दिग्गज बैंकर उदय कोटक ने 38 साल की पारी के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के सीईओ का पद छोड़ दिया है। उन्होंने एक भावुक चिट्ठी लिखकर अपने इस फैसले की घोषणा की। चिट्ठी में उन्होंने कहा कि 1985 में, उन्होंने और उनके दो साथियों ने एक छोटे से कार्यालय में कोटक महिंद्रा फाइनेंस की स्थापना की थी। आज, यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा निजी बैंक है।
ग्राहकों-कर्मचारियों को कहा थैंक यू
उदय कोटक ने कहा कि उन्होंने हमेशा इस बैंक को एक विश्व स्तरीय बैंक बनाने का लक्ष्य रखा है और हमेशा ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया है। उदय कोटक ने कहा कि उन्होंने बैंक के कर्मचारियों को भी सम्मान और विश्वास दिया है। बैंक के कर्मचारी ही बैंक की सफलता के पीछे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि वह बैंक के बोर्ड और शेयरधारकों के आभारी हैं, जिन्होंने हमें हमेशा अपना समर्थन दिया है।
कोट महिंद्र बैंक का भविष्य उज्जवल
उदय कोटक ने कहा कि वह बैंक के उज्जवल भविष्य के लिए आशावादी हैं। इस बैंक के पास एक मजबूत टीम है जो इसे आगे ले जाएगी। उन्होंने कहा कि वह बैंक के लिए अपनी सेवाओं को जारी रखेंगे। वह गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में बैंक के साथ जुड़े रहेंगे। उदय कोटक ने कहा कि बैंक प्रस्तावित उत्तराधिकारी के लिए आरबीआई की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। उन्होंने बताया कि अंतरिम में उनके सहयोगी दीपक गुप्ता – वर्तमान में संयुक्त एमडी, अनुमोदन के अधीन एमडी और सीईओ के रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हमारे पास एक उत्कृष्ट प्रबंधन टीम है।
38 साल पहले हुई थी शुरुआत
उदय कोटक ने कहा कि संस्थापक चले जाते हैं, लेकिन संस्था निरंतर फलती-फूलती रहती है। उन्होंने कहा, “काफी समय पहले, मैंने जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन सैक्स जैसे नामों को वित्तीय दुनिया पर हावी होते देखा और भारत में ऐसी संस्था बनाने का सपना देखा। इसी सपने के साथ मैंने 38 साल पहले फोर्ट, मुंबई में 300 वर्गफुट के कार्यालय में 3 कर्मचारियों के साथ कोटक महिंद्रा की शुरुआत की थी। मैंने अपने सपने को जीते हुए, इस यादगार यात्रा के हर हिस्से को गहराई से सँजोया है।”
दिग्गज बैंकर ने कहा, “अब हम एक प्रतिष्ठित बैंक और वित्तीय संस्थान हैं, जो विश्वास और पारदर्शिता के बुनियादी सिद्धांतों पर बनाया गया है। हमने अपने हितधारकों के लिए मूल्य बनाया है और 1 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियाँ प्रदान की हैं। 1985 में हमारे साथ ₹10,000 का निवेश आज लगभग ₹300 करोड़ का होगा।”
उदय कोटक ने लिखा इमोशनल पत्र
My letter is attached pic.twitter.com/vcSIEcvy2r
— Uday Kotak (@udaykotak) September 2, 2023
उदय कोटक के इस फैसले को भारतीय बैंकिंग उद्योग में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है। बता दें कि कोटक महिंद्रा बैंक में प्रमोटर की हिस्सेदारी 26% के करीब है। नवंबर 2021 के दौरान, आरबीआई के नियमों के कारण प्रमोटर की हिस्सेदारी को लेकर उदय कोटक से टकराव की स्थिति बन गई थी। बाद में, आरबीआई ने प्राइवेट बैंकों में प्रमोटर की हिस्सेदारी 15% से बढ़ाकर 26% कर दी थी।