानदार डिफेंस का प्रदर्शन किया और खेल को अपने नाम किया। गेम के पहले राउंड में 6-6 से बराबरी में रहने के बाद सिंधु ने दमदार स्मैश शॉट्स और क्रॉस कोर्ट शॉट्स की बदौलत बढ़त ले ली और पहला राउंड 21-13 से जीत लिया। दूसरे राउंड में भी सिंधु विपक्षी यामागूची पर हावी रहीं और 12-6 से बढ़त हासिल कर ली। लेकिन यहाँ से यामागूची ने भी सिंधु को कड़ी टक्कर देते हुए 20-18 से आगे हो गईं। अंततः सिंधु ने लगातार 4 प्वाइंटपॉइंट अर्जित किए और दूसरे राउंड को 22-20 पर खत्म करके मुकाबला जीत लिया। सेमीफाइनल में शनिवार (31 जुलाई 2021) को सिंधु का मुकाबला ताइवान की ताई जू यिंग या थाईलैंड की राचानोक इंतानोन में से किसी एक से होगा।

इस जीत के बाद सोशल मीडिया पर पीवी सिंधु की मंदिर में भगवान के दर्शन करते हुए और पारंपरिक रिवाजों का पालन करते हुए कई फोटो शेयर की जा रही हैं। सिंधु उन खिलाड़ियों में से एक हैं जो अक्सर राजनीतिक चर्चाओं से दूर रहती हैं और सिर्फ अपने खेल पर ध्यान देती हैं। सिंधु की गिनती उन गिने-चुने खिलाड़ियों में भी होती है जो अपनी सनातन पहचान का पालन करने में किसी तरह की हिचकिचाहट महसूस नहीं करती हैं। हालाँकि कई बार उन्हें इसके लिए लिबरल और वामपंथी गिरोह की आलोचनाओं को भी झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने इसे हमेशा ही नजरअंदाज किया।

केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और जी किशन रेड्डी एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी सेमीफाइनल में पहुँचने पर सिंधु को बधाई दी है।

हैदराबाद में जन्मी पुसर्ला वेंकटा सिंधु पहली भारतीय हैं जिन्होंने बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में जीत हासिल की थी। इसके अलावा 2016 के रियो ओलंपिक में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में भी भारत की ओर से खेलते हुए जीत दर्ज की है। बैडमिंटन में भारत के लिए लगातार अपना योगदान देने के लिए उन्हें अर्जुन अवार्ड, पद्म भूषण, पद्मश्री और राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड दिया जा चुका है। सेमीफाइनल में पहुँचने के बाद अब पूरे देश की नजर कल होने वाले उस मुकाबले पर है, जहाँ जीत दर्ज करने के बाद टोक्यो ओलंपिक में भी उनका पदक पक्का हो जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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