ऑस्ट्रेलिया की ओलंपियन नाविक जेसिका फॉक्स ने ओलंपिक 2021 में कुछ ऐसा क्रिएटिव किया, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने जापान के टोक्यो में हो रहे ओलंपिक के दौरान अपना खेल शुरू होने से पहले क्षतिग्रस्त हुई कायक (कश्ती) के अगले सिरे पर कार्बन फाइबर को सही करने के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया। प्रतियोगिता के दौरान उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर इसका वीडियो भी शेयर किया है। इसमें 27 वर्षीय एथिलीट ने लिखा, “शायद आप नहीं जानते होंगे कि कंडोम से कश्ती को भी ठीक किया जा सकता है। इससे कॉर्बन फाइबर बहुत ही स्मूथ हो जाता है।” इसके अलावा फॉक्स ने ओलंपिक खेलों की शुरुआत में टिकटॉक पर अपने 18,000 फॉलोवर्स के साथ एक छोटा वीडियो 23 जुलाई 2021 को शेयर किया था, जिसे 47,000 बार देखा गया है।
द गार्जियन के अनुसार, कायक (कश्ती) की मरम्मत के लिए फॉक्स ने जो कंडोम इस्तेमाल किया था, वो जापानी ओलंपिक आयोजकों द्वारा ओलंपिक विलेज (गाँव) में रहने वाले खिलाड़ियों को बाँटे गए 1,60,000 कंडोम में से एक था। आयोजकों ने खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए इसे बाँटा था।
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी की रहने वाली जेसी फॉक्स ने टोक्यो ओलंपिक में K1 कैनो स्लेलम फाइनल में कांस्य पदक हासिल किया है। वो प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर रहीं। प्रतियोगिता में उनकी स्पीड सबसे फास्ट थी और वो खुद को गोल्ड मेडल का हकदार मानती थीं, लेकिन टाइम पेनल्टी के कारण उन्हें तीसरा स्थान मिला।
हालाँकि, महिलाओं की C1 कैनो स्लेलम में ब्रिटेन की सिल्वर मेडलिस्ट मैलोरी फ्रैंकलिन को तीन सेकेंड की मात देकर फॉक्स ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। फॉक्स का एक इवेंट अभी भी बचा हुआ है।
ओलंपिक आयोजकों द्वारा एथलीटों को कंडोम देने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने इसी साल फरवरी 2021 में जारी ओलंपिक हैंडबुक के पृष्ठ 24 में खिलाड़ियों को शारीरिक संपर्क जैसे अनावश्यक गले लगाना, हाई-फाइव्स या हैंडशेक से बचने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि जेसिका फॉक्स तीन बार कैनोन स्लेलम K1 वर्ल्ड चैम्पियन भी रही हैं। इससे पहले उन्होंने वर्ष 2012 में लंदन ओलंपिक के दौरान सिल्वर मेडल जीता था और 2016 में रियो ओलंपिक के दौरान ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था। उनके माता-पिता भी ओलंपियन एथिलीट रहे हैं।